Jhalawar News: युवक की मौत के बाद झालावाड़ अस्पताल में हंगामा, पुलिस पर लगाया मारपीट करने का आरोप
चाकूबाजी की एक घटना में वांछित युवक की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए जिला अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इधर पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी से बचकर भागते समय गिर जाने के कारण युवक की मौत हुई है।
विस्तार
शहर के नई जेल क्षेत्र में हुई चाकूबाजी की घटना से जुड़े एक मामले में वांछित युवक की मौत के बाद रविवार को झालावाड़ जिला अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ। मृतक के परिजनों और समाज के लोगों ने पुलिस पर युवक के साथ मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं पुलिस ने आरोपों को खारिज करते हुए युवक के भागते समय गिरकर घायल होने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार 18 दिसंबर को झालावाड़ शहर में चाकूबाजी की एक घटना हुई थी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जेल रोड निवासी अनिल राव वांछित था। जब पुलिस उसे पकड़ने पहुंची तो वह भागने लगा और गिरने से घायल हो गया। इसके बाद उसे झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर कोटा रैफर किया गया। कोटा में उपचार के दौरान अनिल की मौत हो गई।
दूसरी ओर मृतक के परिजनों का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी अनिल को जबरन घर से उठाकर ले गए और उसके साथ गंभीर मारपीट की गई। हालत बिगड़ने पर उसे झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में छोड़ दिया गया, जहां से सूचना मिलने पर परिजन उसे कोटा लेकर पहुंचे, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। रविवार को अनिल का शव झालावाड़ लाया गया और जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। परिजनों का कहना है कि अनिल मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करता था और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने निर्दोष युवक के साथ मारपीट कर उसकी जान ले ली।
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कोटा में युवक की मौत की सूचना मिलते ही परिजन और समाज के लोग झालावाड़ जिला अस्पताल में एकत्रित हो गए। जैसे ही शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया, भीड़ ने नारेबाजी करते हुए अस्पताल परिसर में प्रवेश कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपित पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
स्थिति बिगड़ते देख अस्पताल परिसर में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। मौके पर उपखंड अधिकारी अभिषेक चारण भी पहुंचे और समझाइश का प्रयास किया लेकिन लोग हत्या का मामला दर्ज करने और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। करीब दो घंटे तक अस्पताल परिसर में विरोध प्रदर्शन चलता रहा। रविवार शाम को प्रशासन, पुलिस, परिजन और समाज के प्रतिनिधियों के बीच समझौता होने के बाद मामला शांत हुआ। एसडीएम अभिषेक चारण और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचंद मीणा ने करीब दो घंटे तक समझाइश कर स्थिति को नियंत्रित किया।
तीन बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। समझौते में मृतक के परिजन को संविदा पर नौकरी, उचित मुआवजा तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सहमति बनी। इसके बाद शव को मोर्चरी में रखवाया गया, जिसका सोमवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।
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