भारत में कई रहस्यमयी मंदिर मिल जाएंगे, जिनके राज से विज्ञान भी पर्दा नहीं उठा पाया है। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के बीकानेर में है, जहां हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचते हैं। खास बात है कि इस मंदिर में करीब 25 हजार से भी ज्यादा चूहे रहते हैं लेकिन यहां आज तक कोई बीमारी नहीं फैली। चलिए नवरात्रि पर हम आपको इस चमत्कारी मंदिर के बारे में बताते हैं।
Navratri 2022: चमत्कारी करणी माता का मंदिर, जहां 25 हजार से अधिक चूहे रहते हैं, मिलता है इनका जूठा प्रसाद
Navratri 2022: चमत्कारी करणी माता का मंदिर, जहां 20 हजार से अधिक चूहे रहते हैं, मिलता है इनका जूठा प्रसाद
चूहों को लगता है भोग
करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर में चूहों को विभिन्न तरह के पकवान का भोग लगाया जाता है। फिर बाद में जूठे भोग को श्रद्धालुओं में बांट दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि इस मंदिर में इतने चूहे क्यों हैं, इसका कारण कोई पता नहीं लगा पाया और न ही झूठा प्रसाद खाने से कोई बीमार हुआ है।
महाराजा गंगासिंह ने करवाया था मंदिर का निर्माण
माता करणी को मां दुर्गा का साक्षात अवतार माना जाता है। 1387 ईसवीं में माता करणी का जन्म रिघुबाई के नाम से एक शाही परिवार में हुआ था। विवाह के बाद उनका सांसारिक मोह माया से लगाव टूट गया और वे एक तपस्वी का जीवन जीने लगीं। इसी दौरान आस पास के गांवों में उनकी धार्मिक और चमत्कारी शक्तियों की ख्याती फैल गई और लोग दूर-दूर से माता के दर्शन के लिए आने लगे। मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। जिसका मुख्य द्वार ठोस चांदी से बना हुआ है।
सैनिकों को माता ने बना दिया था चूहा
एक किवदंती है कि एक बार 25 हजार से अधिक सैनिकों की फौज किसी युद्ध से भागकर देशनोक आ गई। जब करणी माता को पता चला कि सैनिक युद्ध से भागकर आए हैं। ऐसे में उन्होंने दंड स्वपरूप सैनिकों को चूहा बना दिया।
आरती समय बिल से बाहर आ जाते हैं चूहे
करणी माता के मंदिर में काले और कुछ सफेद चूहे मौजूद हैं। कहा जाता है कि ये चूहे माता करणी के वंशज हैं। मंदिर में सुबह और शाम आरती होती है, इस दौरान चूहे अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं। इसे 'मूषक मंदिर' भी कहा जाता है। इतने चूहे होने के बाद भी मंदिर में किसी भी प्रकार की दुर्गंध नहीं आती है। वहीं आज तक इस मंदिर में चूहों से कोई बीमारी भी नहीं फैली है।
मंदिर में चांदी का चूहा करते हैं दान
नवरात्रि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु करणी माता का दर्शन करने पहुंचते हैं। मान्यता है कि माता करणी अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं। वहीं अगर किसी से कोई चूहा मर जाता है तो वो मंदिर में चांदी का चूहा भी दान करते हैं।