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Uttarkashi: ये कैसी बेबसी... छूटेगा अपना घर, वरुणावत पर्वत के बफर जोन में रहने वाले परिवार होंगे विस्थापित
अजय कुमार, संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तरकाशी
Published by: रेनू सकलानी
Updated Fri, 06 Sep 2024 10:19 AM IST
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वरुणावत पर्वत के बफर जोन में रहने वाले परिवार होंगे विस्थापित
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वर्ष 2003 में जब वरुणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था, जिससे उस दौरान लगभग 70 हजार घनमीटर मलबा शहर में पसर गया था। उसके बाद भूस्खलन क्षेत्र के उपचार के लिए इसकी तलहटी में तांबाखाणी से लेकर गोफियारा तक के क्षेत्र को संवेदनशील बताते हुए बफर जोन घोषित किया गया।
इस जोन में किसी भी तरह के नए निर्माण पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन इसकी निगरानी नहीं किए जाने से बफर जोन में कच्चा व पक्का निर्माण जारी रहा। इसी का परिणाम है कि आज इस क्षेत्र में बहुमंजिला भवन खड़े हो गए हैं।
वहीं, वर्तमान में भूस्खलन से खतरे की जद में आए गोफियारा क्षेत्र भी निर्माण और अतिक्रमण बढ़ा। अब भूस्खलन के बाद जिला प्रशासन यहां पूर्व में घोषित बफर जोन को लेकर गंभीर हुआ है, जिसके बाद यहां दीर्घकालीन सुरक्षा उपायों को लेकर बफर जोन में आने वाले परिवारों को विस्थापित करने योजना प्रस्तावित की गई है। संवाद
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वरुणावत पर्वत
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
वरुणावत पर्वत के बफर जोन में चिन्हीकरण करके करीब 30 से 40 परिवारों के विस्थापन की योजना है। यह काम दीर्घकालीन सुरक्षा उपाय के लिए जरूरी है। नो कंस्ट्रक्शन के साथ बफर जोन सुनिश्चित कराया जाएगा। -डॉ.मेहरबान सिंह बिष्ट, डीएम उत्तरकाशी।
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वरुणावत भूस्खलन से डरे हुए लोग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
21 साल पूर्व जब वरुणावत पर्वत से भूस्खलन हुआ था, तो तब भी बफर जोन में रहने वाले परिवारों को हटाने की योजना बनाई गई थी।
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दहशत में लोग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
तब उस दौरान गठित गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग आपदा पीड़ित समिति ने इसका कड़ा विरोध किया था। लोगों का कहना था कि बफर जोन की आड़ में उन्हें हटाने का प्रयास किया गया तो वह इसका विरोध करेंगे।
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