Important Medical Test For Women: हर महिला के लिए 30 की उम्र का दशक जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। इस दौरान वे करियर, परिवार और अन्य कई जिम्मेदारियों को एक साथ निभा रही होती हैं, लेकिन इस भागदौड़ में अक्सर वे अपनी ही सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं को वे थकान या तनाव मानकर टाल देती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, 30 की उम्र के बाद शरीर में कई हार्मोनल और अन्य बदलाव शुरू हो जाते हैं, जो भविष्य में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
Health Tips: 30 की उम्र के बाद हर महिला को जरूर कराने चाहिए ये 5 मेडिकल टेस्ट, भविष्य रहेगा सुरक्षित
30 की उम्र के बाद हर महिला को अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए। करियर और परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें। इसलिए आइए लेख में जानते हैं महिलाओं को कौन से मेडिकल जांच जरूर कराना चाहिए।
पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट
यह 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट में से एक है। पैप स्मीयर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) की जांच के लिए किया जाता है। यह उन कोशिकाओं में हो रहे बदलावों का पता लगाता है जो भविष्य में कैंसर बन सकती हैं।
इसके साथ ही एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) टेस्ट भी किया जाता है, क्योंकि यही वायरस सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण होता है। विशेषज्ञों के अनुसार हर महिला को 30 के बाद 3 से 5 साल में यह टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए।
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कम्प्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) और थायराइड फंक्शन टेस्ट (टीएसएच)
कम्प्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) एक सामान्य खून की जांच है जो आपके समग्र स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देती है। इससे एनीमिया (खून की कमी) का पता चलता है, जो भारतीय महिलाओं में बहुत आम है और थकान व कमजोरी का मुख्य कारण हो सकता है।
इसके अलावा यह टेस्ट संक्रमण और अन्य रक्त संबंधी विकारों का भी पता लगा सकता है। इसी के साथ, थायराइड फंक्शन टेस्ट (टीएसएच) कराना भी बेहद जरूरी है। 30 के बाद महिलाओं में थायराइड (विशेषकर हाइपोथायरायडिज्म) की समस्या आम हो जाती है, जिससे वजन बढ़ना, बाल झड़ना और अनियमित पीरियड्स जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
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लिपिड प्रोफाइल
आजकल की जीवनशैली के कारण कम उम्र में ही कोलेस्ट्रॉल की समस्या बढ़ रही है। लिपिड प्रोफाइल टेस्ट खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर (अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल) और ट्राइग्लिसराइड्स को मापता है। यह टेस्ट हृदय रोग के जोखिम का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है। 30 की उम्र से ही नियमित जांच कराने से आप समय रहते अपनी जीवनशैली और खान-पान में जरूरी बदलाव कर सकती हैं।
ब्लड शुगर टेस्ट
भारत में डायबिटीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए 30 की उम्र के बाद फास्टिंग ब्लड शुगर और HbA1c टेस्ट कराना बहुत जरूरी है। यह टेस्ट न केवल डायबिटीज का पता लगाता है, बल्कि प्री-डायबिटीज (डायबिटीज से पहले की स्थिति) की भी जांच करता है। समय पर प्री-डायबिटीज का पता चलने पर इसे सही डाइट और व्यायाम से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।