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Thyroid: थायरॉइड वाले मरीजों को कौन सा नामक खाना चाहिए? सेंधा या आयोडीन वाला, जानिए फैक्ट के साथ
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिखर बरनवाल
Updated Wed, 22 Oct 2025 10:21 AM IST
सार
Thyroid and Iodine: अक्सर थायराइड के मरीजों के मन ये सवाल होता है कि क्या वो सेंधा नमक खा सकते हैं? इसके अलावा साधारण नमक को लेकर भी उनके मन में कई तरह के सवाल होते हैं। अगर आपको भी थायराइड की शिकायत है तो ये लेख आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
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थायरॉइड
- फोटो : Freepik.com
Thyroid Mein Namak Kha Sakte Hain: थायराइड ग्रंथि हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है जो गर्दन के सामने, श्वास नली के चारों ओर होती है। इसका मुख्य कार्य थायराइड हार्मोन (T3 और T4) का उत्पादन करना है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, हृदय गति और तापमान को नियंत्रित करते हैं। इन हार्मोन के उत्पादन के लिए आयोडीन नामक खनिज अत्यंत आवश्यक होता है।
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Salt
- फोटो : Adobestock
आयोडीन की भूमिका और थायराइड रोग
आयोडीन थायराइड ग्रंथि के लिए कच्चे माल के रूप में काम करता है। यह थायराइड हार्मोन (T4 और T3) के अणु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयोडीन की कमी होने पर थायराइड ग्रंथि फूल जाती है, जिसे घेंघा रोग कहते हैं। भारत में आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक को अनिवार्य किया गया है।
हालांकि थायराइड के मरीजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे न तो ज्यादा आयोडीन ले रहे हैं और न ही बहुत कम, क्योंकि अत्यधिक सेवन से भी थायराइड की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
ये भी पढ़ें- Diwali 2025: दिवाली के पकवान ने पेट में मचा दिया है हलचल, ये घरेलू उपाय निकाल फेकेंगे पेट की गंदगी
आयोडीन थायराइड ग्रंथि के लिए कच्चे माल के रूप में काम करता है। यह थायराइड हार्मोन (T4 और T3) के अणु का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आयोडीन की कमी होने पर थायराइड ग्रंथि फूल जाती है, जिसे घेंघा रोग कहते हैं। भारत में आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए आयोडीन युक्त नमक को अनिवार्य किया गया है।
हालांकि थायराइड के मरीजों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे न तो ज्यादा आयोडीन ले रहे हैं और न ही बहुत कम, क्योंकि अत्यधिक सेवन से भी थायराइड की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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सेंधा नमक
- फोटो : freepik
क्या थायराइड के मरीज सेंधा नमक खा सकते हैं?
आमतौर पर सेंधा नमक या हिमालयन पिंक सॉल्ट में आयोडीन नहीं होता या बहुत कम मात्रा में होता है। थायराइड के मरीज, खासकर हाइपोथायरायडिज्म वाले, अक्सर सेंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने की गलती करते हैं।
यदि आप आयोडीन की कमी वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो केवल सेंधा नमक पर निर्भर रहना आपकी थायराइड की स्थिति को बिगाड़ सकता है। आयोडीन की जरूरत को पूरा करने के लिए, मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर आयोडीन युक्त नमक का संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
ये भी पढ़ें- Health Tips: दिवाली पर मिठाइयों के मजे ने बढ़ा दिया शुगर लेवल? ये आसान उपाय करेंगे डायबिटीज कंट्रोल
आमतौर पर सेंधा नमक या हिमालयन पिंक सॉल्ट में आयोडीन नहीं होता या बहुत कम मात्रा में होता है। थायराइड के मरीज, खासकर हाइपोथायरायडिज्म वाले, अक्सर सेंधा नमक का ज्यादा इस्तेमाल करने की गलती करते हैं।
यदि आप आयोडीन की कमी वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो केवल सेंधा नमक पर निर्भर रहना आपकी थायराइड की स्थिति को बिगाड़ सकता है। आयोडीन की जरूरत को पूरा करने के लिए, मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर आयोडीन युक्त नमक का संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
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थायरॉइ़ड
- फोटो : Adobe Stock
हाइपोथायरायडिज्म और आयोडीन सेवन
हाइपोथायरायडिज्म (आयोडीन की कमी के कारण) के मरीजों को डॉक्टर अक्सर आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह देते हैं। वहीं हाइपरथायरायडिज्म (अत्यधिक हार्मोन बनना) या ऑटोइम्यून थायराइड रोग (जैसे हाशिमोटो या ग्रेव्स रोग) के मरीजों को डॉक्टर आयोडीन सेवन को सीमित करने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि कुछ मामलों में ज्यादा आयोडीन एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इसलिए किसी भी प्रकार का नमक या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लेना अनिवार्य है।
हाइपोथायरायडिज्म (आयोडीन की कमी के कारण) के मरीजों को डॉक्टर अक्सर आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह देते हैं। वहीं हाइपरथायरायडिज्म (अत्यधिक हार्मोन बनना) या ऑटोइम्यून थायराइड रोग (जैसे हाशिमोटो या ग्रेव्स रोग) के मरीजों को डॉक्टर आयोडीन सेवन को सीमित करने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि कुछ मामलों में ज्यादा आयोडीन एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ा सकता है। इसलिए किसी भी प्रकार का नमक या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह लेना अनिवार्य है।
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ड्राई फ्रूट्स
- फोटो : Freepik.com
आयोडीन के अन्य स्रोत
सिर्फ नमक पर निर्भर रहने के बजाय, आप आयोडीन के अन्य प्राकृतिक स्रोतों को शामिल कर सकते हैं। समुद्री शैवाल, मछली, और डेयरी उत्पाद आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। थायराइड के मरीजों को अपनी डाइट में सेलेनियम और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे मेवे और बीज) भी शामिल करने चाहिए, क्योंकि ये पोषक तत्व थायराइड हार्मोन के उत्पादन और रूपांतरण में मदद करते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
सिर्फ नमक पर निर्भर रहने के बजाय, आप आयोडीन के अन्य प्राकृतिक स्रोतों को शामिल कर सकते हैं। समुद्री शैवाल, मछली, और डेयरी उत्पाद आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं। थायराइड के मरीजों को अपनी डाइट में सेलेनियम और जिंक युक्त खाद्य पदार्थ (जैसे मेवे और बीज) भी शामिल करने चाहिए, क्योंकि ये पोषक तत्व थायराइड हार्मोन के उत्पादन और रूपांतरण में मदद करते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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