नाग पंचमी का महापर्व पांच अगस्त को मनाया जाएगा। सनातन परंपरा में पूजे जाने वाले नागों का संबंध सिर्फ देवी-देवताओं से ही नहीं बल्कि मनुष्य के कल्याण से भी जुड़ा हुआ है। नाग देवता की पूजा का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। आइए जानते हैं कि आखिर नाग देवता की किस पूजा का क्या फल मिलता है।
नाग पंचमी 2019 : नागों की पूजा से जुड़ी हैं ये बड़ी मान्यताएं
1. नागपंचमी का पर्व देश बिहार, बंगाल, राजस्थान आदि में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इन सभी राज्यों में इस पावन पर्व के साथ कई परंपराएं भी जुड़ी हुई हैं, जिनका संबंध लोगों के जीवन से जुड़ी खुशहाली, सुख-समृद्धि से है।
इस नागपंचमी पर प्रसिद्ध त्र्यम्बकेश्वर मंदिर, उज्जैन में कराएं कालसर्प दोष शान्ति पूजा। (विज्ञापन)
2. उत्तर भारत में नागपंचमी के दिन घर के मुख्यद्वार पर गाय के गोबर से नाग बनाकर उनकी पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से सांप से जुड़े तमाम तरह के भय दूर होते हैं।
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3. नाग पंचमी के दिन लोग नागों की पूजा के बाद बाजू में सर्पगंधा - एक विशेष प्रकार की लकड़ी बांधते हैं। मान्यता है कि इस जड़ी को बांधने से सांप काटने का डर नहीं रहता है।
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4.नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के पश्चात् दूध की मीठी खीर और दही से खट्टी खीर बनाई जाती है। इन दोनों तरह की खीर का नाग देवता को भोग लगाया जाता है। इस दिन दही वाली खीर खाने के पीछे मान्यता है कि इससे नाग भय दूर होता है। महिलाएं इस खीर को इसलिए खाती हैं कि उनका सुहाग सलामत रहे।
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