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Tattoo Health Risks: कहीं फैशन का चक्कर हो न जाए जानलेवा? ब्लड इंफेक्शन से लेकर कैंसर तक का हो सकता है खतरा

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 09 Aug 2022 07:27 PM IST
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Going for Tattoos, Understand risks and precautions in hindi
टैटू कराते समय बरतें सावधानी - फोटो : Pixabay

शरीर पर टैटू बनवाने का चलन बहुत पुराना है। इतिहास पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसकी शुरुआत 1800 के दशक के मध्य के आसपास की हो सकती है। धीरे-धीरे यह फैशन दुनियाभर पर छाने लगा। विशेषकर पश्चिमी देशों में इसे आवश्यक फैशन का एक हिस्सा माना जाता है, जिसमें लोग शरीर के अधिकतर हिस्से को टैटू के इंक से रंगा लेते हैं। भारत में भी पिछले कुछ वर्षों में यह फैशन तेजी से बढ़ने लगा है। पर क्या आप जानते हैं कि टैटू को लेकर बरती गई जरा सी भी असावधानी जानलेवा समस्याओं का खतरा बढ़ा सकती है। कुछ लोगों का शरीर टैटू के योग्य नहीं होता है ऐसे में टैटू कराने से पहले इसके जोखिमों के बारे में जान लेना बहुत आवश्यक हो जाता है।



हालिया रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी में करीब 3-4 लोगों में एचआईवी संक्रमण की पुष्टि हुई है, हाल ही में इन लोगों ने टैटू बनवाया था। मेडिकल रिपोर्टस से पता चला है कि जिस सुई का इस्तेमाल करके टैटू किया गया था वह संक्रमित थी, इसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि एचआईवी संक्रमण का मामला सुई को लेकर बरती गई असावधानी के कारण हुआ है, पर टैटू के कारण भी कुछ गंभीर समस्याओं का जोखिम हो सकता है। आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

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टैटू के दौरान हाइजीन और सावधानी जरूरी - फोटो : Twitter

क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

टैटू किस प्रकार से हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है इसे समझने के लिए हमने दिल्ली स्थित त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ मयूरी गुप्ता से संपर्क किया। डॉ मयूरी बताती हैं, अब वैसे तो प्रोफेशनल्स ही टैटू बनाते हैं और वह सभी आवश्यक सावधानियों का भी ध्यान रखते हैं। पर यदि आपको त्वचा या रक्त से संबंधित कोई विकार है तो टैटू बनवाने का विचार त्याग दीजिए। जहां तक बात इससे होने वाले एचआईवी संक्रमण की है तो इसके लिए टैटू करने वाले और बनवाने वाले दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। फेरी वाले लोग सुई और अस्वच्छता जैसी गलतियां अधिक करते हैं। आपका शरीर टैटू के लिए योग्य है या नहीं यह जानना भी आवश्यक है। वरना टैटू कई प्रकार के संक्रमण का भी कारण बन सकता है। 

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त्वचा कैंसर के खतरे को जानिए - फोटो : Pixabay

क्या टैटू से त्वचा का कैंसर होता है?

यह एक ऐसा प्रश्न रहा है जो अक्सर लोगों के मन में बना रहता है। शोधकर्ताओं कहते हैं-  'टैटू के कारण त्वचा कैंसर होता है', इसे सिद्ध नहीं किया जा सकता है, पर टैटू की स्याही में कुछ ऐसे तत्व हो सकते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। जब कैंसर की बात आती है, तो काली स्याही विशेष रूप से खतरनाक हो सकती है क्योंकि इसमें बेंजो (ए) पाइरीन का उच्च स्तर होता है।
बेंज़ो (ए) पाइरीन को  इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा एक कार्सिनोजेन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। रंगों और इसकी गुणवत्ता को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। त्वचा का कैंसर जानलेवा हो सकता है। 

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हेपेटाइटिस जैसे संक्रमण का खतरा - फोटो : Pixabay

रक्तजनित रोगों का खतरा

टैटू के कारण रक्तजनित रोग होने का खतरा भी बड़ा प्रश्न रहा है। इसके लिए भी सुइयों को साझा करना ही एक कारण हो सकता है। टैटू कराते समय हाइजीन, सुई और रंगों की जांच के अलावा सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी दस्ताने पहने हुए हैं। सुइयों का एक से अधिक बार इस्तेमाल करना हेपेटाइटिस और एचआईवी जैसे संक्रमण के खतरे को बढ़ा देता है।

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टैटू के कारण होने वाली समस्याएं (सांकेतिक) - फोटो : Pixabay

इन समस्याओं के बारे में भी जानिए

टैटू के कारण आपमें कुछ और भी प्रकार की समस्याओं का जोखिम हो सकता है, जिसके बारे में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। 

  • टैटू डाई से एलर्जी की प्रतिक्रिया हो सकती है जो वर्षों बाद विकसित हो सकती है। एलर्जी की प्रतिक्रिया के लक्षणों में टैटू साइट पर दाने हो सकते हैं।
  • स्टैफ इंफेक्शन जैसी त्वचा की समस्याएं।
  • टैटू वाली जगह पर जलन या सूजन।
  • टैटू साइट के आसपास ग्रैनुलोमा या सूजन वाले ऊतक विकसित होना।
  • जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें टैटू नहीं कराना चाहिए, इसमें घाव में संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
 
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