पाकिस्तान की सीमा से लगे जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में सोमवार की सुबह हुए आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। शहीदों में शाहजहांपुर के बंडा थाना क्षेत्र के गांव अखत्यारपुर धौकल निवासी सारज सिंह भी शामिल हैं। सेना की ओर से सारज के भाई सुखबीर सिंह को सुबह दस बजे यह जानकारी दी गई है। गांव अखत्यारपुर धौकल निवासी विचित्र सिंह के तीन पुत्र सेना में हैं। छोटे बेटे सारज सिंह (26) वर्ष 2016 में सेना की 11 सिख रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। इन दिनों पर 16 आरआर रेजीमेंट के तहत कश्मीर के स्वर्णकोट में तैनात थे। सारज सिंह के भाई सुखबीर सिंह ने बताया कि सेना की ओर से उन्हें सूचना दी गई कि कश्मीर में पुंछ के पास चामरेर फॉरेस्ट एरिया में सेना के आतंक विरोधी सर्च ऑपरेशन के दौरान यह मुठभेड़ हुई। यहां घुसपैठ कर आए आतंकवादी भारी हथियारों से लैस थे। इस एनकाउंटर के दौरान सारज सिंह के साथ तीन जवान और एक जेसीओ शहीद हो गए।
सारज सिंह के शहीद होने की जानकारी पाकर आसपास के तमाम लोगों का उनके घर आना शुरू हो गया। लोगों ने कहा कि उनके क्षेत्र का लाल देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुआ है, इसका उन्हें गर्व है।
सुखबीर सिंह ने लोगों से कहा कि अभी उनके पिता, मां को सारज सिंह के शहीद होने के बारे में न बताएं। वह यह दुख सहन नहीं कर पाएंगे और उनको संभालना मुश्किल होगा। धीरे-धीरे सब मालूम हो जाएगा।
अनहोनी का शक होने पर सारज की पत्नी ने जेठ को किया था फोन
सैनिक सारज सिंह के शहीद होने की जानकारी उनके पिता, मां और पत्नी को अभी इसलिए नहीं दी गई कि पिता, मां और पत्नी अभी परेशान न हों। उधर, सोशल मीडिया पर सारज सिंह की शहादत की खबरें चलने लगी हैं। कुछ लोगों ने शहीद से संबंधित स्टेटस भी लगाए हैं। सारज सिंह की पत्नी रजविंदर कौर मायके पिहानी में हैं, लेकिन उन्होंने स्टेटस देखे तो उनको अनहोनी का शक हो गया है।
‘वीर जी की गल है तुसी मैंनू क्यूं नहीं दस दे...’
सोमवार रात में करीब दस बजे रजविंदर कौर ने अपने जेठ सुखबीर सिंह को फोन किया और पूछा ‘वीर जी की गल है तुसी मैंनू क्यूं नहीं दस दे।’ बहू की बात सुनकर सुखबीर की आंखों में आंसू आ गए और आवाज भर्रा उठी, लेकिन उन्होंने खुद पर काबू पाते हुए कहा कि कोई गल नहीं। फोन कटने के बाद सुखबीर सिंह घर से बाहर निकल आए और भाई की याद कर फफक उठे।