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APJ Abdul Kalam: गोरखपुर के लोग आज भी नहीं भूले वो दिन, जब मिसाइल मैन ने कहा था- 'हेलो फ्रेंड्स'

अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Mon, 27 Jul 2020 03:48 PM IST
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Speciel story of apj abdul kalam death anniversary from Gorakhpur
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम। (फाइल फोटो) - फोटो : अमर उजाला।

27 जुलाई 2015 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का निधन हो गया था लेकिन यह मिसाइल मैन आज भी गोरखपुर की यादों में जीवित है। आज की राजनीति देखकर लोग उन्हें जरूर याद करते हैं। कलाम साहब हमेशा ही अपना विशेष और सर्वश्रेष्ठ देने को कहते रहे चाहे वह कोई क्षेत्र क्यों ना हो। बता दें कि गोरखपुर में पूर्व राष्ट्रपति कलाम का आना दो बार हुआ लेकिन 10 फरवरी 2011 को सेंट जोसेफ इंटर कॉलेज, गोरखनाथ में बच्चों के संग हुए संवाद शायद ही किसी को भूला होगा।

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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम। (फाइल फोटो) - फोटो : amar ujala

बच्चों से संवाद करते हुए उन्होंने पूछा कि राजनीति में कौन-कौन जाना चाहता है। लेकिन इस सवाल के जवाब में बहुत कम हाथ उठे। फिर पूछा वैज्ञानिक, चिकित्सक और इंजीनियर कौन बनेगा, लगभग सभी हाथ उठ गए। कलाम साहब उस वक़्त मुस्कुराते हुए कहे कि कोई क्षेत्र ख़राब नहीं होता न ही उसको कमतर आंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां भी जाओ अपना सौ फीसद दो। लगभग दो घंटे तक चली उनकी पाठशाला में बच्चे पूरी तन्मयता से उन्हें सुनते रहे। अंत में वह मंच से नीचे उतरे और बच्चों के बीच घुल-मिल गए।

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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम। (फाइल फोटो) - फोटो : amar ujala

आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी यादें आज भी गोरखपुर के जेहन में है। लोग याद करते हैं कि कैसे इतने बड़े पद पर रहते हुए भी, उन्हें कभी अभिमान छू नहीं पाया। वह जीवन भर बच्चों के बीच रहे और उन्हें लक्ष्य की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।

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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम। (फाइल फोटो)

लोग आज भी याद करते हैं कि वह बच्चों के एक-एक सवाल का बड़े ही सुंदर ढंग से जवाब दिए थे। हर कोई उनकी विद्वता और हाजिर जवाबी का कायल हो गया था। एक पल के लिए किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि वह विश्व के एक महान वैज्ञानिक के साथ हैं।

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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम। (फाइल फोटो)
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मंच पर चढ़ते ही कहा कि 'हेलो फ्रेंड्स, थैंक्स ऑल ऑफ यू' इतना कहते ही पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कलाम के सामने बैठे हजारों बच्चों के चेहरे भी दमक उठे थे। फिर, बिना कोई औपचारिकता के स्मार्ट क्लास में अपने निराले अंदाज में बच्चों को पाठ पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने बताया कि लक्ष्य, ज्ञान, कड़ी मेहनत और जूझने की क्षमता ही व्यक्ति को सफलता दिला सकती है।
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