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पुलिस भर्ती-2018: टॉपर अंतिमा सिंह ने बताया सफलता का राज, कहा- यह अंतिम लक्ष्य नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, एटा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Wed, 04 Mar 2020 01:19 PM IST
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सार
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती-2018 में हरदोई निवासी अंतिमा सिंह ने टॉप किया है। अंतिमा वर्तमान में एटा में डीएलएड प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।

अंतिमा सिंह
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती-2018 की परीक्षा में टॉप करने वाली अंतिमा सिंह ने अपनी सफलता के पीछे कड़ी मेहनत और लगन बताया। अंतिमा सिंह का कहना है कि पुलिस में सिर्फ कांस्टेबल पद पर जॉब लेना ही उनका मकसद नहीं हैं। उन्हें और मेहनत कर उच्चस्तर मुकाम हासिल करना है।
अंतिमा सिंह ने वर्ष 2019 में ग्रेजुएशन पास करने के बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एटा (डायट) में डीएलएड में प्रवेश लिया। इससे पहले 2018 में भी अंतिमा ने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी, लेकिन वो दौड़ में पीछे रह गई थी। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 300 में से 248 अंक हासिल टॉप किया।
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अंतिमा सिंह ने वर्ष 2019 में ग्रेजुएशन पास करने के बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान एटा (डायट) में डीएलएड में प्रवेश लिया। इससे पहले 2018 में भी अंतिमा ने पुलिस भर्ती की परीक्षा दी थी, लेकिन वो दौड़ में पीछे रह गई थी। हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 300 में से 248 अंक हासिल टॉप किया।
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ऐसे की तैयारी

अंतिमा सिंह
- फोटो : Amar Ujala
अंतिमा सिंह ने बताया कि वो नोट्स बनाकर प्रतिदिन अभ्यास करती थीं। कोचिंग और घर पर कुल मिलाकर प्रतिदिन सात घंटे पढ़ाई करतीं थीं। उन्होंने कहा कि पुलिस में सिर्फ कांस्टेबल पद पर नौकरी पा लेना ही उनका मकसद नहीं हैं। उन्हें और मेहनत कर उच्चस्तर मुकाम हासिल करना है।
अंतिमा सिंह ने कहा कि आज भी कुछ लोग बेटा-बेटी में फर्क करते हैं। बेटियों को पुलिस में भेजने से कतराते हैं। जबकि बेटियां किसी से कम नहीं है। उन्होंने संदेश दिया कि समाज में प्रत्येक माता-पिता अपनी बेटियों को खुलकर जीने की आजादी देनी चाहिए ताकि वो अपने सपनो को पूरा कर सकें।
अंतिमा सिंह ने कहा कि आज भी कुछ लोग बेटा-बेटी में फर्क करते हैं। बेटियों को पुलिस में भेजने से कतराते हैं। जबकि बेटियां किसी से कम नहीं है। उन्होंने संदेश दिया कि समाज में प्रत्येक माता-पिता अपनी बेटियों को खुलकर जीने की आजादी देनी चाहिए ताकि वो अपने सपनो को पूरा कर सकें।
अंतिमा के पिता हैं किसान
अंतिमा के पिता सुनील कुमार किसान हैं। उन्होंने बेटी को कर्ज लेकर पढ़ाया और उसको आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। अंतिमा की मां अनीता सिंह गृहणी हैं और उनकी बड़ी बहन सुरभि सिंह पुलिस में हैं। अपनी बड़ी बहन को देखकर ही उन्होंने स्वयं भी पुलिस में भर्ती होने का फैसला लिया।