{"_id":"691c1c525c8213ade104bf0d","slug":"ai-based-cyber-attacks-how-artificial-intelligence-used-in-hacking-2025-11-18","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"AI In Cyber Attacks: क्या एआई से हो सकते हैं साइबर हमले? जानिए कैसे यह तकनीक बन सकती है दोधारी तलवार","category":{"title":"Tech Diary","title_hn":"टेक डायरी","slug":"tech-diary"}}
AI In Cyber Attacks: क्या एआई से हो सकते हैं साइबर हमले? जानिए कैसे यह तकनीक बन सकती है दोधारी तलवार
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 18 Nov 2025 12:42 PM IST
सार
AI Used In Cyber Attack: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया को नई दिशा दे रहा है, लेकिन इसके साथ साइबर सुरक्षा को लेकर नए खतरे भी सामने आ रहे हैं। AI का इस्तेमाल सिर्फ सुरक्षा बढ़ाने के लिए ही नहीं, बल्कि साइबर अटैक करने के लिए भी किया जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
आज एआई से इंसानों द्वारा किए जाने वाले हर काम को आसान और तेज बनाने की कोशिश की जा रही है। मशिन लर्निंग और एडवांस लार्ज लैंग्वेज मॉडल ( LLM) से एआई में इंसानों जैसे सोचने, समझने और जवाब देने की क्षमताएं विकसित की जा रही है। एआई टूल्स के इस्तेमाल से प्रोफेशनल तौर पर लोग ज्यादा प्रोडक्टिव भी बन रहे हैं। हालांकि, अन्य कई तकनीकों के तरह ही एआई भी गलत इस्तेमाल से नहीं बचा है। हाल ही में एआई कंपनी Anthropic पर हुए साइबर हमले में एआई के उपयोग ने इसके नुकसान को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।
एआई अब दोधारी तलवार बन चुका है जो आम लोगों के लिए तो फायदेमंद साबित हो रहा है, लेकिन साइबर हमलों को और भी तेज और सटीक बनाया जा रहा है। साइबर हमलों में एआई के इस्तेमाल ने इसे खतरनाक बना दिया है। आइए जानते हैं एआई के उपयोग से कैसे साइबर हमलों को अंजाम दिया जा रहा है।
Trending Videos
2 of 6
cyber crime
- फोटो : Adobe Stock
AI-जनित फिशिंग हमले
फिशिंग अभी तक ईमेल या मैसेज के जरिए लोगों को धोखा देने तक सीमित था। लेकिन AI ने इसे और खतरनाक बना दिया है। AI किसी व्यक्ति की लिखने की शैली, सिन्नेचर या हैंडराइटिंग कॉपी कर सकता है। यह बेहद भरोसेमंद ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज या सोशल मीडिया टेक्स्ट तैयार कर सकता है। लोग नकली मैसेज को असली समझकर फेक लिंक पर क्लिक कर देते हैं और उनकी निजी जानकारी चोरी हो जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 6
डीपफेक से बढ़ा साइबर अटैक का खतरा
- फोटो : Freepik
डीपफेक के जरिए ठगी
AI आधारित डीपफेक तकनीक आवाज और चेहरा इतनी सटीकता से कॉपी कर सकता है कि असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। डीपफेक के कई ऐसे मामले आए हैं जहां कंपनी के CEO की नकली आवाज बनाकर कर्मचारियों को पेमेंट करने को कहा जाता है। वीडियो कॉल पर भी फर्जी पहचान दिखाकर फाइनेंशियल फ्रॉड किया जा सकता है। यह तरीका दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है।
4 of 6
password
- फोटो : FREEPIK
AI के जरिए पासवर्ड क्रैकिंग
AI बड़ी मात्रा में डेटा को समझने में माहिर होता है। यह डेटा से पासवर्ड पैटर्न को भी पहचान सकता है। इससे पासवर्ड गेसिंग बेहद तेज और आसान बन जाती है। AI पासवर्ड बनाने की आदतों का विश्लेषण कर सकता है और मिनटों में मजबूत पासवर्ड भी क्रैक कर सकता है। इसकी वजह से पारंपरिक पासवर्ड सुरक्षा अब काफी कमजोर पड़ रही है।
विज्ञापन
5 of 6
सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : ANI
मैलवेयर को और स्मार्ट बनाना
AI की मदद से साइबर अपराधी ऐसा मैलवेयर बना सकते हैं जो खुद सीख सकता है, सुरक्षा सिस्टम को धोखा दे सकता है और वातावरण के हिसाब से अपनी रणनीति भी बदल सकता है। ऐसा एडवांस्ड मैलवेयर पहचानना और रोकना सामान्य एंटीवायरस सिस्टम के लिए बेहद मुश्किल होता है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।