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Meta का नया दांव: हिंदी जानने वालों को हर घंटे ₹5,000 देगी मेटा, जानें क्या करना होगा काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 09 Sep 2025 01:45 PM IST
सार
Meta भारत में AI चैटबॉट्स को स्थानीय रंग देने की तैयारी में है। कंपनी अमेरिका में हाई-पेड कॉन्ट्रैक्टर्स को हायर कर रही है, जो हिंदी समेत कई भाषाओं में चैटबॉट को ट्रेन करेंगे। इसके बदले में कंपनी इन्हें मोटी रकम देगी।
सोशल मीडिया दिग्गज Meta भारत में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। कंपनी अमेरिका में ऐसे कॉन्ट्रैक्टर्स हायर कर रही है जिनका काम हिंदी भाषा में ऐसे AI चैटबॉट्स तैयार करना है, जो Instagram, WhatsApp और Messenger जैसे प्लेटफॉर्म पर कल्चरल और रीजनल टच के साथ यूजर्स को जोड़ सकें।
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मेटा कॉन्ट्रैक्ट पर करेगा हायरिंग
- फोटो : अमर उजाला
कौन कर रहा है भर्ती?
इन पदों के लिए हायरिंग के लिए स्टाफिंग एजेंसियों जैसे Crystal Equation और Aquent Talent को लगाया गया है। आवेदन करने वालों के पास हिंदी, स्पैनिश, पुर्तगाली या इंडोनेशियन भाषा पर मजबूत पकड़ होनी चाहिए। साथ ही, उम्मीदवारों के पास कम से कम छह साल का अनुभव स्टोरीटेलिंग, कैरेक्टर डिजाइन और AI कंटेंट वर्कफ्लो में होना अनिवार्य है।
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Meta AI
- फोटो : Meta
मिलेगी तगड़ी सैलरी
मेटा AI चैटबॉट्स के लिए कॉन्ट्रैक्टर्स को हायर कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी इन कॉन्ट्रैक्टर्स को घंटे के हिसाब से भुगतान करेगी जो अधिकतम 55 डॉलर प्रति घंटे (भारतीय रुपये में करीब ₹4,850) तक हो सकता है।
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पहले भी हुए थे प्रयोग
- फोटो : Freepik
पहले भी हुए थे प्रयोग
Meta ने इससे पहले भी AI चैटबॉट्स के अलग-अलग प्रयोग किए थे। कंपनी ने एक समय सेलिब्रिटी अल्टर-ईगो बॉट्स पेश किए थे, जिनकी आवाज बड़े सितारों ने दी थी। हालांकि यह प्रोजेक्ट ज्यादा सफल नहीं रहा। इसके बावजूद इसने कंपनी को AI Studio जैसे प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की दिशा दिखाई, जिसे 2024 में पेश किया गया और जिसके जरिए कोई भी यूजर खुद के चैटबॉट्स बना सकता है।
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Chatbot
- फोटो : Freepik
भारत क्यों है अहम?
इस बार Meta का निवेश दिखाता है कि भारत सिर्फ एक बड़ा यूजर बेस नहीं बल्कि संस्कृति-संवेदनशील AI टेक्नोलॉजी का टेस्टबेड भी है। इन कॉन्ट्रैक्टर्स द्वारा तैयार किए जाने वाले चैटबॉट्स सिर्फ एक तकनीक नहीं बल्कि स्थानीय भाषाओं में Meta की डिजिटल आवाज होंगे। अगर यह रणनीति सफल होती है, तो दक्षिण एशिया सहित कई बाजारों में एआई आधारित चैटबॉट्स का चेहरा बदल सकता है।
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