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Balotra: बायतु विधानसभा में निर्वाचन कार्य में लापरवाही, बीएलओ निलंबित, जिला निर्वाचन अधिकारी ने की कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला,बालोतरा
Published by: बालोतरा ब्यूरो
Updated Sat, 22 Nov 2025 11:11 AM IST
सार
बालोतरा जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2026 के तहत चल रहे निर्वाचन कार्यों की निगरानी करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने बायतु विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ दीपाराम को लापरवाही, अनुपस्थित रहने और टीम वर्क में बाधा डालने के आरोप में निलंबित कर दिया।
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बालोतरा में निर्वाचन लापरवाही पर सख्त कार्रवाई
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बालोतरा जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2026 के तहत चल रहे निर्वाचन कार्यों की प्रगति पर जिला प्रशासन लगातार निगरानी रख रहा है। इसी प्रक्रिया में जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बायतु विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ और वरिष्ठ अध्यापक दीपाराम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। प्रशासन ने इसे निर्वाचन कार्य में गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता का मामला माना है।
अधिकारियों के अनुसार भाग संख्या 66 पर नियुक्त बीएलओ दीपाराम को मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों और परिगणना प्रपत्रों के कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उनकी कार्यप्रगति बेहद धीमी पाई गई। कई बार मौखिक और लिखित निर्देश देने, यहां तक कि कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद उनके काम में कोई सुधार नहीं हुआ।
इसके अलावा, दीपाराम विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रथम ब्रीफिंग और प्रशिक्षण सत्र से भी अनुपस्थित रहे। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उन्होंने अन्य बीएलओ के कार्य में बाधा डालने की भी कोशिश की, जिससे निर्वाचन कार्य प्रभावित हुआ। जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 13 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दीपाराम को निलंबित किया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय उपखण्ड अधिकारी, सिवाना कार्यालय रहेगा। इस दौरान वे बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे तथा उन्हें नियमानुसार निलंबन भत्ता दिया जाएगा।
ये भी पढ़ें: Rajasthan IAS Transfer: 48 IAS अफसरों के तबादले, शिखर हटे, अखिल अरोड़ा बने CM एसीएस
कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने स्पष्ट कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है और इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता लोकतंत्र से समझौता है। इसलिए ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाना आवश्यक है। इस कार्रवाई के बाद जिले भर में तैनात बीएलओ, पर्यवेक्षक और अन्य निर्वाचन कार्मिकों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन अन्य क्षेत्रों की प्रगति की भी समीक्षा कर रहा है और जहां भी ढिलाई मिलेगी, वहां और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
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अधिकारियों के अनुसार भाग संख्या 66 पर नियुक्त बीएलओ दीपाराम को मतदाता सूची पुनरीक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों और परिगणना प्रपत्रों के कार्य की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उनकी कार्यप्रगति बेहद धीमी पाई गई। कई बार मौखिक और लिखित निर्देश देने, यहां तक कि कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद उनके काम में कोई सुधार नहीं हुआ।
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इसके अलावा, दीपाराम विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रथम ब्रीफिंग और प्रशिक्षण सत्र से भी अनुपस्थित रहे। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि उन्होंने अन्य बीएलओ के कार्य में बाधा डालने की भी कोशिश की, जिससे निर्वाचन कार्य प्रभावित हुआ। जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 13 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दीपाराम को निलंबित किया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय उपखण्ड अधिकारी, सिवाना कार्यालय रहेगा। इस दौरान वे बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे तथा उन्हें नियमानुसार निलंबन भत्ता दिया जाएगा।
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कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने स्पष्ट कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव है और इसमें किसी भी प्रकार की उदासीनता लोकतंत्र से समझौता है। इसलिए ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाना आवश्यक है। इस कार्रवाई के बाद जिले भर में तैनात बीएलओ, पर्यवेक्षक और अन्य निर्वाचन कार्मिकों को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन अन्य क्षेत्रों की प्रगति की भी समीक्षा कर रहा है और जहां भी ढिलाई मिलेगी, वहां और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।