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Sleep Paralysis: क्या आपको भी नींद में छाती पर बैठा हुआ 'भूत' महसूस हुआ है? जानें किस बीमारी का है लक्षण

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Tue, 02 Sep 2025 03:38 PM IST
सार

Symptoms of Sleep Paralysis: क्या कभी आपको ऐसा महसूस हुआ है कि आप नींद से अचानक जागे हों, लेकिन आपका शरीर हिल नहीं पा रहा? साथ ही, क्या आपको ऐसा भी लगा है कि कोई भारी चीज आपकी छाती पर रखी है या कोई अदृश्य शक्ति आपको दबा रही हो। अगर हां, तो यह लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

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Have you ever felt a 'ghost' sitting on your chest while sleeping kya hota hai  Sleep Paralysis
स्लीप पैरालिसिस - फोटो : Adobe Stock

What is Sleep Paralysis? अक्सर हममें से कई लोगों को रात में सोते समय एक अजीब और डरावना अनुभव होता है, ऐसा महसूस होता है जैसे कोई अदृश्य शक्ति या 'भूत' हमारी छाती पर बैठा हो और हम हिल भी न पा रहे हों। यह अनुभव इतना असली लगता है कि व्यक्ति डर से चीखना चाहता है, लेकिन उसका गला भी बंद हो जाता है। सदियों से इस स्थिति को अंधविश्वासों से जोड़कर देखा जाता रहा है, और लोग इसे 'रात के भूत' या प्रेत-बाधा का नाम देते हैं। 



हालांकि विज्ञान इस रहस्यमयी अनुभव को एक मेडिकल स्थिति मानता है, जिसे 'स्लीप पैरालिसिस' कहते हैं। यह कोई भूत या बुरी आत्मा नहीं, बल्कि हमारे दिमाग और शरीर के बीच एक अस्थायी तालमेल की कमी है। यह तब होता है जब हमारा दिमाग जाग जाता है, लेकिन शरीर को लकवे जैसी स्थिति में लाने वाली मांसपेशियां अभी भी निष्क्रिय होती हैं। यह स्थिति सामान्य तौर पर कुछ सेकंड या मिनट के होता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Have you ever felt a 'ghost' sitting on your chest while sleeping kya hota hai  Sleep Paralysis
स्लीप पैरालिसिस - फोटो : Adobe Stock

क्यों होता है स्लीप पैरालिसिस?
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह स्थिति स्लिप साइकिल के स्टेज में गड़बड़ी के कारण होती है। नींद का एक चरण आरईएम (Rapid Eye Movement) कहलाता है, जिसमें हम सपने देखते हैं। इस दौरान हमारा दिमाग शरीर को लकवाग्रस्त कर देता है ताकि हम सपनों में की जाने वाली गतिविधियों को असल में न करें।
स्लीप पैरालिसिस तब होता है जब कोई व्यक्ति आरईएम चरण से पहले या बाद में जाग जाता है। ऐसे में दिमाग जाग चुका होता है, लेकिन शरीर को लकवा देने वाला तंत्र अभी भी सक्रिय रहता है।

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स्लीप पैरालिसिस - फोटो : Adobe Stock

किन लोगों को होती है ये समस्या?
स्लीप पैरालिसिस के लक्षणों में सबसे आम है छाती पर भारीपन महसूस होना, सांस लेने में दिक्कत, हिल-डुल न पाना और मतिभ्रम होना शामिल है। यह स्थिति किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है। जो लोग नींद पूरी नहीं करते या ज्यादा तनाव में रहते हैं, जो अनियमित समय पर सोते हैं या कमर के बल सोते हैं, उनमें इसके होने की संभावना ज्यादा होती है।


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Have you ever felt a 'ghost' sitting on your chest while sleeping kya hota hai  Sleep Paralysis
स्लीप पैरालिसिस - फोटो : Adobe Stock

क्या करें?
अगर आपको यह अनुभव होता है तो घबराएं नहीं। सबसे पहले यह समझें कि यह एक अस्थायी स्थिति है और यह कुछ ही सेकंड या मिनटों में खत्म हो जाएगी। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इस दौरान आंखें खोलने की कोशिश करें या अपने पैर की उंगलियों या हाथ की उंगलियों को हिलाने का प्रयास करें। ऐसा करने से दिमाग और शरीर के बीच संबंध फिर से स्थापित हो सकता है और आम सामान्य तरीके से जग सकते हैं।


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7-8 घंटे की पूरी नींद लें - फोटो : adobe stock

सही जीवनशैली से मिलेगा समाधान
स्लीप पैरालिसिस को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका अपनी जीवनशैली में सुधार लाना है। हर रात 7-8 घंटे की पूरी नींद लें। सोने और उठने का एक निश्चित समय तय करें। सोने से पहले तनाव को कम करने के लिए ध्यान या योग करें। शराब और कैफीन का सेवन कम करें, और सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूर रहें। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो किसी चिकित्सक से जरूर सलाह लें।

स्रोत और संदर्भ
Sleep Paralysis

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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