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Delhi Blast: धमाके के पीछे न आतंकी न खालिस्तानी, जांच एजेंसियों को इन पर शक; इसलिए किया CRPF स्कूल को टारगेट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Tue, 22 Oct 2024 04:04 AM IST
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Delhi blast Naxalites suspected to be behind the blast agencies are investigating
दिल्ली, रोहिणी में विस्फोट - फोटो : AMAR UJALA

रोहिणी के सीआरपीएफ स्कूल के बाहर धमाके के मामले में सुरक्षा एजेंसियां नक्सलियों की भूमिका की जांच कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट के पीछे नक्सलियों का हाथ हो सकता है। आशंका जताई जा रही है कि नक्सलियों ने अपने इलाके में सीआरपीएफ की ओर से चलाए जा रहे अभियान के खिलाफ वारदात को अंजाम दिया है इस आशंका को देखते हुए सोमवार को सीआरपीएफ की जांच टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम ने वहां पर बारीकी से जांच-पड़ताल की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां सभी पहलुओं से जांच कर रही है।

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रोहिणी ब्लास्ट - फोटो : अमर उजाला

सीआरपीएफ की टीम छतीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। पिछले चार माह में अभियान को काफी तेज कर दिया गया है और इस दौरान 88 नक्सलियों को मार गिराया गया है। सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र से 2026 तक माओवादी समस्या को समाप्त करने की घोषणा भी की है। ऐसे में माना जा रहा है कि धमाके के पीछे नक्सलियों का भी हाथ हो सकता है। जिस जगह पर धमाका हुआ है, वहां सीआरपीएफ स्कूल के अलावा लांसर स्कूल भी है। ऐसे में सीआरपीएफ स्कूल के पास धमाका होने से सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।

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रोहिणी ब्लास्ट - फोटो : भूपिंदर सिंह

नुकसान पहुंचाना नहीं था मकसद
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से धमाके को अंजाम दिया गया है, इससे लग रहा है कि धमाके के जरिये नक्सली अपनी मौजूदगी का अहसास करना चाहते थे। उनका मकसद नुकसान पहुंचाना नहीं था। क्योंकि धमाका करने वालों ने रविवार का दिन चुना, जब स्कूल बंद होता है। टीम ने विस्फोटक की तीव्रता को जांचने के लिए वहां की मैपिंग भी की। सीआरपीएफ की टीम ने सुरक्षा एजेंसियों की ओर से घटनास्थल से उठाए गए नमूने के बारे में जानकारी भी हासिल की है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जांच टीम सभी पहलुओं की जांच कर रही है। उनके मुताबिक मौके से मिले साक्ष्य के अनुसार जांच टीम आगे बढ़ रही है।

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जांच करते सुरक्षाकर्मी - फोटो : भूपिंदर सिंह

स्कूल में पढ़ते हैं सुरक्षा बलों के अधिकारियों के बच्चे
सीआरपीएफ स्कूल में पांच श्रेणी में छात्र-छात्राओं को सिलेक्ट किया जाता है। इसमें सीआरपीएफ अधिकारियों के बच्चे, सीआरपीएफ के रिटायर्ड और हैंडीकैप अधिकारियों के बच्चे, अन्य पैरामिलिट्री फोर्सेस (आईटीबीपी, बीएसएफ आदि) के जवानों के बच्चे पढ़ते हैं। यदि सीट बचती है तो नॉन सर्विस वाले लोगों के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है।

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जांच करते सुरक्षाकर्मी - फोटो : भूपिंदर सिंह
दिल्ली में हुए धमाके...
दिनांक स्थान मौत घायल
छह जनवरी 2000 पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन 00 20
27 फरवरी 2000 पहाड़गंज 00 08
16 मार्च 2000  सदर बाजार 00 07
18 जून 2000 लाल किला 02 00
नौ मई 2001 सेना मुख्यालय/डलहौजी रोड 00 01
11 अगस्त 2001 साउथ एक्सटेंशन 00 02
13 दिसंबर 2001 संसद 11 30
22 मई 2005 लिबर्टी/सत्यम सिनेमा 01 60
14 अप्रैल 2006 जामा मस्जिद, वाल्ड सिटी, पुरानी दिल्ली 00 14
13 सितंबर 2008 करोल बाग, कनाट प्लेस और ग्रेटर कैलाश 25 150
27 सितंबर 2008 फूल बाजार, महरौली 03 21
मई 2011 दिल्ली हाई कोर्ट 00 00
सितंबर 2011 दिल्ली हाई कोर्ट 11 74
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