{"_id":"5fd9bf598ebc3e3d51733870","slug":"very-dangerous-retinopathy-disease-for-sugar-patients-who-included-vision-2020-right-to-site-initiative","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"बेहद खतरनाक है शुगर से होने वाली ये बीमारी, डब्लूएचओ ने खास विजन में किया शामिल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बेहद खतरनाक है शुगर से होने वाली ये बीमारी, डब्लूएचओ ने खास विजन में किया शामिल
अमर उजाला ब्यूरो, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Wed, 16 Dec 2020 01:44 PM IST
विज्ञापन
प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : अमर उजाला।
शुगर (मधुमेह) के मरीजों को रेटिनोपैथी का खतरा अधिक होता है। इस बीमारी से आंखों की रोशनी जाने का डर अधिक रहता है। यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इस बीमारी को अपने विजन 2020 राइट टू साइट इनीशिएटिव में शामिल किया है।
Trending Videos
प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : पेक्सेल्स
विशेषज्ञ डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीजों को कोरोना वायरस से बचने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि वायरस का खतरा ऐसे मरीजों पर सबसे अधिक है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऐसे मरीज की जान भी जा चुकी है। कॉलेज के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी बेहद खतरनाक बीमारी है। यह बीमारी शुगर के कारण होती है। इसकी वजह से आंखों में सूखापन, धुंधलापन, मोतियाबिंद और रेटिना संबंधी समस्या हो जाती है। लोगों की आंखों की रोशनी तक चली जाती है। इस बीमारी में मरीज के आंख का पर्दा फट जाता है। इस बीमारी में रेटिना को रक्त पहुंचाने वाली बेहद पतली वाहिकाएं खराब हो जाती हैं। समय से ऐसे मरीजों का इलाज नहीं हुआ तो वह हमेशा के लिए अंधेपन का शिकार हो जाते हैं। दुनिया में अंधेपन का यह सबसे बड़ा कारण है।
विज्ञापन
विज्ञापन
प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : अमर उजाला।
जिले में 40 से 50 प्रतिशत डायबिटिक रेटिनोपैथी के मरीज
डॉ. रामकुमार ने बताया कि जिले में 40 से 50 प्रतिशत मरीज डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि औसतन हर घर में शुगर का एक मरीज जरूर है। बताया कि यह रोग शुगर के मरीज को बीमारी के आठ से 10 साल बाद हो ही जाता है। इससे बचाव का एक ही उपाय है कि समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहें। वरना यह स्थिति भयावह हो जाएगी।
डॉ. रामकुमार ने बताया कि जिले में 40 से 50 प्रतिशत मरीज डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि औसतन हर घर में शुगर का एक मरीज जरूर है। बताया कि यह रोग शुगर के मरीज को बीमारी के आठ से 10 साल बाद हो ही जाता है। इससे बचाव का एक ही उपाय है कि समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहें। वरना यह स्थिति भयावह हो जाएगी।
डॉ. रामकुमार।
- फोटो : अमर उजाला।
ऐसे मरीज कोरोना से बचें
डॉ. रामकुमार ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी मरीजों को कोरोना वायरस से बचने की जरूरत है। अगर ऐसे मरीजों के अंदर वायरस प्रवेश कर गया तो उनके लिए ज्यादा खतरनाक साबित होगा। बीआरडी में इस तरह के मरीज की मौत भी हो चुकी है।
डॉ. रामकुमार ने बताया कि डायबिटिक रेटिनोपैथी मरीजों को कोरोना वायरस से बचने की जरूरत है। अगर ऐसे मरीजों के अंदर वायरस प्रवेश कर गया तो उनके लिए ज्यादा खतरनाक साबित होगा। बीआरडी में इस तरह के मरीज की मौत भी हो चुकी है।
विज्ञापन
प्रतीकात्मक तस्वीर।
- फोटो : पेक्सेल्स
डायबिटिक रेटिनोपैथी के लक्षण
- आंखों में लालीपन
- रोगी को रेखाएं टेढ़ी दिखती है
- आंखों में खून का आना
- आंखों में लाल नसों का जाल बढ़ जाना