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Lucknow: हाईटेंशन बिजली लाइन ही नहीं खंभे तक कर लिए घर के अंदर... खतरनाक हालात में रह रहे लोग, तस्वीरें
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: ishwar ashish
Updated Fri, 12 Dec 2025 01:52 PM IST
सार
राजधानी लखनऊ में 10000 परिवार हाईटेंशन लाइनों के नीचे बसे हैं। शेरवानीनगर, बसंत विहार, फैजुल्लागंज में बसे लोगों को उम्मीद है कि एक दिन लाइनें हट जाएंगी।
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- फोटो : amar ujala
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राजधानी लखनऊ के नवविकसित इलाकों में 11 व 33 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइनों के नीचे मकान बनने का सिलसिला यूं ही नहीं शुरू हुआ। जिन लोगों ने इन खतरनाक बिजली लाइनों के नीचे घर बनाकर रहना शुरू किया, उन्हें पूरी उम्मीद है कि एक न एक दिन ये लाइनें हट जाएंगी।
इसी भरोसे में कई लोगों ने न सिर्फ हाईटेंशन लाइनें, बल्कि खंभे तक घरों के अंदर खड़े कर लिए। राजधानी में ऐसे परिवारों की संख्या करीब 10 हजार है। विद्युत सुरक्षा निदेशालय भी इन पर अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर सका।
मड़ियांव के शेरवानी नगर में स्थिति बेहद भयावह है। यहां कई लोगों ने 33 केवी लाइन के खंभे और सपोर्ट पिलर तक अपने मकानों के भीतर समेट लिए हैं। एक मकान तो ऐसा भी है, जिसके मालिक ने एल आकार की लाइन के कई खंभे आंगन के अंदर तक खड़े कर लिए। हालांकि, इस मकान में परिवार नहीं रहता और घर पर ताला बंद है।
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10 वर्ष में 17 लोगों की मौत: फैजुल्लागंज, अहिबरनपुर और पुरनिया इलाके के लोगों का कहना है कि नबीकोटनंदना ट्रांसमिशन उपकेंद्र से निकली 8 किमी लंबी लाइन ने 10 वर्षों में 17 से अधिक लोगों की जान ले ली है। अधिकांश मौतें निर्माण कार्य के दौरान या अचानक छत पर चढ़ने के समय हुई।
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जनप्रतिनिधियों का आश्वासन- पैरवी जारी है: अमर उजाला की पड़ताल में पाया गया कि फैजुल्लागंज, भरतनगर, शिवनगर, श्रीनगर, वसंत विहार, शेरवानी नगर समेत कई इलाकों में बिजली लाइनों के नीचे परिवार रह रहे हैं। इनका आरोप है कि प्रॉपर्टी डीलरों ने उन्हें गुमराह किया। वहीं, स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आश्वस्त करते रहे कि पैरवी जारी है, एक दिन लाइनें जरूर हटेंगी।
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तीन लाइनों के नीचे ठेकेदार का मकान : अतिक्रमण में विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत भी सामने आई है। ट्रांसमिशन इकाई के एक इंजीनियर ने बताया कि 132 केवी नबीकोटनंदना उपकेंद्र से निकली 33 हजार वोल्ट की तीन लाइनों के नीचे एक ठेकेदार ने ही मकान खड़ा कर लिया। इसी तरह कई लाइनमैन मड़ियांव से सीतापुर रोड तक नंदना गांव के दोनों ओर बिजली लाइनों के नीचे घर बनाकर परिवार सहित रह रहे हैं।
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गोमतीनगर जोन के मुख्य अभियंता सुशील गर्ग का कहना है कि जिन लोगों को प्रॉपर्टी डीलरों ने लाइन हटवाने का लालच देकर प्लॉट बेच दिए, वे सामूहिक प्रार्थना पत्र देकर खुद के खर्च पर लाइनें शिफ्ट करा सकते हैं। शिफ्टिंग की कुल लागत उन्हें विभाग में जमा करनी होगी।
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