World COPD Day 2024: वैश्विक स्तर पर सांस संबंधी समस्याएं गंभीर चिंता का कारण बनी हुई हैं। क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़ों और वायु मार्ग को प्रभावित करती है। इस रोग के कारण आपका वायु मार्ग अवरुद्ध हो जाता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है। वायु मार्ग में सूजन और जलन की दिक्कत होने लगती है।
World COPD Day 2024: फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए इन योगासनों को आजमाएं, सीओपीडी की समस्या से होगा बचाव
प्राणायाम
सोओपीडी की समस्या होने पर अच्छी श्वसन क्रिया के लिए आप प्राणायाम कर सकते हैं। प्राणायाम श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्राणायाम के अंतर्गत कई श्वसन क्रिया होती हैं। सीओपीडी से पीड़ित मरीज भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। इसके अलावा भ्रामरी प्राणायाम भी शरीर के वायु मार्ग को साफ करती है, ताकि सांस लेने में मुश्किल न आए।
अनुलोम विलोम के अभ्यास में सांस अंदर और बाहर ली जाती है। इस प्राणायाम से श्वसन संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं। कपालभाति का अभ्यास शुरू कर दें। ये शरीर में श्वसन क्रिया को मजबूत बनाता है और सांस की समस्याओं को कम कर सकता है।
ताड़ासन
ताड़ासन का अभ्यास गलत पोस्चर और रीढ़ की हड्डी की खराबी को ठीक करने में मदद करता है। ताड़ासन करते समय छाती खुली और रीढ़ लंबी होती है। यह अवस्था सांस लेने की अनुमति देती है। आसन गहरी सांस लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता और ऑक्सीजन का सेवन बढ़ सकता है।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास लिवर के साथ ही किडनी, अंडाशय को भी स्वस्थ बनाता है। इससे शरीर के मध्य भाग की स्ट्रेचिंग होती है और जिन लोगों को लीवर की समस्याएं हैं, उनपर सकारात्मक असर डालता है।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
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