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Tokyo Olympic 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित ने जूतों की चाहत में पकड़ी थी हॉकी स्टिक, अब बने सोनीपत के पहले पुरुष हॉकी ओलंपियन
अंकित चौहान, अमर उजाला, सोनीपत (हरियाणा)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 22 Jul 2021 12:55 PM IST
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टोक्यो ओलंपिक 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित
- फोटो : अमर उजाला
अभावों की भट्टी में तपकर सोनीपत के कुराड़ गांव का प्रतिभाशाली हॉकी खिलाड़ी सुमित सोना बनकर निकला है। सुमित को सोनीपत का पहला पुरुष ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी होने का गौरव भी मिला है। कुराड़ गांव के सुमित आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बचपन में सुमित को हॉकी स्टिक और जूतों की बहुत चाहत थी। आठ वर्ष की आयु में बड़े भाई अमित ने सुमित को खेलने के लिए यही लालच दिया। बस, सुमित फौरन गांव के एचके वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्थापित हॉकी अकादमी की ओर दौड़ लिए। हॉकी स्टिक व जूते पाकर ऐसी खुशी मिली कि उन्होंने हॉकी को ही जीवन बना लिया। मजदूर पिता प्रताप सिंह व माता दर्शना देवी ने भी सुमित की खेल के प्रति रुचि देखकर कभी घर की गुजर-बसर में हाथ बंटाने के लिए दबाव नहीं दिया। बड़े भाई जय सिंह और अमित ने खुद मजदूरी कर परिवार की जरूरतों को पूरा किया और सुमित को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। शुरुआती दौर में सुमित अकेले ही घंटों तक मैदान में स्टिक और गेंद के साथ अभ्यास करते रहते थे। हॉकी कोच नरेश के नेतृत्व में उनका खेल निखरा। स्कूल की ओर से उन्होंने प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया। एक बार गुरुग्राम हॉस्टल के लिए ट्रायल निकले तो उनका चयन हो गया। करीब तीन साल तक वे हॉस्टल में रहे। इसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के उत्तर क्षेत्रीय केंद्र बहालगढ़ में उनका चयन हुआ।


टोक्यो ओलंपिक 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित
- फोटो : अमर उजाला
सुमित के बड़े भाई अमित बताते हैं कि उनका छोटा भाई सोनीपत पुरुष हॉकी का पहला ओलंपियन बना है। सुमित ने अभावग्रस्त जीवनयापन किया है, लेकिन अभावों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। समय-समय पर सुमित ने भी होटल वगैरह में काम कर परिवार को आर्थिक सहारा देने का प्रयास किया है। परिवार पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए वह हॉस्टल और साई से अपने घर पर भी बहुत कम आता था। बड़े भाई जय सिंह की शादी में भी वह अपनी खेल प्रतियोगिता के कारण शामिल नहीं हो सका।
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टोक्यो ओलंपिक 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित
- फोटो : अमर उजाला
सुमित को ग्रामीण खेलों में (अंडर-16 आयुवर्ग) हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जाना था, जिसके लिए साढ़े सात सौ रुपये की आवश्यकता थी। लेकिन आर्थिक स्थिति रोड़ा बन गई। इस पर बड़े भाई जय सिंह ने अपनी घड़ी गिरवी रखकर सुमित को खेलने के लिए भेजा। सुमित ने अपनी प्रतिभा, लगन व मेहनत के बल पर लगातार सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सुमित की माता का नवंबर-2020 में देहांत हो गया था।

टोक्यो ओलंपिक 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित
- फोटो : अमर उजाला
हॉकी खिलाड़ी सुमित ने स्कूल स्तर से ही हॉकी में नाम कमाना शुरू कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना जलवा बिखेरा। बेहतरीन मिड-फिल्डर सुमित मलेशिया में हुए सुल्तान जौहर कप और 2016 में हुए जूनियर विश्व कप में स्वर्णिम पदक हासिल किया। उन्होंने 2016 में हुई इंडियन हॉकी लीग में हिस्सा लेते हुए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी प्राप्त किया। 2017 में मलयेशिया में हुए सुल्तान अजलानशाह कप में कांस्य पदक, लंदन में हुई विश्व लीग में सेमीफाइनल तक का सफर तय करते हुए बांग्लादेश में हुए एशिया कप में स्वर्णिम पताका फहराई और इसी वर्ष विश्व हॉकी लीग में कांस्य पदक भी जीता।
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टोक्यो ओलंपिक 2021: हॉकी खिलाड़ी सुमित
- फोटो : अमर उजाला
2018 में सुल्तान अजलानशाह कप तथा कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया। 2018 में ओमान में हुई एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीता और सीनियर विश्व कप में प्रतिभागिता की। 2019 में मलयेशिया में हुए सुल्तान अजलानशाह कप में रजत पदक प्राप्त करते हुए ओलंपिक क्वालीफाई राउंड में क्वालीफाई किया। उन्होंने बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, भारत, रशिया व इंग्लैंड में हुई विभिन्न हॉकी प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया।