शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार के माध्यम से हमें नियमित रूप से कई प्रकार के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। विटामिन-डी ऐसा ही एक अतिआवश्यक पोषक तत्व है जिसके शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए विटामिन-डी वाली चीजों का सेवन बढ़ाने की सलाह दी जाती रही है। क्या आप जानते हैं कि हड्डियों-इम्युनिटी के अलावा ये विटामिन, डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए भी बहुत आवश्यक होता है?
Vitamin-D Deficiency: क्या विटामिन डी की कमी से भी हो सकती है डायबिटीज? कहीं आपमें भी तो नहीं है इसका जोखिम
विटामिन डी और डायबिटीज का खतरा
अध्ययनों में पाया गया कि जिन लोगों में विटामिन-डी की कमी होती है, उनमें इंसुलिन प्रतिरोध होने और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा अधिक हो सकता है।
विटामिन-डी अग्नाशयी बी-कोशिकाओं से इंसुलिन रिलीज को उत्तेजित करके ग्लूकोज होमियोस्टैसिस को भी नियंत्रित करता है। इसलिए जिन लोगों में विटामिन-डी की कमी होती है उनमें मधुमेह रोग के विकसित होने और इसके गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। ॉ
विटामिन-डी सप्लीमेंट्स से मिल सकता है लाभ
डायबिटीज के खतरों के बारे में जानने के लिए किए गए अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को डायबिटीज है अगर वे आहार में विटामिन-डी वाली चीजें या डॉक्टर की सलाह पर विटामिन-डी सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं, तो ये शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मददगार हो सकती है। हालांकि हमेशा इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इसका बहुत अधिक मात्रा में सेवन न किया जाए। इसकी अधिकता भी डायबिटीज की जटिलता को बढ़ाने वाली हो सकती है।
विटामिन की अधिकता हो सकती है समस्याकारक
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों, जिनमें हृदय और किडनी की बीमारी का खतरा अधिक होता है उनके लिए वैसे तो विटामिन-डी लाभकारी है, पर अतिरिक्त विटामिन-डी का सेवन आपकी समस्याओं को और भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
विटामिन-डी का अधिक सेवन रक्त में कैल्शियम के स्तर में वृद्धि का कारण बनती है जो रक्त वाहिकाओं और ऊतकों को सख्त कर देती है, इससे हृदय और किडनी को नुकसान हो सकता है। इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के लिए विटामिन-डी सप्लीमेंट्स नही ली जानी चाहिए।
आहार से प्राप्त करें ये विटामिन
आहार के माध्यम से इस आवश्यक पोषक तत्व की आसानी से पूर्ति की जा सकती है। कॉड लिवर ऑयल, फैटी फिश, संतरे के जूस और डेयरी उत्पाद विटामिन-डी का अच्छा स्रोत हैं। फैटी फिश में भी विटामिन डी होती हैं। इसके अलावा अंडे की जर्दी और कुछ प्रकार के नट्स के सेवन से भी इसमें लाभ पाया जा सकता है। आहार में इस विटामिन की सेवन जरूर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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