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मंसूर अली पार्क में बैठे प्रदर्शनकारी बोलेः नोटिस ही गैर कानूनी तो क्यों कराएं जमानत

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज Published by: विनोद सिंह Updated Sun, 08 Mar 2020 01:28 AM IST
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Protestors sitting in Mansoor Ali Park said: Why should bail be given only if the notice is illegal
prayagraj news - फोटो : prayagraj

सीएए, एनसीआर और एनपीआर के विरोध को लेकर तनाव बढ़ता दिख रहा है। आंदोलनकारियों ने शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में 107-16 के अंतर्गत मिले नोटिस का जवाब दिया। इसमें उन्होंने नोटिस के औचित्य पर ही सवाल उठाया है और गैर कानूनी बताया। उन्होंने फिलहाल जमानत कराने से भी इंकार कर दिया है। वहीं प्रशासन ने जमानत के लिए दो दिन का समय दिया है। इसके बाद वारंट जारी कर दिया जाएगा।



सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से शांति भंग के आरोप में 16 लोगों के खिलाफ 107-16 के तहत नोटिस भेजा गया है। तय तारीख के क्रम में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी और अधिवक्ता सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे थे। सिटी मजिस्ट्रेट मौजूद नहीं थे। इसके बाद उन्होंने एटीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया से मुलाकात की। एडीएम सिटी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट के पेशकार को उन्होंने नोटिस का जवाब दिया। आंदोलनकारियों की ओर से जवाब दिया गया है कि उन्होंने 107-16 के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है।

इसलिए पहले नोटिस का कारण बताया जाए इसके बाद वे जमानत या अन्य कार्रवाई पर विचार करेंगे। उन्होंने नोटिस वापस लिए जाने की भी मांग की। देर शाम तक सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला था। वहीं सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश मिश्र का कहना है कि सभी लोगों को दो दिन के भीतर जमानत कराने का मौका दिया गया है।

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नागरिकता कानून - फोटो : Amar Ujala Graphics

जमानत न कराने वालोें के खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा। कलेक्ट्रेट जाने वालों में अधिवक्ता राजवेंद्र सिंह, बीबी पाल, कपिल यादव, सत्येंद्र आजाद, राजीव सिंह, आरके गौतम, रंजीत यादव, काशान सिद्दीकी, नौशाद सईद, बादशाह, नसीम, पार्षद रमीज अहसन, सिम्मी ठेकेदार, जीशान रहमानी, फरहत उसमानी, असलम चौधरी, मुजफ्फर बागी, शुऐब अंसारी, अब्दुल्ला तेहामी, गुड्डू, युसूफ खान, विक्की, सायरा अहमद, उमर खालिद, इरशाद उल्ला, अफसर महमूद, शाह आलम, शम्स तबरेज, इफ्तेखार, शाने आलम  आदि शामिल रहे।

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Protestors sitting in Mansoor Ali Park said: Why should bail be given only if the notice is illegal
नागरिकता संशोधन कानून - फोटो : Amar Ujala Graphics
उधर, मंसूर अली पार्क में महिलाओं का धरना लगातार 56वें दिन जारी रहा। महिलाओं ने अलग-अलग मोहल्लों से जुलूस निकाले और धरने में शामिल हुईं। धरने में अलग-अलग संगठन के प्रतिनिधि भी शामिल हुए और सीएए के खतरों पर चर्चा की। महिलाआें ने प्रशासन और नगर निगम के नोटिस पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की घोषणा की। इस दौरान इरशाद उल्ला, सै.मो.अस्करी, अफसर महमूद आदि ने विचार रखे। वहीं एडीएम सिटी अशोक कनौजिया का कहना है कि धरना खत्म करने के लिए वार्ता की जा रही है। जल्द ही समाधान की उम्मीद है।

मुखबिरी का आरोप

सीएए के विरोध में जारी धरने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। धरने में शामिल एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि  कुछ लोग मुखबीरी कर रहे हैं और पुलिस उन्हीं के सुझाव पर नाम चिह्ति कर नोटिस भेज रही है। उनका कहना है कि मुखबीरी करने वालों में पीस कमेटी के पदाधिकारी भी शामिल हैं। पार्षद रमीज अहसन का कहना है कि खुल्दाबाद थाना एवं अटाला पुलिस चौकी इन मुखबीरों का अड्डा बन गया है। एसके सिंह, जीएस यादव आदि के हस्ताक्षर से सिटी मजिस्ट्रेट को शनिवार को ज्ञापन भी सौंपा गया।
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