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JNU और विवाद: मुशायरे में PAK का गुणगान, जवानों की शहादत पर जश्न! कभी इंदिरा के आदेश पर डेढ़ महीने रहा था बंद
स्पेशल डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Wed, 25 Jan 2023 01:04 PM IST
सार
ये पहली बार नहीं है जब देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू विवादों में है। जेएनयू का विवादों से लंबा नाता रहा है। कभी पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा तो कभी भारतीय जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप यहां के छात्रों पर लगता रहा है। कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। एक बार तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विश्वविद्यालय ही बंद करने का आदेश दिया था। आइए जानते हैं कब-कब जेएनयू बड़े विवादों में रहा...
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां BBC की विवादित और प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर मंगलवार की रात जमकर बवाल हुआ। देर रात तक यहां छात्रों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को रोकने के लिए कैंपस की बिजली काट दी। इसके साथ ही इंटरनेट बंद कर दिया गया। इसके खिलाफ जब छात्रों ने मार्च निकाला, तो उन पर पत्थरबाजी की गई।
ये पहली बार नहीं है जब देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू विवादों में है। जेएनयू का विवादों से लंबा नाता रहा है। कभी पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा तो कभी भारतीय जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप यहां के छात्रों पर लगता रहा है। कई बार हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। एक बार तो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विश्वविद्यालय ही बंद करने का आदेश दिया था। आइए जानते हैं कब-कब जेएनयू बड़े विवादों में रहा...
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जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में इंदिरा गांधी। (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
शुरुआत इंदिरा गांधी के समय से करते हैं
ये बात 1980 की है। तब इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री हुआ करती थीं। जेएनयू में वामपंथी संगठन और राइट विंग के छात्रों के बीच किसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। ये विवाद इतना बढ़ गया कि 16 नवंबर 1980 से लेकर तीन जनवरी 1981 तक इसे बंद करना पड़ा था। इंदिरा गांधी ने खुद इसे बंद रखने के आदेश दिए थे। हालात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) प्रेसीडेंट राजन जी को हिरासत में लेना पड़ा था।
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जेएनयू और विवाद (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
साल 2000 : पाकिस्तान के समर्थन में मुशायरा कराने का आरोप
जेएनयू में एक मुशायरे का आयोजन हुआ। इसमें कई गजलें पढ़ी गईं। आरोप है कि इस दौरान कई गजलें पाकिस्तान के समर्थन में भी पढ़ी गईं। तब वहां मौजूद सेना के दो जवानों ने इसका विरोध किया। इसपर मुशायरे का आयोजन करने वाले छात्र संगठन के नेताओं ने दोनों जवानों को बुरी तरह से पीट दिया। तब ये मामला भाजपा सांसद बीसी खंडूरी ने संसद में भी उठाया था।
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मनमोहन सिंह
- फोटो : अमर उजाला
2005: ईरान पर प्रतिबंध का समर्थन करने पर पीएम मनमोहन का विरोध
मामला 2005 का है। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जेएनयू कैंपस में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाना था। तब भारत ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर प्रतिबंध के अमेरिकी प्रस्ताव का समर्थन किया था। जेएनयू कैंपस में छात्रों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कहा जाता है कि इस दौरान प्रधानमंत्री का रास्ता भी रोकने की भी कोशिश हुई थी।
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जेएनयू छात्र
- फोटो : ANI
2010 : जवानों की शहादत पर जश्न मनाने का आरोप
मामला 2010 का है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमला हुआ। सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए थे। कांग्रेस के छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आरोप लगाया कि वामपंथी छात्र संघ के छात्रों ने इसकी खुशी मनाने के लिए कैंपस में कार्यक्रम का आयोजन किया। यह भी दावा किया गया कि इस दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए।
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