अलका सोनी
बच्चे की परवरिश में जुटे सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और स्मार्ट बने। इसके लिए आपको अपने बच्चे का अवलोकन करना होगा और उसके व्यवहार को देखकर ही आप समझ सकती हैं कि उसका आईक्यू कैसा है। रेणु की लाख कोशिशों के बाद भी दीप्तांश के नंबर इस बार भी एवरेज ही आए, जबकि उसकी पढ़ाई में रेणु ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस वजह से वह बहुत निराश हो गई। नन्हा दीप्तांश भी उदास था। उसे इन सबमें कहीं भी अपनी गलती नहीं नजर आ रही थी। यह केवल रेणु की समस्या नहीं है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग वाला बने, ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाए। इसके लिए अभिभावक उनके खाने-पीने से लेकर अच्छा स्कूल खोजने और अच्छा माहौल देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन बच्चे के स्मार्ट होने और उसके आईक्यू लेवल के अच्छे होने में बड़ा अंतर है।
आईक्यू मतलब इंटेलिजेंस कोशियंट। यह एक बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाता है। कई शोध बताते हैं कि अगर बचपन से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर बच्चों का आईक्यू लेवल 90 से 110 के बीच होता है। 125 से 130 आईक्यू लेवल होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बच्चे का आईक्यू कैसा है? इसे जानना इतना भी मुश्किल नहीं, बस बच्चे का थोड़ा अवलोकन करें और उसके व्यवहार को देखें-समझें।
बच्चे की परवरिश में जुटे सभी माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा इंटेलिजेंट और स्मार्ट बने। इसके लिए आपको अपने बच्चे का अवलोकन करना होगा और उसके व्यवहार को देखकर ही आप समझ सकती हैं कि उसका आईक्यू कैसा है। रेणु की लाख कोशिशों के बाद भी दीप्तांश के नंबर इस बार भी एवरेज ही आए, जबकि उसकी पढ़ाई में रेणु ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस वजह से वह बहुत निराश हो गई। नन्हा दीप्तांश भी उदास था। उसे इन सबमें कहीं भी अपनी गलती नहीं नजर आ रही थी। यह केवल रेणु की समस्या नहीं है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्मार्ट और तेज दिमाग वाला बने, ताकि वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाए। इसके लिए अभिभावक उनके खाने-पीने से लेकर अच्छा स्कूल खोजने और अच्छा माहौल देने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन बच्चे के स्मार्ट होने और उसके आईक्यू लेवल के अच्छे होने में बड़ा अंतर है।
आईक्यू मतलब इंटेलिजेंस कोशियंट। यह एक बच्चे को दूसरे बच्चों से अलग बनाता है। कई शोध बताते हैं कि अगर बचपन से कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो बच्चे का आईक्यू लेवल बढ़ाया जा सकता है। आमतौर पर बच्चों का आईक्यू लेवल 90 से 110 के बीच होता है। 125 से 130 आईक्यू लेवल होने पर बच्चे को होशियार माना जाता है। लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि आपके बच्चे का आईक्यू कैसा है? इसे जानना इतना भी मुश्किल नहीं, बस बच्चे का थोड़ा अवलोकन करें और उसके व्यवहार को देखें-समझें।