दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष पद पर रोहिणी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहुंचे विजेंद्र गुप्ता को सदन ने चुना है। निर्वाचित विधायक के लिए एक प्रस्ताव पेश किया गया। पहला प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने और दूसरा कैबिनेट मंत्री रविंदर इंद्राज पेश किया। इन प्रस्तावों का समर्थन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और प्रवेश वर्मा ने किया, जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। अध्यक्ष पद का चुनाव ''प्रोटेम स्पीकर'' अरविंदर सिंह लवली ने कराया।
Delhi: विधानसभा अध्यक्ष चुने गए विधायक विजेंद्र गुप्ता, तस्वीरों में देखें दिल्ली विधानसभा का पहला दिन
निर्वाचन के बाद अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का पहला उद्बोधन सदन में हुआ। उन्होंने कहा कि सबको मिलकर दिल्ली के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करना है। सदन के सदस्यों को पूरे सामंजस्य के साथ कार्य करना चाहिए, तभी वे जनता के प्रति अपने दायित्वों का पूरी तरह निर्वहन करने में सक्षम होंगे।
सदन जनता की आशाओं का केंद्र बिंदु होता है- अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता
निर्वाचन के बाद अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता का पहला उद्बोधन सदन में हुआ। उन्होंने सदन के सभी सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। सत्ता बदलती रहती है लेकिन सदन की गरिमा, मूल्य और परंपराएं शाश्वत रहते हैं। अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों का पूरी सत्यनिष्ठा से पालन करूंगा। सत्ता पक्ष व प्रतिपक्ष, दोनों पक्षों के सदस्य समान हैं। सदन के लोकतांत्रिक मूल्यों का संरक्षण करना प्राथमिकता रहेगी।
सबको मिलकर दिल्ली के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करना है। यही हम सबका संकल्प होना चाहिए। सदन के सदस्यों को पूरे सामंजस्य के साथ कार्य करना चाहिए, तभी वे जनता के प्रति अपने दायित्वों का पूरी तरह निर्वहन करने में सक्षम होंगे। सदन जनता की आशाओं का केंद्र बिंदु होता है। महत्वपूर्ण विषयों पर प्रश्न पूछने चाहिए और सदन में होने वाली विभिन्न चर्चाओं के दौरान अपने विचार प्रकट करने चाहिए।
सदन नियमों से चलता है
उन्होंने कहा कि सदन नियमों से चलता है। सब इन नियमों से बंधे हैं। इसलिए मेरा सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कार्यवाही के दौरान सभी निर्धारित नियमों का पालन करें। निर्धारित नियमों से अलग किसी भी प्रकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इतनी शक्ति, धैर्य और विवेक प्रदान करे कि हम आने वाले पांच वर्षों के दौरान दिल्ली की जनता की भलाई के लिए सार्थक योगदान दे सकें।
ऐतिहासिक है दिल्ली विधानसभा का सदन
दिल्ली विधानसभा का सदन ऐतिहासिक है। अध्यक्ष का पद लोकतांत्रिक मूल्यों और संसदीय परंपराओं का प्रतीक है। भारत के संसदीय इतिहास के पहले निर्वाचित अध्यक्ष विठ्ठल भाई पटेल ने ठीक 100 वर्ष पहले 1925 में इस आसन को सुशोभित किया था। इस सभागार में गोपाल कृष्ण गोखले, विठ्ठल भाई पटेल, पं. मदन मोहन मालवीय, सुंदर सिंह मजीठिया, पंडित मोतीलाल नेहरू, लाला लाजपत राय जैसे लोगों ने सुशोभित किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी यहां दो बार आए थे। निर्वाचित प्रतिनिधियों का सदन बना तो यहां पर सरदार गुरमुख निहाल सिंह, जग प्रवेश चंद्र, लाल कृष्ण आडवाणी, मीर मुश्ताक अहमद, पुरुषोत्तम गोयल, चरती लाल गोयल, सुभाष चोपड़ा, अजय माकन, चौ. प्रेम सिंह, डा. योगानंद शास्त्री, एमएसधीर, राम निवास गोयल जैसे अनुभवी नेताओं ने इस आसन की शोभा बढ़ाई है।
विधानसभा अध्यक्ष व ज्ञान बहुमूल्य साबित होगा-रेखा गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता के अध्यक्ष चुने जाने के बाद मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष नये विधानसभा अध्यक्ष को उनके आसन तक ले गए। विधानसभा अध्यक्ष को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि आपका अनुभव और ज्ञान विधानसभा के लिए बहुमूल्य साबित होगा। सदन के सदस्यों को बोलने और अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा। इस पद पर तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है, लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा संघर्ष नहीं होगा। सदन का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करेंगे।