दुनियाभर में परिवर्तित होती वातावरणीय स्थितियों ने कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों के जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। हाल के वर्षों में इसके कई उदाहरण देखे गए। कोरोनावायरस का संक्रमण रहा हो या फिर इन दिनों कई देशों में बढ़ रहे बर्ड फ्लू के मामले, ये सभी स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाते रहे हैं। वैश्विक मीडिया रिपोर्ट्स में इन दिनों इंफ्लूएंजा के मामले सुर्खियों में हैं।
Subclade-K Influenza: सर्दी-जुकाम फैलाने वाला वायरस अब बनता जा रहा है बड़ी मुसीबत, वैक्सीन भी हो रही हैं बेअसर
- अमेरिका में फ्लू वायरस का एक नया वेरिएंट, ‘सबक्लेड के’ तेजी से बढ़ रहा है। यह स्ट्रेन पहले ही जापान, कनाडा और यूके जैसे देशों में चिंता बढ़ा चुका है।
- जापान में पहले ही इसके कारण इन्फ्लूएंजा महामारी घोषित किया जा चुका है।
फ्लू के नए वैरिएंट ‘सबक्लेड के’ को लेकर अलर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में फ्लू वायरस का एक नया वेरिएंट, ‘सबक्लेड-के’ तेजी से बढ़ रहा है। यह स्ट्रेन पहले ही जापान, कनाडा और यूके जैसे देशों में चिंता बढ़ा चुका है। जापान में पहले ही इसके कारण इन्फ्लूएंजा महामारी घोषित किया जा चुका है। यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 150 टेस्ट सैंपल में से 50% से ज्याद सबक्लेड-के वाले पाए गए।
छुट्टियों का मौसम आने के साथ वैक्सीनेशन रेट कम होने के कारण ये नया स्ट्रेन फ्लू के मौसम को और खराब कर सकता है।
नए म्यूटेशंस के कारण बढ़ रही है चिंता
गौरतलब है कि सबक्लेड-के, एच3एन2 इन्फ्लूएंजा का ही एक वैरिएंट है, जो पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इन नए स्ट्रेन में कई ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं, जो पहले फ्लू वायरस में नहीं दिखे थे। इससे यह भी चिंता पैदा होती है कि क्या मौजूदा फ्लू वैक्सीन इस नए वैरिएंट के कारण होने वाले संक्रमण को रोक सकेगी या नहीं?
अब तक की रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मौजूदा वैक्सीन संभवत: इस वैरिएंट के खिलाफ उतनी असरदार न हो, यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
पहले भी कई देशों में बढ़ चुकी हैं मुश्किलें
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी हेमिस्फेयर के दूसरे देशों में भी ये वैरिएंट गंभीर चिंता बढ़ाता हुआ देखा जा चुका है। इसमें ज्यादातर विशेषज्ञों ने माना था कि नए म्यटेशंस पर फ्लू के मौजूदा टीके इस वायरस पर ज्यादा असरदार नहीं थे।
सितंबर-अक्तूबर के महीने में जापान में फैले फ्लू के मामलों के चलते वहां स्थिति काफी बिगड़ गई थी। जापान में फ्लू के प्रकोप के चलते कई शहरों में स्कूल बंद कर दिए गए थे। साथ ही तेजी से बिगड़ते हालात के बीच जापान के सरकार ने देशव्यापी इन्फ्लूएंजा महामारी घोषित कर दी थी।
सितंबर से देखी जा रही है फ्लू संक्रमण की दिक्कत
22 सितंबर से 28 सितंबर के बीच जापान में 4,000 से अधिक लोगों का इन्फ्लूएंजा का इलाज किया गया। 29 सितंबर से 5 अक्तूबर तक इन्फ्लूएंजा के इलाज वाले रोगियों की संख्या बढ़कर 6,000 से अधिक हो गई थी। जापान के 47 प्रान्तों में से 28 में फ्लू के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस के व्यवहार और प्रकृति में कई प्रकार के परिवर्तन नोटिस किए गए थे जो इस तीव्र प्रकोप का प्रमुख कारण थे।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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