दशहरा से एक दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई है। सबसे खराब हवा की गुणवत्ता 248 एक्यूआई के साथ गाजियाबाद की रही है। वहीं, फरीदाबाद को छोड़कर सभी शहरों की खराब श्रेणी में दर्ज हुई। केंद्र की एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता में बदलाव देखने को मिल सकता है। बारिश होने की स्थिति में हवा की सेहत में सुधार की संभावना है।
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सांसें हुईं जहरीली: खराब हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, आज बढ़ सकता है प्रदूषण का ग्राफ, गाजियाबाद का हाल सबसे खराब
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Vikas Kumar
Updated Thu, 06 Oct 2022 09:18 AM IST
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वायु प्रदषण
- फोटो : अमर उजाला

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air pollution
- फोटो : istock
सफर के मुताबिक, बुधवार को 2.5 माइक्रोमीटर से बड़े कणों की पीएम 10 में 55 फीसदी हिस्सेदारी रही है। अगले तीन दिनों तक हवा की रफ्तार 15 से 28 किलोमीटर प्रतिघंटा रह सकती है। यदि ठीक-ठाक बारिश हो गई तो हवा की गुणवत्ता सुधर सकती है। अभी पराली के धुएं के हिस्सेदारी दिल्ली के प्रदूषण में न के बराबर दर्ज हो रही है। अगले कुछ दिनों में इसकी हिस्सेदारी दर्ज की जाएगी। बीते 24 घंटे में पीएम 10 का स्तर 177 व पीएम 2.5 का स्तर 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा।
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वायु प्रदूषण
- फोटो : अमर उजाला
मौसमी परिस्थितियों की वजह से इस साल कम होगा प्रदूषण का प्रभाव
सफर के मुताबिक, बीते वर्ष के मुकाबले इस साल अक्तूबर और नवंबर में प्रदूषण का कम प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके लिए मौसमी परिस्थितियां प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। सफर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मानसून की विदाई तय समय से देरी से हुई है। साथ ही मानसून बीतने के बाद अभी वातावरण में गर्मी बरकरार है। इस बार दिवाली भी अक्तूबर में है और एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इन सभी परिस्थितियों की वजह से हवा की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ेगी। ऐसे में अक्तूबर के अंत तक प्रदूषण का अधिक धुआं नहीं होने की संभावना है। वहीं, यदि इस बार अक्तूबर के अंत तक पराली जलाने की घटनाएं चरम पर पहुंचती हैं और पराली जलाने की घटनाएं आधी रह जाती हैं तो गंभीर श्रेणी वाला दिन रिकॉर्ड होने की संभावना भी कम है। ऐसे में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में ही दर्ज की जा सकती है।
सफर के मुताबिक, बीते वर्ष के मुकाबले इस साल अक्तूबर और नवंबर में प्रदूषण का कम प्रभाव देखने को मिल सकता है। इसके लिए मौसमी परिस्थितियां प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। सफर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मानसून की विदाई तय समय से देरी से हुई है। साथ ही मानसून बीतने के बाद अभी वातावरण में गर्मी बरकरार है। इस बार दिवाली भी अक्तूबर में है और एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन रहा है। इन सभी परिस्थितियों की वजह से हवा की सेहत धीरे-धीरे बिगड़ेगी। ऐसे में अक्तूबर के अंत तक प्रदूषण का अधिक धुआं नहीं होने की संभावना है। वहीं, यदि इस बार अक्तूबर के अंत तक पराली जलाने की घटनाएं चरम पर पहुंचती हैं और पराली जलाने की घटनाएं आधी रह जाती हैं तो गंभीर श्रेणी वाला दिन रिकॉर्ड होने की संभावना भी कम है। ऐसे में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में ही दर्ज की जा सकती है।

रावण दहन।
- फोटो : फाइल फोटो
आज बढ़ सकता है दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण का ग्राफ
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को दशहरा के अवसर पर विभिन्न जगहों पर पुतलों का दहन हुआ। एनसीआर में कुछ जगहों पर पुतलों में पटाखे भी जलाए गए। ऐसे में बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा की सेहत और बिगड़ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश होती है तो प्रदूषण कम हो जाएगा।
दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को दशहरा के अवसर पर विभिन्न जगहों पर पुतलों का दहन हुआ। एनसीआर में कुछ जगहों पर पुतलों में पटाखे भी जलाए गए। ऐसे में बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर की हवा की सेहत और बिगड़ सकती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बारिश होती है तो प्रदूषण कम हो जाएगा।
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दिल्ली वायु प्रदूषण
- फोटो : istock
दिल्ली-एनसीआर का एक्यूआई
दिल्ली- 211
फरीदाबाद- 196
गाजियाबाद- 248
ग्रेटर नोएडा- 234
गुरुग्राम- 238
नोएडा- 215
दिल्ली- 211
फरीदाबाद- 196
गाजियाबाद- 248
ग्रेटर नोएडा- 234
गुरुग्राम- 238
नोएडा- 215