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Tejasswi Prakash: इस बीमारी ने बिग बॉस-15 विनर की छीन ली 'रातों की नींद', कहीं आप भी न हो जाएं शिकार?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 29 Nov 2025 07:16 PM IST
सार

  •  बिग बॉस सीजन 15 की विजेता रही तेजस्वी प्रकाश ने हाल ही में  भारती सिंह और हर्ष लिम्बाचिया के पॉडकास्ट पर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर खुलकर बात की।
  • तेजस्वी ने बताया कि कुछ समय से उन्हें बॉर्डरलाइन इंसोम्निया की समस्या रही है, जिसके चलते कई रात उन्हें नींद ही नहीं आती है।

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Tejasswi Prakash suffering from borderline insomnia what causes insomnia and its prevention
तेजस्वी प्रकाश - फोटो : इंस्टाग्राम@tejasswiprakash


नींद की अपनी समस्या को लेकर बातचीत के दौरान तेजस्वी ने बताया कि किस तरह से इंसोम्निया यानी अनिद्रा की समस्या ने उनके जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित कर दिया। 

अब आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि आखिर इंसोम्निया होती क्या है और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है? आइए इन सभी के बारे में विस्तार से समझते हैं।

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Tejasswi Prakash suffering from borderline insomnia what causes insomnia and its prevention
नींद न आने की समस्या - फोटो : Freepik.com

तेजस्वी ने क्या कहा?

पॉडकास्ट के दौरान तेजस्वी ने बताया कि उन्हें “बॉर्डरलाइन इंसोम्नियाक” है, यह कई बार बहुत फ्रस्ट्रेटिंग लगता है। तेजस्वी कहती हैं, मैं सुबह 10-11 बजे उठती हूं, कभी-कभी दोपहर में बहुत देर से।  मुझे हाल ही में यह एहसास हुआ कि मुझे रात में नींद नहीं आती। न कोई मोबाइल, टीवी नहीं, मैं बस लेट जाती हूं और घंटों तक सीलिंग फैन को देखती रहती हूं। 

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मैं लेटी रहती हूं और पर्दों के पीछे से सूरज उगता दिखता है जिसका मतलब है कि पूरी रात बिना नींद के निकल गई। हफ्ते में कई रातें ऐसी होती हैं जब मुझे बिल्कुल नींद नहीं आती। मैं असल में एक मिनट भी नहीं सोती। यह पिछले कम से कम एक साल से हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा, शुरू में, मुझे बहुत चिढ़ होती थी कि मैं सोती क्यों नहीं हूं। इतनी थकान के बाद, मुझे सो जाना चाहिए था। अगला दिन खराब हो जाता था फिर मुझे एहसास हुआ कि अगला दिन भी क्यों खराब करना है, तो मैं सुबह 6 बजे सोती थी और 11 बजे उठती थी। अब, मैं इसके बारे में नहीं सोचती, यह बहुत फ्रस्ट्रेटिंग है।

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नींद की बीमारी-अनिद्रा - फोटो : Adobe Stock

इंसोम्निया यानी अनिद्रा क्या है?

अनिद्रा नींद संबंधी समस्या है, जिसमें व्यक्ति को रात में ठीक से नींद नहीं आती, नींद बीच-बीच में टूटती रहती है या सुबह बहुत जल्दी नींद खुल जाती है। यह समस्या कभी-कभी, कुछ दिनों के लिए होती है, लेकिन कई लोगों में यह लंबे समय तक बनी रहती है, इसे क्रॉनिक अनिद्रा इंसोम्निया जाता है।

अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया की लगभग 30-35% आबादी जीवन में कभी न कभी अनिद्रा से प्रभावित होती है, जबकि 10% लोग लंबे समय तक इसकी गंभीर स्थिति झेलते हैं।

ये समस्या पहले बुजुर्गों को अधिक होती थी हालांकि अब कम उम्र के लोग भी इसका शिकार होते जा रहे हैं।

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नींद न आने की बीमारी - फोटो : Freepik.com

क्यों होती है ये दिक्कत?

अनिद्रा के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। तनाव और बढ़े हुए स्क्रीन टाइम को इसका प्रमुख कारण माना जाता है। मोबाइल या लैपटॉप का लंबे समय तक काम करते रहना, कैफीन या शराब का सेवन, अनियमित नींद की रूटीन और शोर-रोशनी वाला माहौल नींद खराब करता है। इसके अलावा चिंता, अवसाद और दिमाग का ज्यादा सक्रिय रहना भी नींद को बाधित करने वाला माना जाता है। 

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, थाइरॉइड, हार्मोनल बदलाव, क्रॉनिक दर्द और कुछ प्रकार की बीमारियों के कारण भी लोगों को नींद न आने की समस्या हो सकती है।

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नींद को कैसे सुधारें - फोटो : adobe stock

इससे कैसे आराम पाएं?

मेडिकल रिपोर्ट्स में अच्छी नींद पाने और अनिद्रा के खतरे को कम करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं जिनका पालन करके आप नींद की समस्या को सुधार सकते हैं।

  • रोज एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं।
  •  सोने से एक घंटा पहले मोबाइल, टीवी या लैपटॉप से दूरी बना लें। 
  • शाम के बाद चाय-कॉफी लेने से बचें और हल्का भोजन करें। 
  • योग, मेडिटेशन और दिन में हल्की वॉक तनाव कम करने में मदद करती है। 
  • बेडरूम शांत, अंधेरा वाला और आरामदायक होना चाहिए। 
  • यदि आपको इन उपायों से भी आराम न मिले और नींद की समस्या बनी रहे तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। खुद से ही नींद की दवा बिल्कुल न खाएं इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।


 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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