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Rajasthan News: केंद्र के बाहर ईमान के स्लोगन, अंदर ठगी का खेल; ई-मित्र संचालकों की हरकत देख दंग रह गई पुलिस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दौसा Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Sun, 23 Nov 2025 02:59 PM IST
सार

ये लोग अपात्र व्यक्तियों का डेटा चोरी कर सरकारी योजनाओं में फर्जी आवेदन लगाते थे और OTP बायपास कर लाभार्थी बन जाते थे। पुलिस ने विक्रम सैनी की करोड़ों की संपत्ति, दुकान से रिकॉर्ड और डिजिटल उपकरण जब्त किए। गिरोह कई एजेंटों और सब-एजेंटों के जरिए बड़े पैमाने पर साइबर ठगी कर रहा था।

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Rajasthan News: Crores of rupees defrauded in government schemes in Dausa, e-mitra operator arrested
ठगी का आरोपी ई-दिशा केंद्र का संचालक। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दौसा जिले के सरकारी योजना में फर्जी लाभार्थी बना कर करोड़ों ठगने वाले ई-मित्र संचालक और मास्टरमाइंड को पुलिस ने गीजगढ़ से गिरफ्तार किया है। ये ठग सरकारी योजनाओं में अपात्र लोगों का डेटा चोरी कर नये फॉर्म से अप्लाई करते और पीड़ित के फोन पर आए OTP को बायपास कर योजनाओं में लाभार्थी बन जाते थे। पुलिस मौका तस्दीक कराने ठगी के मास्टरमाइंड और ई-मित्र संचालकों को लेकर गीजगढ़ कस्बे में उसकी दुकान पर पहुंची।

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पुलिस जब मास्टरमाइंड विक्रम सैनी के यहां पहुंचने की जानकारी लगते ही कार्रवाई देखने बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों व पुलिस का ध्यान ठग ईमित्र संचालक की दुकान के बाहर लिखे स्लोगन 'धनवान बनना इतना आवश्यक नहीं कि उसके लिए ईमान खोना पड़े' देखकर लोग ही नहीं पुलिस भी दंग रह गई।
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अन्य ई-मित्र संचालकों पर भी पुलिस की कड़ी नजर
पुलिस के अनुसार, सरकारी योजनाओं में सरकार को चूना लगाने वाले ई मित्र संचालक नरेश कुमार और मास्टरमाइंड विक्रम सैनी को गिरफ्तार किया गया है। उससे मामले में पूछताछ जारी है, वह इस पूरे नेक्सस के मास्टरमाइंड विक्रम सैनी के करीबियों में से एक है। इससे पहले झालावाड़ पुलिस टीम ने सिकराय तहसील कार्यालय के सामने पंचायत समिति की दुकानों में संचालित आरोपी की ई-मित्र की दुकान पर छापा मारा। इस दुकान से कंप्यूटर, लैपटॉप सहित अन्य रिकॉर्ड जब्त किया गया है। जब्त किए गए सभी रिकॉर्ड और उपकरणों के साथ पुलिस टीम संचालक को लेकर झालावाड़ ले गई थी। जानकारी के अनुसार, नरेश भी ठगी के मास्टरमाइंड विक्रम के संपर्क में आकर सिकराय क्षेत्र में सरकारी योजनाओं से साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने में शामिल है।

ऑपरेशन शटरडाउन
झालावाड़ एसआईटी की टीम सिकराय कस्बे में तहसील के सामने संचालित नरेश की ई&मित्र की दुकान पर पहुंची। यहां दुकान के बाहर गायत्री परिवार का लिखवाया संदेश था- 'धनवान बनना इतना आवश्यक नहीं कि उसके लिए ईमान खोना पड़े।'

झालावाड़ एसपी अमित बुढानिया ने सोशल साइट एक्स पर लिखा- झालावाड़ पुलिस ने विक्रम सैनी और नरेश सैनी के ठिकानों पर दबिश दी। इनके एक ठिकाने के बाहर लिखा था धनवान बनना इतना आवश्यक नहीं कि ईमान खोना पड़े। कितनी सही पक्तियां लिखी हैं इन्होंने, शायद विरोधाभास रहा होगा इन पक्तियों और इनके कारनामों में। इनकी करतूतें उजागर हुई, ये पकड़े गए, इनका शटरडाउन हुआ और ये पक्तियां आज भी वही सच बोल रही हैं।

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मास्टरमाइंड की गीजगढ़ में करोड़ों की प्रॉपर्टी
झालावाड़ पुलिस ठगी के मास्टरमाइंड विक्रम को लेकर गीजगढ़ कस्बे में भी पहुंची, जहां उसके करोड़ों का मकान व प्रॉपर्टी बताई जा रही है। पुलिस पहुंचने के दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई, पुलिस ने यहां से भी जरूरी रिकॉर्ड और दस्तावेज जब्त किए हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर कमाए करोड़ों रुपयों से विभिन्न शहरों में फ्लैट, मकान, दुकान और प्रॉपर्टी खरीद रखे हैं। जिनमें से अधिकतर को अपने रिश्तेदारों के नाम भी करा रखा है। पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच पड़ताल में जुटी हुई है।

ऐसे चलता था कड़ी से कड़ी जोड़कर नेक्सस
पुलिस के अनुसार, ठगी गिरोह चलाने वाला रामावतार सैनी अपने एजेंट और सब एजेंट के जरिए पीएम किसान और अन्य योजनाओं में अपात्र लोगों का डेटा नरेश सैनी को उपलब्ध करवाता था। नरेश उस डेटा को विक्रम सैनी को उपलब्ध करवाता था। सविक्रम पीएम किसान योजना के पोर्टल में रही खामियों का फायदा उठाकर ओटीपी बायपास करते हुए अपात्र लाभार्थियों को गलत तरीके से लाभार्थियों की पात्रता सूची में जोड़कर अनुचित फायदा प्राप्त कर राजकोष को नुकसान पहुंचा रहा था।

वह पोर्टल के साथ कई स्तर पर छेड़छाड़ कर सैकड़ों की संख्या में आईडी बनाकर एजेंटों को बेचकर मोटा फायदा प्राप्त करता था। पुलिस ने बताया कि प्रकरण में अब तक 40 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। आरोपी के गांव व सिकराय क्षेत्र में जो भी एजेंट बने हुए हैं, उनकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।


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