Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों 'जहरीली हवा' का व्यापक असर देखा जा रहा है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर चुका है। अक्तूबर से ही यहां हवा की गुणवत्ता खराब से बेहद खराब स्थिति में बनी हुई है, जिसे सेहत के लिहाज से गंभीर माना जा रहा है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस स्तर की हवा में कुछ मिनट भी सांस में लेना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
Delhi AQI: दिल्ली-एनसीआर की 'जहरीली हवा' बिगाड़ रही सेहत, ये दिक्कतें हों तो तुरंत जाएं डॉक्टर के पास
- एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर दिल्ली के अनुसार, शुक्रवार सुबह राजधानी के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 से अधिक दर्ज किया गया।
- अगर आप भी दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और प्रदूषण के कारण आपको भी स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं तो इसे अनदेखा न करें।
क्या कहती हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
प्रदूषण और इसके कारण सेहत को होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में समझने के लिए हमने दिल्ली स्थित एक अस्पताल में श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ रेनू सकलानी से बातचीत की। डॉ बताती हैं, 400 से अधिक एक्यूआई और हवा में मौजूद सूक्ष्म कण जैसे पीएम 2.5 सीधे फेफड़ों और खून में पहुंचकर शरीर के कई अंगों के लिए दिक्कत बढ़ा सकते हैं।
प्रदूषण केवल आंखों में जलन या गले की खराश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल, फेफड़े, दिमाग और इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि उनका शरीर प्रदूषण से जल्दी प्रभावित होता है।
ऐसे लक्षण हैं तो तुरंत लें डॉक्टरी मदद
डॉ रेनू कहती हैं, अगर आप भी दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं और कुछ दिनों से लगातार खांसी, बिना किसी वजह के थकान, सिरदर्द, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, घरघराहट जैसी समस्याओं का अनुभव कर रहे हैं तो इन दिक्कतों को अनदेखा न करें। ऐसे लक्षण हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इस तरह की दिक्कतों को अनदेखा करना गंभीर बीमारियों को जन्म देने वाला हो सकता है, इसलिए समय रहते डॉक्टर से मिलें और उचित उपचार लें।
बच्चे और बुजुर्ग रखें सेहत का खास ध्यान
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहती हैं, प्रदूषण का असर वैसे तो सभी लोगों की सेहत पर देखा जा सकता है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर ज्यादा देखा जाता है और उनमें दुष्प्रभाव भी गंभीर हो सकते हैं।
प्रदूषण के कारण बच्चों में हो रही सांस की दिक्कतों को अनदेखा करना भविष्य में अस्थमा की समस्या को ट्रिगर करने वाली सकती है। कुछ लोगों में गंभीर स्थितियों में ऑक्सीजन की कमी होने की दिक्कत भी देखी जाती रही है जिसके कारण तेजी से सांस लेने और त्वचा का रंग नीला पड़ने की दिक्कत भी हो सकती है। ये गंभीर लक्षण माने जाते हैं।
किन लोगों की सेहत पर पड़ता है ज्यादा असर?
डॉक्टर कहती हैं, प्रदूषण के समय में बच्चे और बुजुर्गों की सेहत को लेकर खास ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों के फेफड़े पूरी तरह विकसित नहीं होते, इसलिए प्रदूषण का असर जल्दी पड़ता है, वहीं कमजोर इम्यून सिस्टम के उम्रदराज लोगों में सांस और दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
जिन लोगों को पहले से ही सांस की दिक्कत जैसे अस्थमा या सीओपीडी की समस्या रही है, उन्हें प्रदूषण से विशेष बचाव करते रहना चाहिए। गर्भवती महिलाओं के लिए भी प्रदूषण के दिनों में सावधानी बहुत जरूरी है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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