दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में मंगलवार का दिन आंदोलन के नाम रहा। प्रशासनिक भवन पर पूरे दिन अफरातफरी रही। प्री-पीएचडी छात्र पहले से ही धरने पर बैठे थे, हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त के धरने पर बैठने से माहौल और गरम हो गया। प्रो. गुप्त के समर्थन में एक-एक कर सात प्रोफेसर भी धरने पर बैठ गए। कुछ छात्र-छात्राओं ने भी मौके पर जाकर समर्थन दिया।
उधर, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने भी धरना शुरू कर दिया। इसी बीच एनसी हॉस्टल में मेस बंद होने से नाराज छात्रों ने जमकर हंगामा किया। पहले प्रवेश द्वार का चैनल बंद कर दिया और फिर मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। इससे कई विद्यार्थी अंदर ही फंस गए। आंदोलनकारियों को समझाने में मुख्य नियंता प्रो सतीश चंद्र पांडेय और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
प्रो. कमलेश के धरने पर बैठते ही टाइप होने लगा निलंबन का आदेश
हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के धरने पर बैठते ही, उनके निलंबन का निर्णय ले लिया गया और आदेश टाइप हो गया।
मंगलवार सुबह 11 बजे प्रो. गुप्त पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थल के समक्ष धरने पर बैठने पहुंचे। वहां पहले से ही मौजूद अधिष्ठाता छात्र कल्याण व चीफ प्रॉक्टर उन्हें रोकने की कोशिश में जुट गए। एक घंटे तक बातचीत, नोकझोंक चलती रही। इसके बाद प्रो. कमलेश गुप्त प्रतिमा स्थल से नीचे आकर पास में ही धरने पर बैठ गए। इस बीच विश्वविद्यालय के सात प्रोफेसर भी आ गए और प्रो. गुप्त को समर्थन देते हुए, दूसरी जगह धरने पर बैठे। छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष अमन यादव, छात्रनेता शिवशंकर गोंड, भाष्कर चौधरी, गौरव वर्मा ने भी प्रो. गुप्त के धरने का समर्थन किया।
इन आरोपों में निलंबित हुए प्रो. कमलेश
गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त पर विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्य करने संबंधित कई आरोप लगे हैं। कुलसचिव की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक प्रो. गुप्त पर विश्वविद्यालय के पठन पाठन के माहौल को खराब करने, आवंटित कक्षाओं में बिना सूचना न पढ़ाने, समय सारिणी के अनुसार न पढ़ाने, असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए टिप्पणी करने, विद्यार्थियों को अपने घर बुलाकर घरेलू कार्य कराने तथा उनका उत्पीड़न करने, जो विद्यार्थी उनकी बात नहीं सुनते, उनको परीक्षा में फेल करना करने की धमकी देने, महाविद्यालयों में मौखिकी परीक्षाओं में धन उगाही की शिकायत, नई शिक्षा नीति, नए पाठ्यक्रम तथा सीबीसीएस प्रणाली के बारे में दुष्प्रचार करने, सोशल मीडिया पर बिना विश्वविद्यालय के संज्ञान में लाए भ्रामक प्रचार करने, अनुशासनहीनता एवं दायित्व निर्वहन के प्रति घोर लापरवाही तथा कर्तव्य विमुखता का आरोप है।
निलंबित होने से विभागाध्यक्ष नहीं बन पाएंगे प्रो. कमलेश
गोरखपुर विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष के रूप में प्रो. अनिल कुमार राय के तीन वर्ष का कार्यकाल 28 दिसंबर को पूरा हो जाएगा। उनकी जगह वरिष्ठतम आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त को विभागाध्यक्ष बनाया जाना था। लेकिन, मंगलवार को उन्हें निलंबित किए जाने के बाद कुलपति के आदेश पर अगले वरिष्ठतम आचार्य प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी को 29 दिसंबर से तीन वर्ष के लिए विभागाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ. त्यागी हिंदी विभाग के साथ-साथ अध्यक्ष, संस्कृत विभाग के कार्यों का निर्वहन करेंगे।
मानदेय न मिलने पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने दिया धरना
विश्वविद्यालय में आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों ने पांच महीने से मानदेय न मिलने पर मंगलवार को धरना शुरू कर दिया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय सिंह ने उनसे बातचीत कर मानेदय भुगतान का आश्वासन दिया।
प्रशासनिक भवन पर धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि पांच महीने से मानदेय नहीं मिलने के कारण परिवार का भरण पोषण करने में परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। कई बार इसे लेकर विवि के अधिकारियों से गुहार लगाई गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। एजेंसी के माध्यम से करीब 300 आउटसोर्सिंग कर्मचारी विश्वविद्यालय में कार्यरत है।
मेस बंद होने पर भड़के भूखे छात्रों ने किया प्रदर्शन
विश्वविद्यालय के एनसी हॉस्टल में तीन दिन चलने के बाद सोमवार को मेस बंद हो गए। भूखे छात्रों ने प्रशासनिक भवन पर जमकर हंगामा किया। मुख्य द्वार और चैनल को बंद करा दिया और धरने पर बैठ गए। मौके पर पहुंचे अभिरक्षक डॉ. अमित उपाध्याय से इस्तीफा देने की मांग करने लगे। धरना दे रहे छात्रों से बाद में अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने भी बात की। उन्हें समझाने की कोशिश की। बाद में विवि प्रशासन की ओर से जल्द ही मेस शुरू कराने के आश्वासन पर छात्र माने। उनका कहना था कि एडवांस में हमसे शुल्क जमा करा दिया गया। अब मेस बंद कर दिया गया है, हम लोग भोजन कहां करें ?
अभिरक्षक डॉ. अमित उपाध्याय ने कहा कि छात्रहित में हर संभव निर्णय लिया जाएगा। छात्रावास में कोई समस्या न हो, इसका ख्याल में रखा गया है। रैनक कैटर्स को ठेका दिया गया था, तीन दिन मेस चलाने के बाद अपनी समस्या बताकर संचालक निर्मेश श्रीवास्तव ने मेस चलाने से मना कर दिया। मेस संचालन के लिए बुधवार को नए कैटर्स को बुलाया गया है।
विवि में धरना-प्रदर्शन पर लगी रोक
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह के निर्देश पर विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार के धरना, प्रदर्शन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। शिक्षक, कर्मचारी व विद्यार्थी अगर इस आदेश का उल्लंघन करते हैं तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
10 दिनों की अमेरिका यात्रा पर गए कुलपति
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह मंगलवार की शाम 10 दिनों के लिए अमेरिका की यात्रा पर रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान प्रो. सिंह अमेरिका के कुछ बहुप्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों में भी जाएंगे। यात्रा के दौरान कुलपति यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड कॉलेज पार्क, जॉन होपकिंग्स यूनिवर्सिटी में कई शैक्षणिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। दोनों शैक्षणिक संस्थानों की यात्रा के दौरान कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए समझौतों के लिए प्रयास किया जाएगा। मेरीलैंड यूनिवर्सिटी रिसर्च, एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन की ग्लोबल लीडर है। जहां 40,700 विद्यार्थी, 4 लाख पुरातन छात्र, 14 हजार फैकल्टी और स्टॉफ मौजूद है।