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India-Iran : भारत-ईरान के बीच क्या होने जा रहा है, यूरोप-अमेरिका के प्रस्ताव से भारत ने क्यों बनाई दूरी? जानिए दो बड़े कारण

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Tue, 14 Jun 2022 10:30 AM IST
सार

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) में ईरान की निंदा वाले प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से भारत अलग रहा। वह भी तब जब ये प्रस्ताव भारत का सबसे मजबूत दोस्त माने जाने वाले अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश लेकर आए थे। भारत के इस कदम के कई कूटनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इससे भारत-ईरान के रिश्ते मजबूत होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।  

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India-Iran relationship why did India support Iran know two reasons
भारत-ईरान के बीच बेहतर होते रिश्ते। - फोटो : अमर उजाला
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) में ईरान की निंदा वाले प्रस्ताव पर हुई वोटिंग से भारत अलग रहा। वह भी तब जब ये प्रस्ताव भारत का सबसे मजबूत दोस्त माने जाने वाले अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश लेकर आए थे। भारत के इस कदम के कई कूटनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इससे भारत-ईरान के रिश्ते मजबूत होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।  

 
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India-Iran relationship why did India support Iran know two reasons
आईएईए - फोटो : अमर उजाला
IAEA में क्या हुआ?
ईरान के खिलाफ अमेरिका, यूके, फ्रांस और जर्मनी की ओर से ड्राफ्ट निंदा प्रस्ताव शनिवार को लाया गया था। अमेरिका ने कहा कि ईरान ने तीन अघोषित स्थलों पर यूरेनियम कणों को 'तकनीकी रूप से विश्वसनीय स्पष्टीकरण' प्रदान नहीं किया है। हालांकि, ईरान ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया। 

ईरान के अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की गुप्त और अपंजीकृत परमाणु गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया गया है। यह भी बताया कि पारदर्शिता के लिए ईरान में 40 से अधिक निगरानी कैमरे चालू रहेंगे। इस प्रस्ताव के पक्ष में 30 देशों ने वोट किया, जबकि रूस और चीन ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया। भारत, पाकिस्तान, लीबिया ने खुद को वोटिंग से अलग रखा। 

 
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ईरान के विदेश मंत्री का भारत दौरा - फोटो : अमर उजाला
भारत और ईरान के बीच क्या चल रहा है?
2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी तो भारत के रिश्ते इस्राइल के साथ काफी मजबूत हुए। इसके बाद ईरान के साथ दूरियां बढ़ने लगीं। कश्मीर पर ईरान ने बयान दिया तो ये दूरियां और बढ़ गईं। अमेरिका के प्रतिबंध के चलते भारत ने ईरान से तेल खरीदना भी बंद कर दिया। व्यापारिक रिश्ते काफी कमजोर हो गए। बाद में दोनों देशों ने इसे सुधारने की कोशिश की। 
 
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ईरान के राष्ट्रपति के साथ भारतीय विदेश मंत्री - फोटो : अमर उजाला
जब एक महीने में दो बार ईरान गए विदेश मंत्री
2021 में विदेश मंत्री एस जयशंकर एक महीने के अंदर दो बार ईरान पहुंचे। पहले उन्हें राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया था। जयशंकर के दौरों के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर होने की पहल हुई।  
 
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते ईरान के विदेश मंत्री। - फोटो : अमर उजाला
फिर ईरान के विदेश मंत्री भारत आए
हाल ही में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह तीन दिन के दौरे पर भारत आए। इस दौरान उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की। दोनों देशों के बीच व्यापारिक, सांस्कृतिक रिश्तों को बढ़ाने को लेकर समझौता हुआ। 
 
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