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Baba Bageshwar: बांके बिहारी मिलन के साथ बाबा बागेश्वर की पदयात्रा संपन्न, बोले- विचारों की यात्रा जारी रहेगी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर/मथुरा Published by: दिनेश शर्मा Updated Sun, 16 Nov 2025 10:18 PM IST
सार

बाबा बागेश्वर की दस दिनी यात्रा वृंदावन में बांके बिहारी मिलन के साथ समाप्त हुई। बागेश्वर धाम महाराज ने हिंदू एकता, सनातन संरक्षण और सामाजिक-धार्मिक जागरण का संदेश दिया। उन्होंने पांच प्रण दिलवाए—जुड़ो-जोड़ो, भगवा अभियान, सुंदरकांड मंडल, घर वापसी और तीर्थ क्षेत्रों में मांस-मदिरा बंदी। संतों ने एकता और जागरण पर बल दिया।

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Baba Bageshwar's ten-day pilgrimage concludes with the darshan of Banke Bihari in Vrindavan.
यात्रा संपन्न होने पर बाबा बागेश्वर थोड़े भावुक हो गए - फोटो : अमर उजाला
दुनिया भर के हिंदुओं को एकजुट करने का संकल्प लेकर निकली बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की 10 दिवसीय सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का रविवार को वृंदावन में बांके बिहारी मिलन के साथ समापन हो गया।  यात्रा के समापन के मौके पर बागेश्वर महाराज ने कहा कि यह यात्रा तन से भले ही पूरी हो गई हो, लेकिन मन के विचारों की यात्रा जारी रहनी चाहिए। पदयात्रा में सभी लोग इसलिए साथ चले ताकि संतति और संपत्ति बची रहे, भारत में दंगा नहीं गंगा की जय बोलें।




बागेश्वर महाराज ने वृंदावन में विशाल धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि गर्व से कहो हम हिंदू हैं, यह कहने की जरूरत नहीं पड़ना चाहिए। बच्चों को कट्टर सनातनी बनाएं। हम हिंदू हैं, हिंदुस्तान हमारा है। यात्रा ने विरोधियों के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा है। यात्रा एकता और समर्पण का संदेश देने में सफल हुई है। महाराज श्री ने कहा कि न तो हमें हिंदू हृदय सम्राट बनना है और न ही हमें किसी पार्टी को बनाकर राजनीति करना है, हम सिर्फ सनातन के सिपाही हैं और यही बनकर रहना है। महाराज श्री ने कहा कि हिंदू अपना दर छोड़कर बाहर निकलें, इसीलिए यह यात्रा की। 
उन्होंने कहा कि यह यात्रा शोभायात्रा और कलश यात्रा  बनकर न रह जाए। सभी लोग एकजुट बने रहेंगे तो विधर्मी हिंदुओं पर अत्याचार करने से घबराएंगे। उन्होंने कहा कि कई सैनिक छुट्टी लेकर यात्रा में शामिल हुए हैं। जब उनसे पूछा गया तो सैनिकों ने कहा कि यह यात्रा बहुत जरूरी है। बागेश्वर महाराज ने कहा कि अनिरुद्धाचार्य महाराज के गौरी गोपाल आश्रम की ओर से भोजन प्रसाद की व्यवस्था रही। उन्होंने सबका आभार जताया।

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Baba Bageshwar's ten-day pilgrimage concludes with the darshan of Banke Bihari in Vrindavan.
बाबा बागेश्वर की पदयात्रा समापन पर उमड़ी भीड़ - फोटो : अमर उजाला

महाराजश्री ने दिलवाए पांच प्रण
  • बागेश्वर महाराज ने सभी पद यात्रियों को पांच प्रण दिलवाए। पहला प्रण जुड़ो और जोड़ो यानी लोगों से सतत संपर्क बनाएं और दूसरे लोगों को जोड़ें। 
  • दूसरा संकल्प भगवा अभियान, अपने घर के साथ-साथ आसपास भी लोग अपने घरों में भगवा ध्वज लगाएं। 
  • तीसरा प्रण साधु संतों का कमंडल और बागेश्वर धाम का सुंदरकांड मंडल, यानि कि गांव गांव सुंदरकांड मंडलों के माध्यम से धर्म की गंगा बहे। 
  • चौथा प्रण घर वापसी अभियान है, जो भी व्यक्ति किसी कारण से हिंदू धर्म छोड़कर चले गए उन्हें वापस हिंदू धर्म में लाना। 
  • पांचवा अपने देश के तीर्थ और उनके आसपास के क्षेत्र में मांस मदिरा की दुकान बंद करवाने में अपना योगदान दें।

 
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Baba Bageshwar's ten-day pilgrimage concludes with the darshan of Banke Bihari in Vrindavan.
बाबा बागेश्वर के साथ इंद्रेश कुमार व अन्य लोग। - फोटो : अमर उजाला
ब्रजभूमि को प्रणाम करते ही सजल हुए नेत्र
बागेश्वर महाराज जैसे ही यात्रा के साथ वृंदावन की सीमा गरुड़ माधव के पास पहुंचे वैसे ही उन्होंने साष्टांग दंडवत प्रणाम करते हुए वृंदावन की रज माथे पर लगाई। ब्रज भूमि को प्रणाम करते ही महाराज श्री भावुक हो गए और उनकी आंखें सजल हो गईं। उन्होंने कहा कि यह वह रज है जहां भगवान कृष्ण ने गायें चराईं। इस पवित्र रज की कृपा से लोगों के भाव में परिवर्तन आएगा। बागेश्वर महाराज के साथ कथा व्यास देवकीनंदन ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय एवं पुंडरीक गोस्वामी जी ने भी ब्रज रज को प्रणाम किया।

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Baba Bageshwar's ten-day pilgrimage concludes with the darshan of Banke Bihari in Vrindavan.
बाबा बागेश्वर की पदयात्रा के वृंदावन पहुंचते ही धीरेंद्र शास्त्री ने दंडवत होकर प्रणाम किया। - फोटो : अमर उजाला
ओम शांति नहीं, ओम क्रांति कहना सीखें : रामभद्राचार्य जी
बागेश्वर महाराज के गुरु तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य महाराज की पावन उपस्थिति में 10 दिवसीय यात्रा का विराम हुआ। उन्होंने बागेश्वर महाराज को अपने हृदय से लगाया। दृश्य ऐसा था जैसे एक अबोध बालक को मां अपनी गोद में लेकर उस पर स्नेह लुटाती हो। आयोजित धर्म सभा की अध्यक्षता कर रहे महाराज श्री ने कहा कि यह हिंदू एकता महाकुंभ का आयोजन हुआ है। यात्रा ने सबका दंभ तोड़ दिया। पदयात्रा का विश्राम हुआ है लेकिन सबके भीतर यात्रा का उद्देश्य जीवित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू सो रहा है इसीलिए विधर्मियों के अत्याचार हो रहे हैं। अब ओम शांति नहीं ओम क्रांति कहना सीखें। महाराज श्री ने कहा कि सभी संत अपने मत मतांतर भुलाकर एक हों, उपासना अपनी करते रहें लेकिन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एक हो जाएं।

 
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बाबा बागेश्वर की पदयात्रा में बुजुर्गों ने भी सहभागिता की। - फोटो : अमर उजाला
कथावाचकों और संतों ने कहे आशीर्वचन
सनातन एकता पदयात्रा विश्राम के समय जहां कथा वाचकों ने अपने वचनों से सभी पदयात्रियों को आशीर्वाद दिए वही संतों ने भी मंगल कृपा की। पूज्य बालक योगेश्वर दास महाराज, गीता मनीषी जी, देवकीनंदन ठाकुर महाराज, पुंडरीक गोस्वामी, इंद्रेश उपाध्याय, अनिरुद्ध आचार्य महाराज, राजू दास महाराज, आर के पांडे, मृदुल कांत शास्त्री सहित अन्य संतों एवं कथा वाचकों ने अपने आशीर्वचनों से पद यात्रियों को अभिभूत किया। बता दें, सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 7 नवंबर से दिल्ली के कात्यायनी मंदिर से शुरू हुई थी। रविवार 16 नवंबर को वृंदावन में बांके बिहारी के मिलन के साथ इसका विराम हुआ।
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