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Health Tips: कब्ज के लिए ये भूसी है 'रामबाण', सिर्फ एक सप्ताह में पूरी तरह ठीक हो सकता है गट हेल्थ

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Sat, 20 Dec 2025 07:03 PM IST
सार

Constipation Home Remedy: कब्ज एक ऐसी समस्या है जिसको लेकर बहुत से लोग परेशान रहते हैं। कब्ज को दूर करने के लिए इसबगोल का भूसी एक बहुत अच्छा विकल्प है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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Psyllium husk is a panacea for constipation and gut health isabgol ke bhusi ke fayde
इसबगोल - फोटो : Adobe Stock

Digestion Improvement Tips: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में कब्ज एक बेहद आम समस्या बन गई है, जिससे अधिकतर लोग परेशान रहते हैं। इसके पीछे के मुख्य कारण खराब जीवनशैली, शारीरिक सक्रियता की कमी और जंक फूड के बढ़ते सेवन है। पेट साफ न होने के कारण दिन भर भारीपन, गैस और एसिडिटी की शिकायत बनी रहती है। अगर आप भी लंबे समय से इस परेशानी से जूझ रहे हैं, तो आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा में 'रामबाण' मानी जाने वाली इसबगोल की भूसी आपके लिए वरदान साबित हो सकती है।



इसबगोल एक नेचुरल फाइबर है जो पेट में जाकर पानी को सोख लेता है और मल को नरम बनाकर उसे बाहर निकालने में मदद करता है। यह न केवल पाचन तंत्र की सफाई करता है, बल्कि आंतों के स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है। अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका सही तरीके से सेवन करने पर मात्र एक सप्ताह के भीतर आपको फर्क दिखने लगता है। पाचन सुधारने के साथ-साथ यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और वजन घटाने में भी सहायक साबित होता है।

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इसबगोल - फोटो : Adobe Stock

सेवन का सही तरीका और मात्रा
इसबगोल की भूसी का अधिकतम लाभ उठाने के लिए इसके सेवन का सही समय और तरीका जानना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि रात में भोजन के बाद एक चम्मच (लगभग 5-10 ग्राम) इसबगोल की भूसी को एक गिलास गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर तुरंत पी लेना चाहिए। ध्यान रखें कि भूसी को पानी में डालकर ज्यादा देर तक न छोड़ें, क्योंकि यह गाढ़ा जेल बन जाता है जिसे पीना मुश्किल हो सकता है।


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पेट की समस्या - फोटो : Adobe Stock

पाचन और आंतों की गहरी सफाई
इसबगोल एक 'बल्क-फॉर्मिंग लैक्सेटिव' के रूप में काम करता है। जब यह आंतों से गुजरता है, तो यह वहां जमे पुराने कचरे और विषाक्त पदार्थों को अपने साथ चिपकाकर बाहर निकाल देता है। यह आंतों की दीवारों को लुब्रिकेट (चिकना) करता है, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया बिना किसी दर्द या जोर के आसान हो जाती है। नियमित सेवन से पुरानी से पुरानी कब्ज और बवासीर के जोखिम को कम किया जा सकता है।


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डायबिटीज - फोटो : Freepik.com

कोलेस्ट्रॉल और शुगर पर नियंत्रण
कब्ज के अलावा, इसबगोल हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाने में मदद करता है। साथ ही भोजन के बाद इसके सेवन से ब्लड शुगर का लेवल अचानक नहीं बढ़ता, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। चूंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखता है, इसलिए यह अनावश्यक भूख को रोककर वजन घटाने में भी मदद करता है।

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पाचन तंत्र - फोटो : Freepik.com
सावधानियों का रखें विशेष ध्यान
इसबगोल लेते समय सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप पूरे दिन पर्याप्त पानी (3-4 लीटर) पिएं। अगर आप पानी कम पीते हैं, तो यह भूसी आंतों में जम सकती है और समस्या को बढ़ा सकती है। शुरुआत हमेशा कम मात्रा से करें और अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। ध्यान रखें इसबगोल एक सहायता है, लेकिन स्वस्थ खानपान और सक्रिय दिनचर्या ही स्थायी समाधान है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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