कैंसर का रोग महामारी के रूप में फैल रहा है। इसमें भी गर्भाशय का कैंसर चौथे नंबर है जो महिलाओं को होने वाली खतरनाक बीमारी है। हर साल इस बीमारी के कारण करीब पांच लाख से भी ज्यादा महिलाएं प्रभावित होती हैं। इस बीमारी का कारण है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस। आइए जानें इस बीमारी के कारण, लक्षण और उपचार।
गर्भाशय से जुड़ी इस खतरनाक बीमारी को नहीं करना चाहिए नजरअंदाज, जानें कारण, लक्षण और उपचार
एक शोध में पता चला है कि बहुत सी महिलाएं सर्वाइकल कैंसर का इलाज कराने में लापरवाही करती हैं जो कि जानलेवा बन सकता है। गर्भाशय का कैंसर होने का कारण कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि है। गर्भपात होने से बचाने वाली दवाएं भी सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।
किसी महिला को गर्भाशय का कैंसर होने पर योनि से असामान्य रक्तस्त्राव होने लगता है। इसके अलावा माहवारी के समय टैंपून लगाते समय भी रक्त का असामान्य स्त्राव होता है और साथ ही अगर योनि में दर्द, कमर में और पैरों में दर्द महसूस होना, थकान, वजन में कमी, भूख न लगना भी शामिल है, तो यह इस बीमारी के खतरनाक लक्षणों में से एक है।
हर कैंसर की तरह इसका भी शुरुआती चरण में पता चल जाए तो इलाज संभव है। इसलिए महिलाओं को योनि में होने वाली किसी तरह की परेशानी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर कोई भी ऊपर बताए गए लक्षण दिखे तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर है। कैंसर का इलाज शुरु कराने के बाद हर तीन साल बाद पैप स्मीयर टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। साथ ही एचपीवी वायरस से बचाव के लिए टीके भी नियम से लगवाने चाहिए।
महिलाओं को किसी भी तरह की बीमारी से बच के रहना है तो हमेशा स्वास्थ्यवर्धक खाना खाना चाहिए। साथ ही व्यायाम करना चाहिए और धूम्रपान से परहेज जरूर है।