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Balotra News: कमाई करने सऊदी अरब गए युवक की संदिग्ध मौत, शव को भारत लाने में अक्षम परिवार ने लगाई मदद की गुहार
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बालोतरा
Published by: बालोतरा ब्यूरो
Updated Sat, 22 Nov 2025 08:55 AM IST
सार
परिवार को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए रोजगार की तलाश में सऊदी गए युवक की संदिग्ध मौत हो गई। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने शव को भारत लाने के लिए विदेश मंत्री को पत्र लिखा है।
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मृतक रमेश
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विस्तार
रोजगार की तलाश में सऊदी अरब गया बालोतरा का 19 वर्षीय युवक रमेश कुमार मेघवाल रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत्यु का शिकार हो गया। विदेश में बेटे की मौत की खबर सुनते ही परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा, वहीं आर्थिक तंगी के कारण वे उसके पार्थिव शरीर को भारत लाने में भी असमर्थ हैं। इस जटिल स्थिति को देखते हुए बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से तुरंत हस्तक्षेप कर सरकारी खर्चे पर शव लाने सहित आवश्यक मानवीय सहायता देने की मांग उठाई है।
रमेश कुमार पुत्र खम्माराम मेघवाल, निवासी मेघवालों की ढाणी सोहड़ा 11 नवंबर को बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ सऊदी अरब के लिए रवाना हुआ था। परिजनों के अनुसार अंतिम बार 13 नवंबर को उसके साथ बातचीत हुई थी। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया और परिवार लगातार संपर्क करने की कोशिश करता रहा।
17 नवंबर को अचानक नियोक्ता की ओर से रमेश की मृत्यु की सूचना मिली। मौत के कारण स्पष्ट नहीं होने से संदेह और बढ़ गया है। ग्रामीणों तथा परिवार का कहना है कि रमेश पूरी तरह स्वस्थ और सामान्य था, इसलिए उसकी अचानक मौत पर विश्वसनीय जानकारी सामने आना बेहद जरूरी है। रमेश का परिवार आर्थिक रूप से इतना कमजोर है कि वे विदेश जाकर कोई कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है। यहां तक कि सऊदी अरब से भारत तक शव लाने का खर्च भी लाखों में होने के कारण वे यह भार वहन करने में पूरी तरह असमर्थ हैं।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि रमेश विदेश गया भी तो सिर्फ परिवार की हालत सुधारने के लिए लेकिन अब उसके लौटने की उम्मीद भी टूट चुकी है और अंतिम संस्कार के लिए उसके पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा उन्हें और मुश्किल में डाल रही है।
परिवार की व्यथा सुनने के बाद सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने तत्परता दिखाते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को विस्तृत पत्र भेजा। पत्र में उन्होंने मांग की है कि भारतीय दूतावास, रियाद को जरूरी निर्देश देकर सरकारी खर्चे पर शव भारत लाया जाए और परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान की जाए। मृत्यु के वास्तविक कारणों की जांच कराई जाए और परिजनों को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
ये भी पढ़ें: Rajasthan IAS Transfer: 48 IAS अफसरों के तबादले, शिखर हटे, अखिल अरोड़ा बने CM एसीएस
बेनीवाल ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधी बातचीत भी की है। इसके अलावा उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि भारतीय दूतावास रियाद और यूएई दूतावास नई दिल्ली को भी भेजी है ताकि सभी एजेंसियां समन्वय के साथ तेजी से कार्रवाई कर सकें।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि खाड़ी देशों में काम करने वाले लाखों भारतीय युवाओं का जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरता है। ऐसे में उनकी सुरक्षा और आपात स्थिति में परिवारों को समय पर सहायता मिलना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि रमेश जैसे गरीब परिवार के युवाओं की आकांक्षाओं के पीछे पूरे घर की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। उनकी असामयिक मौत न सिर्फ भावनात्मक क्षति है, बल्कि परिवार पर आर्थिक बोझ और कानूनी लड़ाई का संकट भी खड़ा कर देती है।
रमेश के परिवार की अपील है कि हमारे बेटे को घर लाने में सरकार मदद करे, हमें न्याय मिले। स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण भी परिवार के साथ खड़े हैं और प्रशासन से जल्द से जल्द राहत प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।
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रमेश कुमार पुत्र खम्माराम मेघवाल, निवासी मेघवालों की ढाणी सोहड़ा 11 नवंबर को बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ सऊदी अरब के लिए रवाना हुआ था। परिजनों के अनुसार अंतिम बार 13 नवंबर को उसके साथ बातचीत हुई थी। इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया और परिवार लगातार संपर्क करने की कोशिश करता रहा।
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17 नवंबर को अचानक नियोक्ता की ओर से रमेश की मृत्यु की सूचना मिली। मौत के कारण स्पष्ट नहीं होने से संदेह और बढ़ गया है। ग्रामीणों तथा परिवार का कहना है कि रमेश पूरी तरह स्वस्थ और सामान्य था, इसलिए उसकी अचानक मौत पर विश्वसनीय जानकारी सामने आना बेहद जरूरी है। रमेश का परिवार आर्थिक रूप से इतना कमजोर है कि वे विदेश जाकर कोई कानूनी या प्रशासनिक कार्रवाई करने की स्थिति में नहीं है। यहां तक कि सऊदी अरब से भारत तक शव लाने का खर्च भी लाखों में होने के कारण वे यह भार वहन करने में पूरी तरह असमर्थ हैं।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि रमेश विदेश गया भी तो सिर्फ परिवार की हालत सुधारने के लिए लेकिन अब उसके लौटने की उम्मीद भी टूट चुकी है और अंतिम संस्कार के लिए उसके पार्थिव शरीर की प्रतीक्षा उन्हें और मुश्किल में डाल रही है।
परिवार की व्यथा सुनने के बाद सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने तत्परता दिखाते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को विस्तृत पत्र भेजा। पत्र में उन्होंने मांग की है कि भारतीय दूतावास, रियाद को जरूरी निर्देश देकर सरकारी खर्चे पर शव भारत लाया जाए और परिवार की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए तत्काल मानवीय सहायता प्रदान की जाए। मृत्यु के वास्तविक कारणों की जांच कराई जाए और परिजनों को स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराई जाए।
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बेनीवाल ने इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधी बातचीत भी की है। इसके अलावा उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि भारतीय दूतावास रियाद और यूएई दूतावास नई दिल्ली को भी भेजी है ताकि सभी एजेंसियां समन्वय के साथ तेजी से कार्रवाई कर सकें।
सांसद बेनीवाल ने कहा कि खाड़ी देशों में काम करने वाले लाखों भारतीय युवाओं का जीवन कठिन परिस्थितियों में गुजरता है। ऐसे में उनकी सुरक्षा और आपात स्थिति में परिवारों को समय पर सहायता मिलना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि रमेश जैसे गरीब परिवार के युवाओं की आकांक्षाओं के पीछे पूरे घर की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। उनकी असामयिक मौत न सिर्फ भावनात्मक क्षति है, बल्कि परिवार पर आर्थिक बोझ और कानूनी लड़ाई का संकट भी खड़ा कर देती है।
रमेश के परिवार की अपील है कि हमारे बेटे को घर लाने में सरकार मदद करे, हमें न्याय मिले। स्थानीय जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण भी परिवार के साथ खड़े हैं और प्रशासन से जल्द से जल्द राहत प्रदान करने की मांग कर रहे हैं।