सब्सक्राइब करें

Tokyo Olympic 2021: चोट के कारण आई थी कुश्ती छोड़ने की नौबत, अब पदक का सूखा खत्म करने उतरेंगी विनेश फौगाट 

संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी (हरियाणा) Published by: निवेदिता वर्मा Updated Thu, 22 Jul 2021 04:45 PM IST
विज्ञापन
Success Story of Wrestler Vinesh Phogat of Haryana
विनेश फौगाट - फोटो : फाइल फोटो
महज पांच वर्ष की उम्र से ही विनेश फौगाट ने अपने ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट के माटी के अखाड़े में कुश्ती के दांव-पेच सीखे। वे मेट पर भी नहीं, बल्कि सामान्य जिंदगी में भी बेहद मजबूत हैं। विश्व की नंबर एक महिला पहलवान का दर्जा प्राप्त करने वालीं विनेश फौगाट का जीवन शुरुआत से ही चुनौतियों से भरा रहा। बचपन में पिता राजपाल फौगाट का साया सिर से उठा तो इसके बाद मां प्रेमलता कैंसर से ग्रस्त हो गईं। तमाम चुनौतियों से पार पाकर विनेश ने न केवल कुश्ती खेल के प्रति लड़कियों का नजरिया बदला है, बल्कि संघर्ष के बलबूते मुकाम हासिल करने की भी एक नजीर पेश की है। टोक्यो ओलपिंक के लिए चयनित दल में विनेश फौगाट को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। विनेश फौगाट राष्ट्रमंडल के अलावा एशियन गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता महिला पहलवान हैं। उन्हें सरकार अर्जुन अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से नवाज चुकी है। 2016 के रियो ओलंपिक की शुरुआत तो विनेश ने अपने ही अंदाज में की थी, लेकिन दुर्भाग्य से बाउट के दौरान उनके घुटने में चोट लग गई और उन्हें मैच से बाहर होना पड़ा था। इससे विनेश के साथ देशवासियों की पदक की उम्मीद भी चकनाचूर हुई थी।
loader
Success Story of Wrestler Vinesh Phogat of Haryana
विनेश फौगाट - फोटो : फाइल फोटो
उस चोट के बाद तो चिकित्सकों ने विनेश को कुश्ती छोड़ने की सलाह तक दे दी थी। चिकित्सकों का कहना था कि अगर मेट पर वापसी की तो पैर भी खराब हो सकता है। इसके बावजूद विनेश ने हार नहीं मानी और करीब दस माह की कड़ी मेहनत के बाद दोबारा मैट पर न केवल वापसी की, बल्कि अपनी ख्याति अनुरुप राष्ट्रमंडल और एशियन खेलों में स्वर्ण पदक भी हासिल किए। 
 
विज्ञापन
विज्ञापन
Success Story of Wrestler Vinesh Phogat of Haryana
विनेश फौगाट - फोटो : फाइल फोटो
ऐसे में इस बार न केवल बलालीवासियों को बल्कि देशवासियों को भी विनेश से पिछले ओलपिंक का सूखा पदक में बदलने की उम्मीद है। टोक्यो ओलपिंक के लिए क्वालीफाई करने वालीं विनेश पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। वे 53 किलोग्राम भारवर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
 
Success Story of Wrestler Vinesh Phogat of Haryana
पति के साथ विनेश फौगाट - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विनेश को बचपन में गीता और बबीता के साथ कुश्ती के गुर सिखाने वाले ताऊ एवं द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फौगाट ने बताया कि परिवार के साथ देशवासियों को विनेश से पदक की उम्मीद है और वह इस पर जरूर खरा उतरेगी। उन्होंने बताया कि रियो ओलंपिक में दुर्भाग्य से विनेश को मैच छोड़ना पड़ा था। इस बार विनेश और मजबूत दावेदारी पेश करेगी।

 
विज्ञापन
Success Story of Wrestler Vinesh Phogat of Haryana
विनेश फौगाट - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विनेश की उपलब्धियां  
- वर्ष 2013 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक 
- 2013 में कामनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में रजत पदक
- वर्ष 2014 में राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक
- वर्ष 2015 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक
- वर्ष 2016 में रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में पहुंची, लेकिन घुटने में चोट लगने से घायल हुई
- वर्ष 2016 में अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया
- वर्ष 2018 में राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2019 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक
- वर्ष 2019 में पोलैंड ओपन रेसलिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2020 में रोम में एक रेंकिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा गया,
- वर्ष 2021 में यूक्रनियन रेसलर्स एंड कोचेस मेमोरियल टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2021 में पोलैंड ओपन रेसलिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed