यूपी के पीलीभीत में मुठभेड़ में तीन खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने की घटना ने जिले में 1990 के दशक में चरम पर रहे आतंकवाद की घटनाओं की याद को ताजा कर दिया। तब पूरनपुर क्षेत्र में आतंकवाद चरम पर था। आतंकियों ने पूरनपुर में तैनात रहे कोतवाल जितेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं 1992 में माला जंगल में कटरुआ बीनने गए 29 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी।
कभी पीलीभीत में चरम पर था आतंक: 29 लोगों की हुई थी मौत, पांच पुलिसवाले और बाप-बेटे को लाइन में खड़ाकर भूना था
संवाद न्यूज एजेंसी, पूरनपुर (पीलीभीत)
Published by: Vikas Kumar
Updated Tue, 24 Dec 2024 07:09 AM IST
सार
वर्ष 1988-89 से शुरू हुआ आतंकवाद नब्बे के दशक में पूरनपुर क्षेत्र में चरम पर था। फिरौती के लिए कब किसका अपहरण हो जाए, लोग दहशत में रहते थे। माला जंगल में कटरुआ बीनने गए गांव घुंघचाई के 19 और गजरौला थाना के गांव शिवनगर निवासी 10 लोगों की जंगल में डेरा जमाए आतंकवादियों ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।
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