माफिया डान मुन्ना बजरंगी के करीबी ठेकेदार मो. तारिक (40) निवासी वाराणसी की लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार में गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। वह कावेरी अपार्टमेंट स्थित अपने फ्लैट से लग्जरी एसयूवी से निकला था, तभी बाइक सवार बदमाश पीछे लग गए। बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं। तारिक बचने के लिए भागा। ओवरब्रिज पर पहुंचते ही बदमाशों ने कार रोककर तारिक को मौत के घाट उतार दिया। आगे की स्लाइड्स देखें...
तारिक के सीने व हाथ पर एक-एक गोली लगी है। वारदात की जानकारी पाकर पहुंची गोमतीनगर पुलिस खून से लथपथ तारिक को लोहिया अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एएसपी उत्तरी अनुराग वत्स ने बताया कि तारिक मूलरूप से वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र स्थित विशेश्वरगंज का रहने वाला था। तारिक के खिलाफ वाराणसी में हत्या के प्रयास, गुंडा एक्ट सहित अन्य आरोपों में तीन मुकदमे दर्ज थे। यहां वह अपनी पत्नी-बच्चों और बड़े भाई मो. तौसीफ के साथ रहकर परिवहन विभाग में ठेकेदारी करता था।
आईजी जोन जयनारायण सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल पहुंचकर मौका-मुआयना किया। लोहिया अस्पताल में माफिया डान मुन्ना बजरंगी के गुर्गे और परिवारीजनों का जमावड़ा लग गया। आईजी का कहना है कि तारिक की हत्या के तार मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह और उसके साथी संजय की हत्या से जुड़े लग रहे हैं। दोनों को पांच मार्च 2016 की रात बाइक सवार बदमाशों ने विकासनगर स्थित घर के पास ताबड़तोड़ गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। तारिक की हत्या को पुष्पजीत सिंह के कत्ल से जोड़ते हुए पुलिस गैंगवार की आशंका जता रही है।
तारिक की हत्या का दृश्य अंडरवर्ल्ड की फिल्मी गैंगवार जैसा था। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विजया बैंक के सामने बदमाशों ने तारिक की कार पर गोलियां मारकर उसे रोकने की कोशिश की। वह भागा तो बदमाश पीछे लग गए। तारिक की गाड़ी आगे चल रही थी और बाइक पर असलहे लहराते व गालियां बकते हुए बदमाश पीछे दौड़ रहे थे। करीब 300 मीटर तक पीछा करते हुए बदमाश ओवरब्रिज के ऊपर उसकी कार के बराबर पहुंच गए। बदमाशों ने कार रुकवाने के लिए ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
तारिक की हत्या से आधे घंटे पहले तक उसके साथ रहे राजेश नाम के युवक को पुलिस ने पूछताछ के लिए उठा लिया है। गोमतीनगर इंस्पेक्टर आनंद प्रकाश शुक्ला का मानना है कि वारदात में भाड़े के हत्यारों का इस्तेमाल किया गया है। पुलिस के मुताबिक डेढ़ साल पहले मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह और उसके दोस्त की हत्या का तरीका भी ऐसा ही था।