अच्छी सेहत चाहते हैं तो खान-पान को ठीक रखना सबसे जरूरी हो जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को अपने आहार में ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे शरीर के लिए जरूरी विटामिन्स और पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके। विटामिन्स और मिनरल्स न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और अंगों को ठीक तरीके से काम करने में मदद करते हैं, साथ ही ये कई बीमारियों से भी सुरक्षा देते हैं।
Health Risk: विटामिन्स की कमी के कारण हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां, आहार में गड़बड़ी कहीं पड़ न जाए भारी
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, विटामिन्स की कमी कई प्रकार की बीमारियों का भी कारण बन सकती है। यही कारण है कि नियमित रूप से बॉडी चेकअप और विटामिन्स के टेस्ट कराते रहना चाहिए।
आंखों की बीमारियां
आंखें ईश्वर का वरदान हैं, इन्हें स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। हालांकि डॉक्टर्स कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण आंखों से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है। आंखों की सेहत के लिए विटामिन-ए सबसे आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कहता है, विटामिन-ए की कमी दुनियाभर में बच्चों में अंधापन का प्रमुख कारण है। विटामिन-ए की कमी होने से आंखों की क्षमता प्रभावित होती है जिससे आपको कम दिखने लगता है। आहार में विटामिन-ए वाली चीजें जैसे अंडे, डेयरी उत्पाद, नट्स को शामिल करके आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का खतरा
तंत्रिका तंत्र को शरीर का संचार नेटवर्क कहा जाता है, जो पूरे शरीर में संदेश भेजने और अंगों के कार्यों को ठीक तरीके से करते रहने में मदद करती है। कुछ प्रकार की विटामिन्स की कमी आपके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने के साथ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बन सकती है।
जर्नल ऑफ हेमाटोलॉजी की रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन बी12 की कमी से नसों को नुकसान होता है, जिससे चलते-फिरते संतुलन बिगड़ सकता है और याददाश्त भी प्रभावित हो सकती है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से बचे रहने के लिए इस विटामिन से भरपूर चीजों का सेवन करें।
कोलेजन की कमी
कोलेजन हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक प्रोटीन है। शरीर को संरचना देने और शक्ति प्रदान करने में कोलेजन की भूमिका होती है। त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने के लिए भी कोलेजन आवश्यक होता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-सी की कमी से कोलेजन का निर्माण रुक जाता है, जिससे मसूड़ों से खून आना, घावों का देर से भरना और थकान जैसी समस्याएं होती हैं।
विटामिन-सी की कमी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी काफी कमजोर कर देती है जिसके कारण संक्रामक रोगों को जोखिम काफी बढ़ जाता है।
हड्डियों-दांतों की बीमारी
हड्डियों-दांतों से संबंधित समस्याओं के लिए विटामिन-डी की कमी को जिम्मेदार माना जाता है। द लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि आहार में विटामिन-डी की कमी होने से हड्डियों का घनत्व कम होता है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
विटामिन-डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने में भी मदद करती है। ऐसे में यदि आपको विटामिन-डी की कमी हो जाए तो इसके कारण दांत और हड्डियां दोनों कमजोर हो जाती हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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