उत्तर प्रदेश में किसानों को ट्रांस गंगा सिटी प्रोजेक्ट की ज़मीन के उचित मुआवज़े की जगह भाजपा की लाठी मिल रही है, गन्ने का मूल्य नहीं मिल रहा, खड़ी फसल आवारा पशु खा रहे हैं, देश में अन्नदाताओं की आत्महत्याएं बढ़ती जा रही हैं... क्या भाजपा के राज में विकास की यही परिभाषा है. pic.twitter.com/MKPJcb4a4C
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 17, 2019
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PHOTOS: किसानों और पुलिस के बीच दूसरे दिन भी खूनी संघर्ष, ट्रांसगंगा सिटी में आगजनी, छावनी बना गांव
यूपी डेस्क, अमर उजाला, उन्नाव Published by: प्रभापुंज मिश्रा Updated Mon, 18 Nov 2019 12:13 AM IST
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किसानों और पुलिस के बीच दूसरे दिन भी खूनी संघर्ष
- फोटो : अमर उजाला

उन्नाव में दूसरे दिन भी किसानों और पुलिस के बीच खूनी संघर्ष हुआ। शनिवार को सात घंटे तक पुलिस और किसानों के बीच पथराव, लाठीचार्ज, आंसू गैस गोले दागने, मवेशी छोड़ने के बाद दूसरे दिन रविवार को किसान पुलिस की कार्रवाई से आक्रोशित हो गए। गुस्साए किसानों ने यूपीसीडा के निर्माणाधीन पावर हाउस के पास रखे पाइपों में आग लगा दी। जिसके बाद आसपास के क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। उन्नाव में हुए इस संघर्ष के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर भाजपा पर हमला बोला है।
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प्रतीकात्मक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
उन्नाव में यूपीसीडा (यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलेपमेंट अथॉरिटी) के ट्रांसगंगा सिटी प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण और मुआवजे का विरोध रविवार को भी देखने को मिला। फोर्स की मुस्तैदी से पूरा इलाका छावनी में तब्दील रहने के कारण खुले तौर पर विरोध के लिए कोई सड़क पर नहीं आया लेकिन यूपीसीडा साइट पर निर्माणाधीन बिजली घर और कुछ दूरी पर मिक्सर मशीन को आग को हवाले कर दिया गया।
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संघर्ष के बाद घरों में छुपे किसानों को निकालती पुलिस
- फोटो : अमर उजाला
दमकल की दो गाड़ियां दो घंटे बाद आग काबू कर सकीं। रात में लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम और एडीजी एसएन सावत ने भी पहुंचकर हालात का जायजा लिया। प्रशासन ने आग की दोनों घटनाओं को किसानों की आड़ में सक्रिय शरारती तत्वों की करामात बताया है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। शनिवार को पथराव और पुलिस लाठीचार्ज के बाद जमीनी स्तर पर बड़ी सख्ती से रविवार को कहीं सामूहिक विरोध देखने को नहीं मिला।

उन्नाव में किसानों और पुलिस के बीच हुए संघर्ष के बाद पेड़ पर चढ़े बच्चे
- फोटो : अमर उजाला
पुलिस और प्रशासन की टीमें सब ठीक मानकर चल रही थीं कि इसी बीच सुबह करीब 10:30 बजे साइट पर निर्माणाधीन विद्युत उपकेंद्र में आग लगाने की खबर मिली। छानबीन में स्पष्ट हुआ कि आग उपकेंद्र परिसर के पास रखे सीवरेज व जलापूर्ति के प्लास्टिक पाइपों के ढेर में लगाई गई है। दमकल उसे बुझा ही रही थी कि करीब एक किलोमीटर दूर शंकरपुर व कन्हवापुर गांव के बीच स्थित क्रेशर प्लांट स्थल पर खड़ी मिक्सर मशीन में भी कुछ लोगों ने आग लगा दी। आनन फानन दमकल की दूसरी गाड़ी वहां पहुंची और आग पर काबू पाया।
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संघर्ष के बाद छावनी में तब्दील हुआ गांव
- फोटो : अमर उजाला
सूचना पर डीएम देवेंद्र पांडेय, एसपी एमपी वर्मा, एडीएम राकेश कुमार, एएसपी वीके पांडेय सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने गांव में रूट मार्च किया और शनिवार को दर्ज हुई रिपोर्ट में नामजद आरोपियों की धरपकड़ के लिए दबिश शुरू की। रविवार को हुई आगजनी की घटनाओं में पुलिस ने शक के आधार पर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है।