तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की कामयाबी ने भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कद देश और दुनिया में बढ़ा दिया। गाजीपुर बॉर्डर पर वह कार्यकर्ताओं के साथ सादगी के साथ पहुंचे थे, लेकिन आंदोलन कामयाब हुआ तो फतेह मार्च में किसानों की भीड़ जुट गई। पश्चिमी यूपी के अलावा हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के किसान उनके अभिनंदन के लिए सिसौली पहुंचे। राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की नई ताकत और उम्मीद बनकर वापस लौटे हैं।
देश-दुनिया में बढ़ा टिकैत का कद: सादगी से गए थे गाजीपुर बॉर्डर, अब फतेह मार्च लेकर लौटे, पढ़ें- उनसे जुड़ी ये खास बातें
ऐसा पहली बार हुआ कि अकेले दम पर चौधरी राकेश टिकैत ने आंदोलन को नया मोड़ दे दिया। किसानों के हर मुद्दे पर अब किसान उनसे अपेक्षा करेंगे। उनका हर कदम पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होगा और उस पर किसानों की निगाह टिकी होगी।
राकेश टिकैत को मिला 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड
किसान आंदोलन का चेहरा बनें भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को 21वीं सेंचुरी आइकॉन अवार्ड भी मिला। 10 दिसंबर की रात गाजीपुर बॉर्डर पर उन्हें यह सम्मान दिया गया। लंदन की स्क्वेयरड वाटरमेलन कंपनी दुनिया के लिए मिसाल बनने वाली शख्सियत को हर साल आइकॉन अवार्ड देती है।
सोशल मीडिया पर लाखों बन गए फैन
किसान आंदोलन की वजह से ही सोशल मीडिया पर भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत को फॉलो करने वालों की संख्या तेजी के साथ बढ़ी है।
अब राकेश टिकैत के फेसबुक और ट्विटर पेज पर लाखों फॉलोवर हैं। उनका एक मैसेज कुछ ही देर में वायरल हो जाता है।
