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National Pollution Control Day: प्रदूषण कहीं छीन न ले आंखों की रोशनी? जानिए कैसे रहें सुरक्षित

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Thu, 02 Dec 2021 12:03 AM IST
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air pollution effects on eyes, what doctors advice to protect eyes
आंखों पर प्रदूषण के दुष्प्रभाव - फोटो : iStock

Medically Reviewed by-

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डा. हेम शाह
(सीनियर कंसल्टेंट)
शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स


राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में दीपावली के बाद से बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। विशेषज्ञों की मानें तो हम सभी इस समय जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह हानिकारक गैसों और प्रदूषकों से भरी हुई है, जिसका सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण को मुख्य रूप से सांस की बीमारियों तक ही सीमित करके देखा जाता है, हालांकि यह शरीर के कई अन्य अंगों के लिए भी क्षति का कारण बन सकता है। आंखों को भी इस जहरीली हवा से गंभीर नुकसान होने का खतरा रहता है। 

स्मॉग के रूप में इस समय वातावरण में फैला प्रदूषण हमारी आंखों को प्रभावित कर सकता है, इसके चलते लोगों को एलर्जी, आंखों में जलन या पानी आने, वहीं गंभीर मामलों में आंखों के खराब होने का भी खतरा रहता है। असल में प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण होते हैं, जिनके संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित तमाम तरह की समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। आइए इस बारे नेत्र रोग विशेषज्ञ से विस्तार से जानते हैं। 

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वायु प्रदूषण ने बढ़ाई समस्या - फोटो : Twitter

प्रदूषण का आंखों पर असर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी उन इलाकों में रहती है जहां पर हवा की गुणवत्ता खराब है। ऐसे में इसका शरीर के कई अंगों पर दीर्घकालिक प्रभाव देखा जा सकता है। आंखें सबसे संवेदनशील अंगों में से एक हैं, ऐसे में प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों में आंखों से संबंधित बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है। प्रदूषण के कारण आंखों में सूखेपन और एलर्जी की समस्या ज्यादा देखी जा रही है।

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आंखों में जलन की समस्या - फोटो : iStock

क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ?
अमर उजाला से बातचीत में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ हेम शाह बताती हैं, आंखों के मॉइस्चराइजेशन और पोषण के लिए पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन न होने के कारण ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या हो सकती है। वायु प्रदूषण, आंखों की कोशिकाओं को प्रभावित कर देता है जिसके कारण आंखों में सूखापन, लालिमा, दर्द, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता जैसी समस्या बढ़ जाती है। 

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आंखों में लालिमा और जलन - फोटो : Pixabay

जा सकती है आंखों की रोशनी
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण आंखों में जलन की समस्या भी बढ़ रही है। प्रदूषित हवा में नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे हानिकारक गैस की मौजूदगी के कारण इस तरह की समस्या होती है। वहीं कुछ लोग में रासायनिक एलर्जी का भी निदान किया जा रहा है। गंभीर बात यह है कि वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक प्रभावों के कारण आंखों की रोशनी चले जाने जैसी गंभीर समस्याओं का भी खतरा हो सकता है। 

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आंखों को रखें सुरक्षित - फोटो : iStock

प्रदूषण से आंखों को कैसे रखें सुरक्षित?
डॉ हेम शाह बताती हैं, जहरीली हवा से आंखों को बचा कर रखना बहुत आवश्यक है, इसके लिए कुछ उपायों को प्रयोग में लाया जा सकता है।

  • बहुत ज्यादा वायु प्रदूषण होने पर अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचें। 
  • पलकों को बार-बार झपकाते रहें, आंखों को आराम देने और नमी को बरकरार रखने के लिए पलक झपकना फायदेमंद हो सकता है।
  • आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर को हाइड्रेटेड रखें। आंखों में आंसू के उत्पादन को बरकरार रखने के लिए शरीर का हाइड्रेटेड रहना आवश्यक होता है।
  • घर से बाहर जाते समय आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखें और आंखों को कवर करने वाला चश्मा पहनें। चश्मा, आपकी आंखों को हवा से उड़ने वाली धूल, वातावरण के दूषित गैस और रसायन से सुरक्षित रखती है। 



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नोट: यह लेख नेत्र रोग विशेषज्ञ के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें। 

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