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National Pollution Control Day: दिल्ली-NCR में अभी भी 200 से पार है AQI, भूलकर भी न बरतें ये लापरवाहियां

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिखर बरनवाल Updated Mon, 01 Dec 2025 06:16 PM IST
सार

  • AQI 200 Se Adhik Hone Par Kya Karein:लोगों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे मनाया जाता है।
  • दिल्ली में बीते कुछ दिनों से वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है, लेकिन अभी भी एक्यूआई 200 से अधिक है। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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National Pollution Control Day AQI still exceeds 200 in Delhi NCR avoid these careless behaviors
वायू प्रदूषण - फोटो : Amar Ujala

National Pollution Control Day 2025: हर साल 2 दिसंबर को देशभर में नेशनल पॉल्यूशन कंट्रोल डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को प्रदूषण से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना है। दिल्ली-एनसीआर में कई दिनों से वायु प्रदूषण का कहर जारी है। बीत कुछ दिनों से वायु प्रदूषण का स्तर थोड़ा कम हुआ है लेकिन अभी भी कई जगहों पर AQI 200 के पार बना हुआ है, जो 'खराब' श्रेणी को दर्शाता है।



इस स्थिति में भी हवा में सूक्ष्म कण PM2.5 की मात्रा अभी भी इतनी अधिक है कि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।  'खराब' हवा में लंबे समय तक रहना सांस की बीमारियों, अस्थमा अटैक और हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ाता है।

इस गंभीर वातावरण में अक्सर लोग यह सोचकर लापरवाह हो जाते हैं कि खतरा टल गया है, जबकि वास्तव में हमारी रोजमर्रा की कुछ आदतें इस जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं। इन आदतों को अनदेखा करना फेफड़ों, हृदय और रक्त वाहिकाओं को स्थायी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए विषेशज्ञ सलाह देते हैं कि इस 200 एक्यूआई वाले वातावरण में कुछ सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए।

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वायु प्रदूषण - फोटो : Adobe Stock

बिना मास्क के बाहर निकलना
एक्यूआई 200+ होने पर बिना N95 या N99 मास्क के बाहर निकलना सबसे बड़ी लापरवाही है। PM2.5 कण इतने छोटे होते हैं कि वे फेफड़ों के प्राकृतिक फिल्टर को आसानी से पार कर जाते हैं। मास्क इन खतरनाक सूक्ष्म कणों को प्रभावी ढंग से छानता है। मास्क न पहनने पर ये जहरीले कण सीधे ब्लड फ्लो में मिलकर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और सूजन बढ़ाते हैं।


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वायु प्रदूषण - फोटो : Adobe Stock

उच्च प्रदूषण में बाहर व्यायाम करना
अधिक एक्यूआई में बाहर मॉर्निंग वॉक करना या व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए जहर समान है। व्यायाम के दौरान सांस लेने की दर और गहराई बढ़ने से फेफड़ों तक पहुंचने वाले प्रदूषकों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। यह प्रदूषण-युक्त सांस सीधे हृदय पर अतिरिक्त तनाव डालती है और अस्थमा अटैक या हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देती है।


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वायु प्रदूषण - फोटो : Adobe Stock

घर के अंदर धूम्रपान या कुछ जलाना
घर के अंदर प्रदूषण का स्तर बढ़ाने वाली चीजें, जैसे धूपबत्ती, अगरबत्ती, मच्छर भगाने वाली कॉइल, या धूम्रपान करना, जहरीला धुआं पैदा करता है। बंद कमरे में ये कण तेजी से जमा होते हैं और सांस के जरिए खून में प्रवेश करते हैं। घर के अंदर हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।


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डिहाइड्रेशन - फोटो : Freepik.com
पानी कम पीना और डिहाइड्रेशन
सर्दियों में कम प्यास लगने के कारण पानी कम पीना भी एक बड़ी गलती है। डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) से श्वसन मार्ग की म्यूकोसा झिल्ली सूख जाती है। सूखी झिल्ली प्रदूषकों और वायरस को फिल्टर करने में कम प्रभावी होती है, जिससे संक्रमण और सांस की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए पूरे दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पीएं।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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