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MP News: CM बोले- विकसित मध्यप्रदेश 2047 हमारा भविष्य का रोडमैप है, ओंकारेश्वर में 27वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Sat, 01 Nov 2025 05:51 PM IST
सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रवींद्र भवन में “विकसित मध्यप्रदेश @2047” कार्यक्रम में कहा कि यह विज़न डॉक्यूमेंट अगले 25 वर्षों में प्रदेश को सुखी, संपन्न और सांस्कृतिक रूप से अग्रणी बनाने का रोडमैप है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब देश का विकास लीडर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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MP News: CM said- Developed Madhya Pradesh 2047 is our future roadmap, the state will become the country's dev
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर “अभ्युदय मध्यप्रदेश” के अंतर्गत विकसित मध्यप्रदेश @ 2047 दृष्टि पत्र का अनावरण एवं विमोचन किया। साथ ही मुख्यमंत्री जी ने MP ई-सेवा पोर्टल और मोबाइल ऐप तथा “Wash on Wheels” मोबाइल ऐप का लोकार्पण भी किया। इन अभिनव पहलों से प्रदेश डिजिटल सेवाओं के क्षेत्र में नई उड़ान भरेगा, युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे और शहरी स्वच्छता सेवाओं में तकनीकी नवाचार को नई दिशा मिलेगी।  इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में प्रदेश की 27वीं वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनेगी। इस सेंचूरी में टाइगर के साथ-साथ भालू, सोन कुत्ता जैसे जीवों की उपलब्धता रहेगी।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित “विकसित मध्यप्रदेश @2047” कार्यक्रम में कहा कि यह विज़न डॉक्यूमेंट आने वाले 25 वर्षों के लिए प्रदेश के विकास की दिशा तय करेगा। उन्होंने कहा कि हम सबकी मनोभावना है कि अपने प्रदेश के भविष्य का ऐसा रोडमैप बनाएं जो मध्यप्रदेश को सुखी, संपन्न और सांस्कृतिक रूप से अग्रणी बनाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश ने 69 साल पूरे कर 70वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। वर्ष 1956 में मध्यभारत, मालवा-चंबल, सेंट्रल प्रोविंस-बरार, महाकौशल और विंध्य प्रदेश को मिलाकर वर्तमान मध्यप्रदेश का निर्माण हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि “विजन-2047 डॉक्यूमेंट केवल इस वर्ष के कामों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बताता है कि अगले 25 वर्षों में हमें कहां पहुंचना है। मध्यप्रदेश को देश का विकास लीडर बनना है। उन्होंने कहा कि कुछ ही राज्य अपनी दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रहे हैं, और “हमें गर्व है कि मध्यप्रदेश उनमें अग्रणी है।

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प्रदेश को मिली बड़ी सौगात 
मध्य प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर राज्य को बड़ा उपहार मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में उज्जैन एयरपोर्ट के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिससे उज्जैन अब प्रदेश का 9वां कमर्शियल एयरपोर्ट बन गया है। इस कदम से राज्य की हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होने के साथ धार्मिक पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर और सिंहस्थ कुंभ जैसे आयोजनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब सीधे उज्जैन पहुंचने की सुविधा मिलेगी, जिससे इंदौर एयरपोर्ट पर निर्भरता समाप्त होगी।

 

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला
हवाई और औद्योगिक विकास में बड़ी छलांग
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जिसने सभी सेक्टरों में हवाई सेवा शुरू करने के लिए एक साथ एमओयू किए हैं।
उन्होंने कहा कि “प्रदेश में पहले से 8 एयरपोर्ट हैं और अब 9वें एयरपोर्ट का शुभारंभ एयरपोर्ट अथॉरिटी के विपिन कुमार जी ने किया है। औद्योगिक निवेश की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 6 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भोपाल में हुई जीआईएस में 24 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव मिले। इनमें से 8.44 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं, जिनसे 6 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र में 23,853 करोड़ रुपये के निवेश से 8 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है और 2 साल में 60 हजार युवाओं को सरकारी नियुक्ति पत्र दिए गए हैं।

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सीएम ने हेली पर्यटन सेवा का शुभारंभ किया - फोटो : अमर उजाला
संस्कृति, जल और पर्यावरण पर गर्व
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को “नदियों का मायका” कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अगर थोड़ा पानी दूसरे राज्यों में भी चला जाए तो कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि यह जल हमारे करोड़ों किसानों की जीवनरेखा है। उन्होंने बताया कि आदिवासी अंचलों में कपास उत्पादक किसानों के लिए पीएम मित्रा पार्क की स्थापना की गई है। उन्होंने गर्व जताया कि देश में सबसे ज्यादा टाइगर और लेपर्ड की संख्या मध्यप्रदेश में है, जिससे राज्य का जैव-विविधता संरक्षण में अग्रणी स्थान है।

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हर विधानसभा में एक स्टेडियम बनेगा 
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्टेडियम और एक हेलीपैड बनाने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “हम सिंहस्थ-2028 को भव्य और दिव्य आयोजन बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जहां 30 किलोमीटर लंबे घाट पर 24 घंटे में 5 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की जाएगी।  

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राज्य की संपन्नता-भव्यता दिखाती प्रदर्शनी
रवींद्र भवन में निवेश और उद्योगों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें दिखाया गया कि किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन सी कंपनियां निवेश कर रही हैं। इसके अलावा यह भी दर्शाया गया कि इस निवेश के साथ कितने लोगों को रोजगार मिलेगा। प्रदर्शनी में बताया कि एजीआई ग्रीनपैक 1500 करोड़, बीईएमएल 1800 करोड़, सीईटीपी करीब 48 करोड़, मंडीदीप के प्ले-प्लग पार्क में 76 करोड़ और मोहासा-बाबई इंडस्ट्रियल पार्क में 59 हजार करोड़ का निवेश होगा। इसके अलावा भी कई कंपनियां करोड़ों रुपये का निवेश करेंगी। इनसे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। 

यहां दिखा मध्यप्रदेश का अभ्युदय
इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाल परेड ग्राउंड आयोजित “अभ्युदय मध्यप्रदेश” प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी में प्रदेश के वैभवशाली अतीत, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उज्ज्वल भविष्य की झलक दिखाई गई। चित्रों और छायाचित्रों के माध्यम से प्रदेश की गौरवगाथा को सजीव रूप में प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में विकसित मध्यप्रदेश 2047, राजा विक्रमादित्य और उनके समय की मुद्राएं, प्रदेश की बावड़ियां, पारंपरिक कला, विरासत से विकास तक की यात्रा  और देवलोक - मंदिर स्थापत्य जैसी कलाएं शामिल की गईं। इस प्रदर्शनी में जरी-जरदोजी का स्टॉल लगाया गया है।  

यह प्रदर्शनियां लगाई गई- 
विक्रमादित्य कालीन मुद्रा और संस्कृति प्रदर्शनी में प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व की मुद्राओं, सिक्कों और मूर्तियों के माध्यम से उज्जयिनी के स्वर्णिम युग को दर्शाया गया। यह प्रदर्शनी अश्विनी शोध संस्थान, महिदपुर के सहयोग से आयोजित की गई।
‘भारत विक्रम: वृहत्तर भारत का सांस्कृतिक वैभव’ शीर्षक प्रदर्शनी में भारत की सांस्कृतिक छाप को कम्बोडिया, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल, जापान और ईरान जैसे देशों में स्थित मंदिरों और धरोहरों के छायाचित्रों द्वारा प्रदर्शित किया गया।
‘आर्ष भारत’ प्रदर्शनी में वैदिक ऋषियों की वैज्ञानिक दृष्टि और प्राचीन भारत के ज्ञान-विज्ञान की उपलब्धियों को उजागर किया गया। महर्षि कणाद के परमाणुवाद, भरद्वाज के वैमानिकी शास्त्र, भास्कराचार्य और आर्यभट्ट के खगोल ज्ञान सहित वैदिक विज्ञान के सशक्त उदाहरणों ने आगंतुकों को भारत के गौरवपूर्ण अतीत से परिचित कराया।
इसके अतिरिक्त ‘मध्यप्रदेश की पारंपरिक कलाएं’ प्रदर्शनी में बुंदेलखंड, निमाड़, मालवा, बघेलखंड और जनजातीय अंचलों की लोक कलाओं को प्रदर्शित किया गया, वहीं ‘मध्यप्रदेश की बावड़ियां’ प्रदर्शनी ने प्रदेश की जल-संवर्धन परंपरा को रेखांकित किया। चंदेरी, दतिया, गुना, भिंड और भोपाल की ऐतिहासिक बावड़ियों के छायाचित्र इस विरासत को जीवंत करते दिखाई दिए।

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एमपी को नई सौगात: पीएमश्री पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर राजा भोज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे भोपाल से पीएमश्री पर्यटन हेलीकॉप्टर सेवा का शुभारंभ कर हरी झंडी दिखाई। भोपाल से उज्जैन हेलीकॉप्टर रवाना हुआ। यह सांकेतिक शुरुआत है।  नवंबर माह में ही नियमित रूप से पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा संचालित होगी। इस सेवा की विशेषता यह है कि मध्यप्रदेश पर्यटन के माध्यम से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को रहवास और स्थानीय ट्रांसपोर्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। प्रदेश में तीन विभिन्न क्षेत्रों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा संचालित की जाएगी। 

इन तीन क्षेत्रों के लिए मिलेगी सेवा
मुख्यमंत्री ने बताया कि तीन क्षेत्रों में प्रथम क्षेत्र भोपाल से उज्जैन, इंदौर, मांडव और ओंकारेश्वर रहेगा। दूसरा क्षेत्र नर्मदापुरम जिले में स्थित हिल स्टेशन पचमढ़ी के साथ ही छिंदवाड़ा जिले के तामिया और छतरपुर जिले में स्थित विश्व धरोहर स्थल खजुराहो होगा। तीसरी हेलीकॉप्टर सेवा जबलपुर और कान्हा, पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानों तक पर्यटकों के पहुंचने के लिए संचालित होगी। नवंबर माह में ही नियमित रूप से तीनों हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित की जाएंगी। 




 
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