तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की कामयाबी ने भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कद देश और दुनिया में बढ़ा दिया। गाजीपुर बॉर्डर पर वह कार्यकर्ताओं के साथ सादगी के साथ पहुंचे थे, लेकिन आंदोलन कामयाब हुआ तो फतेह मार्च में किसानों की भीड़ जुट गई। पश्चिमी यूपी के अलावा हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के किसान उनके अभिनंदन के लिए सिसौली पहुंचे। राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर से किसानों की नई ताकत और उम्मीद बनकर वापस लौटे हैं।
गाजीपुर बॉर्डर से बुधवार को फतेह मार्च में उमड़े किसानों की उम्मीदों का भार अब चौधरी राकेश टिकैत के कंधों पर रहेगा। 363 दिन के कामयाब आंदोलन ने उनकी पहचान बदलने का काम किया है। भले ही इस आंदोलन से पहले भी वह देशभर में किसानों की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन तब स्वर्गीय भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के मार्गदर्शन की छांव भी थी।
गाजीपुर बॉर्डर से बुधवार को फतेह मार्च में उमड़े किसानों की उम्मीदों का भार अब चौधरी राकेश टिकैत के कंधों पर रहेगा। 363 दिन के कामयाब आंदोलन ने उनकी पहचान बदलने का काम किया है। भले ही इस आंदोलन से पहले भी वह देशभर में किसानों की लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन तब स्वर्गीय भाकियू अध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के मार्गदर्शन की छांव भी थी।