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Nirbhaya case: निर्भया के गुमनाम दोस्त की कहानी, जिसके बयान पर हुई थी आरोपियों को फांसी

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Fri, 16 Dec 2022 04:07 PM IST
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Nirbhaya case special story of Nirbhaya Friend know about nirbhaya after 10 years
Nirbhaya Case - फोटो : अमर उजाला।

10 साल पहले 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में एक चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे मरने के लिए सड़क पर फेंक दिया गया था। इस दौरान उसके साथ उसका साथी अवनींद्र भी उसी बस में सवार था। घटना के सात साल तीन महीने बाद निर्भया को इंसाफ मिला था। निर्भया के गुनहगारों में अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता सहित छह लोग शामिल थे। इसमें रामसिंह नामक एक आरोपी ने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और एक नाबालिग को सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था। इस कड़ी में अवनींद्र की गवाही बहुत महत्वपूर्ण रही है। अवनींद्र गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं। 






 

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Nirbhaya Case: बाएं निर्भया की मां, दाएं अवनींद्र। (File) - फोटो : अमर उजाला।

अवनींद्र गोरखपुर के ही रहने वाले हैं। फिलहाल अब वह चार साल के बेटे और पत्नी के साथ एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर विदेश में कार्यरत हैं। अवनींद्र के पिता अभिवक्ता भानू प्रकाश पांडे गोरखपुर शहर में ही रहते हैं। उनका कहना है कि अवनींद्र उस दिन को कभी भूला नहीं पाया।

 

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इसी बस में निर्भया के साथ हुई थी हैवानियत। (फाइल) - फोटो : अमर उजाला।

भानू प्रकाश निर्भया कांड को यादकर भावुक हो जाते हैं, वे कहते हैं कि अवनींद्र को उस दिन का दर्द हमेशा सताता है। वह सोचता है कि काश, वह उसे बचा पाता। भानू प्रकाश बताते हैं कि आरोपियों ने उन्हें पहले बस में लिफ्ट दी और उनका सारा सामान लूट लिया। इसके बाद दोनों को बस के अंदर ही बेरहमी से मारा-पीटा। दोषियों का इससे भी मन नहीं भरा तो उन्होंने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

 

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Nirbhaya case - फोटो : अमर उजाला

उन्होंने बताया कि इसके बाद दोषियों ने चलती बस से पहले अवनींद्र को बिना कपड़ों के सड़क पर फेंक दिया और फिर निर्भया को भी...। दोषियों ने सोचा कि इतनी रात को इनकी मदद करने कोई नहीं आएगा, ऐसे में दोनों दर्द और ठंड से मर जाएंगे।

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nirbhaya case - फोटो : अमर उजाला

भानू प्रकाश कहते हैं कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि इंसानों के बीच में ऐसे लोग छिपे हैं जो इस हद तक जाएंगे। किसी आम इंसान के साथ इतनी हैवानियत कोई कैसे कर सकता है। इस केस में अवनींद्र की गवाही की भूमिका बड़ी अहम साबित हुई है। गौरतलब है कि निर्भया के चारों गुनहगारों अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को 20 मार्च 2020 की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया था।
 

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