ऐ अल्लाह! हम गुनाहगार हैं, खतावार हैं, बदकार हैं... तेरे हुक्म से गाफिल हैं... लेकिन जो हैं, जैसे हैं तेरे बंदे हैं...? ऐ अल्लाह तू रहीम है, हम पर रहम कर दे... तू करीम है, हम पर करम कर दे। हमारे गुनाहों का बोझ बहुत है, लेकिन तू गुनाहों को माफ करने वाला है, अपने बंदों पर रहम करने वाला है... हमें भी माफ कर दे...! ऐ अल्लाह, सारी दुनिया को इल्म के नूर से रौशन कर दे... ऐ अल्लाह सारी कायनात में अमन, सुकून, भाईचारे की हवाएँ चला दे... ऐ अल्लाह इस शहर, सूबे, मुल्क को कामयाबी, तरक्की की बुलंदियों से मालामाल कर दे...!
Eid Mubarak: भोपाल में हजारों लोगों ने पढ़ी ईद की नमाज, 'ऐ अल्लाह इस मुल्क को कामयाबी दे'
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ईदगाह पर हजारों लोगों ने ईद-उल-फितर की नमाज पढ़ी। शहर काजी ने कहा- 'ऐ अल्लाह इस मुल्क को कामयाबी दे।' इस पर हर तरफ से आवाज उठी- 'आमीन'।
तोप से दी नमाज होने की जानकारी
ईदगाह में नमाज अदा होने के बाद जामा मस्जिद, ताजुल मसाजिद और मोती मस्जिद के अलावा शहर की अन्य मस्जिदों में ईद की नमाज होना थी। ईदगाह की नमाज मुकम्मल हो जाने के बाद इसकी सूचना तोप के गोले दागकर दी गई। ताकि बाकी मस्जिदों में नमाज की तैयारी की जा सके। साथ ही नमाजी भी इस लिहाज से समयानुसार मस्जिद तक पहुंच सकें।
एक रास्ते से आमद, दूसरे से वापसी
ईदगाह की नमाज में शामिल होने के लिए अकीदतमंदों के हुजूम अल सुबह से ही मंजिल की तरफ बढ़ने लगे थे। सिर पर टोपी, बदन पर नए नवेले कपड़े, महकती खुशबू और जुबां पर अल्लाह का जिक्र लिए लोग हर तरफ दिखाई दे रहे थे। इस्लामी मान्यता अनुसार इनका वापसी का रास्ता कुछ बदला हुआ था।
ईदगाह से जुगलबंदी करते दिखाई दिए अन्य धार्मिक स्थल
जिस समय ईदगाह पर नमाज की तैयारी हो रही थी पास ही स्थित गुफा मंदिर से घंटियों और भजन की धीमी आवाज सुनाई दे रही थी। दूसरी तरफ ईदगाह हिल्स पर ही स्थित नानक साहब गुरुद्वारा में भी गुरुवाणी गूंज रही थी। ईदगाह के निचले हिस्से में स्थित कोहेफिजा के आर्च बिशप हाउस के चर्च में ईसाई धर्मावलंबी अपनी प्रेयर में तल्लीन थे।
दिखी गंगा-जमुनी तहजीब
ईदगाह से लौटने वाले अकीदतमंदों के स्वागत में कई स्थानों पर स्वागत मंच लगाए गए थे। अलग धर्मों के लोगों ने यहां मौजूद रहकर ईद की मुबारकबाद दी। स्वागत करने वालों में कई सामाजिक संगठनों के लोग और कई धार्मिक संस्थाएं शामिल थीं।
सुबह से ही पहुंचने लगे थे लोग
ईदगाह में नमाज अदा करने के लिए लोग अल सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए थे। एक लाख से ज्यादा क्षमता वाली ईदगाह नमाजियों से खचाखच भर गई तो बाद में आने वाले लोग पार्किंग और देरी से आने वाले आसपास की सड़कों पर ही नमाज के लिए कतारबद्ध हो गए। ईदगाह की नमाज में शामिल न हो पाए लोगों ने पहले जामा मस्जिद की दौड़ लगाई। इससे भी बाकी रह गए लोगों ने ताजुल मसाजिद और मोती मस्जिद की दौड़ लगाई। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद अपने पिता और दोनों बेटों के साथ ईदगाह में नमाज पढ़ने पहुंचे थे। तीनों पीढ़ी ने एक जैसे कलर और डिजाइन के पठानी सूट धारण किए थे। साथ देने के लिए मसूद के मित्र अतहर खान भी इसी रंग में रंगे दिखाई दिए। ईदगाह पहुंचने वाले कई लोगों ने शॉर्ट कट लिया। ये रास्ता गुरुद्वारा के परिसर से होकर गुजरता है। यहां के प्रबंधकों और सेवादारों ने नमाजियों के वाहन गुरुदारा परिसर में पार्क करवाने में मदद की। नमाज के बाद एक साथ कई मस्जिदों से नमाजियों का निकलना शुरू हुआ तो पुराने शहर के अधिकांश इलाकों में जाम के हालत बन गए।
न पोस्टर दिखे और न प्रचार
आमतौर पर ईदगाह पहुंचकर नमाजियों को मुबारकबाद देने वाले सियासी पोस्टर इस बार नहीं दिखाई दिए। बाद की नमाजों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कुछ नेता जरूर बाद में लोगों को मुबारकबाद देने पहुंचे थे।
(भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट)

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