मोटो जीपी रेस कान में ईयरबड लगाकर देखें, वरना बुद्ध सर्किट पर गरजती हुई सुपर बाइकों का शोर कानों को नुकसान पहुंचा सकता है। विशेषज्ञों की राय है कि मोटो जीपी की 1000 सीसी की बाइकें लगभग 115 से 125 डेसिबल का शोर करती हैं। यह एक जेट एयरक्राफ्ट के इंजन से निकलने वाली ध्वनि के बराबर है। ऐसे में सुनने की क्षमता से अधिक आवाज कानों के लिए नुकसानदायक है।
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मोटो जीपी: वीडियो और तस्वीरों में देखें सर्किट पर दौड़ती बाइकों का रोमांच, खिताबी मुकाबला आज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नोएडा Published by: Vikas Kumar Updated Sun, 24 Sep 2023 01:59 AM IST
सार
Moto GP: विश्वभर में तकनीकी विशेषज्ञों ने मोटो जीपी बाइकों के इंजन से निकलने वाली ध्वनि पर शोध किया है। दर्शक यदि 35 मीटर दूर स्टैंड पर बैठकर मोटो जीपी बाइक रेस देखते हैं तो 115 से लेकर 125 डेसिबल तक ध्वनि दर्शकों के कानों तक पहुंचेगी।
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मोटो जीपी रेस
- फोटो : अमर उजाला

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मोटो जीपी रेस
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बाइकों का शोर कान पर डालता है जोर
22 सितंबर से विश्व के 22 सर्वश्रेष्ठ राइडर्स बुद्ध सर्किट पर 1000 सीसी की सुपर बाइकें ट्रैक पर दौड़ा रहे हैं और कल यानी रविवार को इसकी फाइनल रेस होनी है। ऐसे में ये बाइकें फाइनल में गरजेंगी तो सुपर बाइकों का शोर दर्शकों के कान को क्षति पहुंचा सकता है।
22 सितंबर से विश्व के 22 सर्वश्रेष्ठ राइडर्स बुद्ध सर्किट पर 1000 सीसी की सुपर बाइकें ट्रैक पर दौड़ा रहे हैं और कल यानी रविवार को इसकी फाइनल रेस होनी है। ऐसे में ये बाइकें फाइनल में गरजेंगी तो सुपर बाइकों का शोर दर्शकों के कान को क्षति पहुंचा सकता है।
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- फोटो : अमर उजाला
विशेषज्ञों ने भी चेताया
राजकीय आयुर्विज्ञान स्थित ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हुकुम सिंह ने बताया कि मनुष्य आम तौर पर 70 से लेकर 80 डेसिबल ध्वनि का प्रयोग एक-दूसरे से बातचीत में करता है। यह करीब 20 हर्ट्ज से लेकर 20000 हर्ट्ज तीव्रता की ध्वनि होती है। विशेषज्ञों के अनुसार 85 डेसिबल से अधिक ध्वनि कान के लिए नुकसानदायक होती है। तेज आवाज और तेज संगीत अधिक समय तक सुनना अक्सर बहरापन का कारण बन जाता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि यदि एक व्यक्ति सप्ताह भर तक 90 डेसिबल की ध्वनि प्रतिदिन आठ घंटे तक सुनता है तो वह पूरी तरह से बहरा हो सकता है।
राजकीय आयुर्विज्ञान स्थित ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. हुकुम सिंह ने बताया कि मनुष्य आम तौर पर 70 से लेकर 80 डेसिबल ध्वनि का प्रयोग एक-दूसरे से बातचीत में करता है। यह करीब 20 हर्ट्ज से लेकर 20000 हर्ट्ज तीव्रता की ध्वनि होती है। विशेषज्ञों के अनुसार 85 डेसिबल से अधिक ध्वनि कान के लिए नुकसानदायक होती है। तेज आवाज और तेज संगीत अधिक समय तक सुनना अक्सर बहरापन का कारण बन जाता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि यदि एक व्यक्ति सप्ताह भर तक 90 डेसिबल की ध्वनि प्रतिदिन आठ घंटे तक सुनता है तो वह पूरी तरह से बहरा हो सकता है।

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कुछ घंटों का रोमांच और आनंद पहुंचा सकता है कानों को नुकसान
विश्वभर में तकनीकी विशेषज्ञों ने मोटो जीपी बाइकों के इंजन से निकलने वाली ध्वनि पर शोध किया है। दर्शक यदि 35 मीटर दूर स्टैंड पर बैठकर मोटो जीपी बाइक रेस देखते हैं, ऐसे में 115 से लेकर 125 डेसिबल तक ध्वनि दर्शकों के कानों तक पहुंचेगी। खास बात यह है कि 1000 सीसी की 22 मोटरसाइकिल जब बुद्ध सर्किट के ट्रैक पर दौड़ेंगी तो यह शोर बढ़कर 135 डेसिबल तक पहुंच सकता है। ऐसे में कुछ घंटों का रोमांच और आनंद दर्शकों के कानों को कुछ समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। ईएनटी विशेषज्ञों की राय है कि रेस का मजा लेते समय दर्शक कानों में बड का उपयोग जरूर करें।
विश्वभर में तकनीकी विशेषज्ञों ने मोटो जीपी बाइकों के इंजन से निकलने वाली ध्वनि पर शोध किया है। दर्शक यदि 35 मीटर दूर स्टैंड पर बैठकर मोटो जीपी बाइक रेस देखते हैं, ऐसे में 115 से लेकर 125 डेसिबल तक ध्वनि दर्शकों के कानों तक पहुंचेगी। खास बात यह है कि 1000 सीसी की 22 मोटरसाइकिल जब बुद्ध सर्किट के ट्रैक पर दौड़ेंगी तो यह शोर बढ़कर 135 डेसिबल तक पहुंच सकता है। ऐसे में कुछ घंटों का रोमांच और आनंद दर्शकों के कानों को कुछ समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। ईएनटी विशेषज्ञों की राय है कि रेस का मजा लेते समय दर्शक कानों में बड का उपयोग जरूर करें।
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क्यों इतनी तेज आवाज करती है सुपर बाइक
1000 सीसी की सुपर बाइक में चार सिलेंडर वी-ट्विन इंजन होता है। इंजन के क्रैंक में एक बार में 90 डिग्री रोटेशन फायर करता है। इससे धमाके जैसी आवाज होती है। बाइक जितनी तेजी से चलती है यह आवाज फोर्स के साथ उतनी बढ़ जाती है।
1000 सीसी की सुपर बाइक में चार सिलेंडर वी-ट्विन इंजन होता है। इंजन के क्रैंक में एक बार में 90 डिग्री रोटेशन फायर करता है। इससे धमाके जैसी आवाज होती है। बाइक जितनी तेजी से चलती है यह आवाज फोर्स के साथ उतनी बढ़ जाती है।
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