राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों गंभीर वायु प्रदूषण की गिरफ्त में हैं। यहां पिछले एक महीने से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सीवियर स्तर में बना हुआ है। तीन दिनों तक 'गंभीर' श्रेणी के बाद, दिल्ली की एक्यूआई में थोड़ा सुधार जरूर हुआ और यह शनिवार को 398 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। इस तरह की प्रदूषित हवा में सांस लेना या रहना आपकी सेहत के लिए गंभीर दुष्प्रभावों वाली हो सकता है जिसको लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ अलर्ट करते रहे हैं।
Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ी गले में खराश-दर्द और जुकाम की दिक्कत, अपनाएं ये कारगर घरेलू उपाय
प्रदूषण के कारण गले में खराश-दर्द की समस्या
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रदूषण के कारण होने वाली गले में खराश की समस्या काफी आम है। कुछ लोगों में ये स्थिति कान में दर्द, गले में खराश और ब्रोंकाइटिस की समस्या का भी कारण बन सकती है। बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा-एनजाइना और फेफड़ों या हृदय की समस्याओं से परेशान लोगों के लिए ये वातावरण गंभीर हो सकती है।
गले में दर्द-खराश जैसी समस्याओं से बचाव के लिए कुछ उपायों पर ध्यान रखना आवश्यक हो जाता है। कई घरेलू उपाय इसमें आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकते हैं जिसके बार में सभी लोगों को जानना जरूरी है।
गर्म पानी और तरल पदार्थों का करें सेवन
गर्म तरल पदार्थ पीने से गले की खराश और सूजन से राहत मिल सकती है। ये गले में प्रदूषकों के कारण होने वाली खराश और दर्द से राहत दिलाने में भी लाभकारी है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने-तरल पदार्थ पीने से गले को नम रखने और खराश की समस्या को कम किया जा सकता है। दिन में कम से कम 3-4 लीटर पानी पीने का लक्ष्य रखें।
कुछ प्रकार की चाय है लाभकारी
अधिकांश चाय में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी होते हैं। कैमोमाइल और हल्दी की चाय के सेवन से गले में दर्द और परेशानी से राहत मिल सकती है। हल्दी में सूजन-रोधी, एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और यह प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित करने में भी सहायक है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन गले में दर्द से राहत दिलाने में भी मदद कर सकती है।
नमक के पानी से गरारे करें
नमक के पानी से गरारे करने से आपके गले को आराम मिलता है और सूजन कम होती है। ये सबसे कारगर और आसान तरीकों में से एक है। गले की समस्याओं से राहत पाने के लिए दिन में दो से तीन बार ये उपाय किया जा सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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