डायबिटीज के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अलर्ट करते रहे हैं। भारतीय आबादी में भी ये समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। हाल ही में सामने आई रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में हर दो में से एक व्यक्ति में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा हुआ या फिर अनियमित पाया गया है। एक डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म के अध्ययन में भारत में बढ़ते डायबिटीज के ग्राफ को लेकर लोगों को सावधान किया जा रहा है।
World Diabetes Day 2025: शुगर लेवल बहुत कम रहना भी ठीक नहीं, ध्यान न दिया तो जा सकते हैं कोमा में
- हाइपोग्लाइसीमिया कई प्रकार से आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। हाइपोग्लाइसीमिया हल्के लक्षणों से लेकर मृत्यु के खतरे को बढ़ाने वाली भी मानी जाती है इसलिए इसपर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी हो जाता है।
ब्लड शुगर लो या हाई रहना दोनों खतरनाक
यहां जानना जरूरी है कि डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है जिसमें शरीर या तो इंसुलिन बनाना बंद कर देता है या फिर उसका सही उपयोग नहीं कर पाता। इंसुलिन वह हार्मोन है जो खून में मौजूद ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने का काम करता है। जब इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, तो खून में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। यही स्थिति डायबिटीज कहलाती है।
हाई शुगर की समस्या के साथ सभी लोगों को लो शुगर को लेकर भी अलर्ट रहना चाहिए। 70 mg/dL से कम शुगर लेवल (हाइपोग्लाइसीमिया) आपके लिए और भी खतरनाक हो सकती है।
लो शुगर की समस्या
अमर उजाला से बातचीत में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ विभोर गुप्ता कहते हैं, डायबिटीज के हर चौथे मरीज को कभी न कभी लो शुगर की स्थिति झेलनी पड़ती है। इसलिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करते रहना बेहद जरूरी है। यदि शुगर लेवल कम महसूस हो तो तुरंत ग्लूकोज पानी, मीठा जूस, किशमिश या एक चम्मच चीनी का सेवन करना चाहिए।
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ब्लड शुगर घटने के नुकसान
डॉक्टर बताते हैं, हाइपोग्लाइसीमिया कई प्रकार से आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। हाइपोग्लाइसीमिया हल्के लक्षणों से लेकर कोमा में जाने और मृत्यु के खतरे को बढ़ाने वाली भी मानी जाती है इसलिए इसपर गंभीरता से ध्यान देते रहना जरूरी हो जाता है।
- शुगर की कमी से ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है, जिससे कमजोरी महसूस होती है। यदि आपको बिना कारण से कमजोरी महसूस होती रहती है तो शुगर की जांच कराएं।
- मस्तिष्क को पर्याप्त ग्लूकोज न मिलने के कारण चक्कर आने लगते हैं। गंभीर स्थिति में ब्लड शुगर के अत्यधिक गिरने से व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
- हाइपोग्लाइसीमिया के दौरान दिल की धड़कन असामान्य रूप से तेज हो सकती है। दिल की धड़कनों में होने वाली असमानता संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक मानी जाती है।
- ब्लड शुगर घटने से आंखों में धुंधलापन हो सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि धुंधला दिखाई देने की समस्या को अनदेखा नहीं करना चाहिए।
लो शुगर की समस्या में क्या उपाय करें?
लो शुगर की स्थिति में सबसे जरूरी है कि मरीज तुरंत शुगर बढ़ाने वाली चीजें दी जाएं। ग्लूकोज या चीनी युक्त पेय जैसे फलों का रस, शहद या मीठी चाय का सेवन करना चाहिए। 15 मिनट बाद फिर से शुगर लेवल चेक करें। अगर अब भी कम हो, तो यही प्रक्रिया दोहराएं इसे 15-15 रूल कहा जाता है।
लो शुगर वाले मरीजों को हमेशा अपने साथ ग्लूकोज टैबलेट या शुगर कैंडी रखनी चाहिए। अगर बार-बार लो शुगर की स्थिति बनती है, तो डॉक्टर से दवा या इंसुलिन की मात्रा समायोजित करानी चाहिए। भोजन में प्रोटीन और जटिल कार्बोहाइड्रेट शामिल करें ताकि शुगर धीरे-धीरे रिलीज हो और अचानक कमी न आए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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