जिंदा रहते हुए कई लोग ऐसा काम करते हैं, जिसकी खूब चर्चा होती है। लेकिन, ऐसे लोग कम ही होते हैं जो दुनिया को अलविदा कहने के बाद भी कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। ऐसा ही कुछ किया है मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रहने वाले 24 साल के विशाल मोयदे ने। ब्रेन डेड होने के बाद विशाल ने सात लोगों को नई जिंदगी देगी। विशाल अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन फिर भी वे देश भर के सात लोगों में जिंदा रहेगा। आज नेशनल वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे पर पढ़िए ये कहानी...।
National Organ Donation Day: पेपर देते समय सिर दर्द, जाते-जाते मां से कही दिल की बात, अंगदान की भावुक कहानी
National Organ Donation Day: पेपर देते समय सिर दर्द, जाते-जाते मां से कही दिल की बात, अंगदान की भावुक कहानी
मां से इच्छा की थी जाहिर
बेटे के खोने के गम में डूबी को विशाल की मां को उसकी याद आई। क्योंकि, 28 जुलाई को उपचार के दौरान विशाल ने मां से एक इच्छा जाहिर की थी। उसने अपनी मां से कहा था कि अगर मुझे कुछ हो जाए तो मेरे अंगदान कर देना। बेटे की यह आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए परिवार ने भी सहमति दी, जिसके बाद इसकी प्रक्रिया शुरू की गई।
डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया
विशाल के पिता अंबाराम मोयदे पेशे से शिक्षक हैं। उन्होंने बताया कि मेरा बेटा बीए कर चुका था। वह यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, उसने एसआई का एग्जाम भी दिया था। उसका सपना कलेक्टर बनने था। लेकिन, बीएड का पेपर देते समय उसके सिर में तेज दर्द होने लगा। उसे एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया, सबसे पहले विशाल का छोटा भाई उसके पास पहुंचा, उससे बात करते-करते ही विशाल बेहोश हो गया। इसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन फायदा नहीं मिला। फिर हमनें उसे इंदौर के अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन, वहां से भी संतुष्टि नहीं मिलने पर बड़ौदा के मल्टीस्पेशलिटी जाइडस अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां, तीन दिन चले इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
मेरे अंगों से कुछ लोग जिंदा रहेंगे
पिता अंबाराम मोयदे ने बताया कि विशाल ने दुनिया छोड़ने से पहले अपनी मां सुशीला बाई से अंगदान करने की बात कही थी। उसने अपनी मां से कहा था कि मैं असहनीय दर्द सहन कर रहा हूं। भविष्य में अगर मुझे कुछ हो जाता है तो मेरे अंग दान कर देना। इससे कई और लोगों को जिंदगी मिल जाएगी। विशाल के पिता कहते हैं कि अब हमें लगता है कि उसे पहले ही पता चल गया था कि वह अब नहीं बचेगा। बेटे की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए हमने बड़ौदा के जाइडस अस्पताल में उसके अंग दान किए हैं।
पांच तरह के सात अंग किए दान
पिता अंबाराम मोयदे ने बताया कि बेटे विशाल के पांच तरह के सात अंग दान किए हैं। इसमें इनमें हार्ट, दोनों किडनी, दोनों फेफड़े, लीवर और अमाशय शामिल हैं। बेटे के गम में डूबे अंबाराम ने लोगों से अपील अंगदान करने की अपील की है।

कमेंट
कमेंट X